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ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी सेना ने दो रिहायशी इमारतों पर बमबारी करते हुए कम से कम 84 लोगों की जान ले ली है। फिलिस्तीन के सरकारी सूचना कार्यालय ने इस क्षेत्र के उत्तर में दो आवासीय भवनों पर बमबारी में 84 नागरिकों के शहीद होने की पुष्टि की है ।

उत्तरी ग़ज़्ज़ा में दो आवासीय इमारतों को निशाना बनाकर किये गए बर्बर हमलों में 84 लोगों की शहादत हो गयी जिसमे 50 से अधिक बेगुनाह बच्चे थे।

ग़ज़्ज़ा पट्टी में सरकारी सूचना कार्यालय ने फिलिस्तीनी लोगों के नरसंहार और क़त्लेआम के लिए ज़ायोनी शासन, अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, फ्रांस और फिलिस्तीनी लोगों के नरसंहार में भाग लेने वाले अन्य देशों की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है।

 

 

उम्मत ए वाहिदा पाकिस्तान के प्रमुख, अल्लामा मोहम्मद अमीन शहीदी ने कहा है कि इज़राईली हुकूमत ने ईरान के खिलाफ शरारतपूर्ण कदम उठाकर अमेरिका को भी अपने साथ रुसवा कर दिया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,उम्मत ए वाहिदा पाकिस्तान के प्रमुख अल्लामा मोहम्मद अमीन शहीदी ने कहा,26 अक्टूबर 2024 को ईरान के विभिन्न प्रांतों में सैन्य केंद्रों पर असफल हमलों के बाद दुनिया भर में इसराइल और उसके समर्थक अमेरिका के खिलाफ नफरत बढ़ गई है।

उन्होंने कहा,इसराइल ने अमेरिकी समर्थन के साथ ईरान पर हमला किया ईरान ने हमलों के बाद जवाबी कार्रवाई की घोषणा की है। पर्यवेक्षकों के अनुसार, इसराइल ने ईरान पर असफल हमला कर अपनी और अधिक बदनामी का कारण बना दिया है।

अल्लामा मोहम्मद अमीन शहीदी ने कहा,ईरान पर हमला विफल होने के बाद अमेरिका और इसराइल दुनिया में और अधिक बेआबरू हो गए हैं।

 

उन्होंने इसराइल के हमले के बारे में कहा,ईरान की 'वादा ए सादिक 2' ऑपरेशन के बाद दुनिया में इसराइल की साख समाप्त हो गई।

अल्लामा शहीदी ने कहा,दुनिया में अपनी रक्षा और सैन्य शक्ति का ढोंग रचने वाले इसराइल की रक्षा में कमजोरी 'वादा-ए-सादिक 2' ऑपरेशन के बाद खुलकर सामने आ गई है ईरान ने अपने मिसाइलों के जरिए इसराइल की रक्षा शक्ति के भ्रम को समाप्त कर दिया।

उन्होंने कहा,अमेरिका और पश्चिमी देशों की भारी मदद के बावजूद ईरान ने अपनी रक्षा शक्ति से इसराइल को दुनिया में बेआबरू कर दिया दूसरी ओर इसराइल को गाजा में भी कोई उल्लेखनीय सफलता नहीं मिली है।

अंग्रेज़ी भाषा के संचार माध्यमों ने ज़ायोनी सरकार के हमले का मुंहतोड़ और करारे जवाब" शब्दों को अपनी सुर्खी बनाई और उसे सर्वोपरि रखा।

इर्ना के हवाले से रिपोर्ट दी है कि ईरान की इस्लामी क्रांति के नेता ने ज़ायोनी सरकार के अतिक्रमण के जवाब के बारे में शनिवार को जो बयान था उस पर पश्चिमी संचार माध्यमों ने प्रतिक्रिया दिखाई है और उनके बयान के कुछ शब्दों को हाइलाइट किया है और उसे सुर्खी बनाई है।

न्यूज़ एजेन्सी एसोशिएटेड प्रेस ने लिखा है कि ईरान के नेता ने चेतावनी दी है कि इस्राईली हमले का जवाब करारा और मुंहतोड़ होगा।

अंग्रेज़ी भाषा के इस संचार माध्यम ने इसी प्रकार के दूसरे ईरानी अधिकारियों के बयानों की ख़बर देते हुए लिखा है कि ईरानी अधिकारी 26 अक्तूबर के इस्राईली हमले के बारे में बात कर रहे हैं।

अंग्रेज़ी भाषा के अमेरिकी टीवी चैनल "एनबीसी" ने भी लिखा है कि ईरानी नेता ने अमेरिका और इस्राईल को चेतावनी दी है।

 इस अमेरिकी संचार माध्यम ने ईरान के इस्लामी क्रांति के नेता के उस बयान को हाइलाइट किया जिसमें सर्वोच्च नेता ने कहा था कि ईरान और प्रतिरोध के ख़िलाफ़ वाशिंग्टन और तेलअवीव जो कार्य कर रहे हैं उसके कारण उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा।

अंग्रेज़ी भाषा के "अलजज़ीरा" टीवी चैनल ने भी ईरानी नेता के उस जुमले को सुर्खी बनाया, हाइलाइट किया  और चुना जिसमें उन्होंने अमेरिका और इस्राईल को चेतावनी दी थी। उसने लिखा कि आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने ईरान विरोधी कार्यवाही के बारे में वाशिंग्टन और तेलअवीव को चेतावनी दी।

अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन ने भी ईरानी नेता के उस बयान को सुर्खी बनाया जिसमें उन्होंने कहा है कि अमेरिका और इस्राईल को मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा।

सीएनएन ने लिखा कि अक्तूबर महीने में इस्राईल द्वारा ईरान के कुछ सैन्य ठिकानों पर हमले के बाद आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इस हमले के जवाब पर बल दिया।

मजमय उलेमा ए मुस्लिमीन लेबनान ने एक बयान में कहा है कि सैयद अलशोहदा तुफान अलअक्सा के बाद सैयद हसन नसरल्लाह के उत्तराधिकारी के रूप में हिज़्बुल्लाह के नए महासचिव का चयन हिज़्बुल्लाह की एकता का महत्वपूर्ण प्रमाण है।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,मजमय उलेमा ए मुस्लिमीन लेबनान ने एक बयान में कहा है कि सैय्यद अलशोहदा तुफान अलअक्सा के बाद सैयद हसन नसरल्लाह के उत्तराधिकारी के रूप में हिज़्बुल्लाह के नए महासचिव का चयन हिज़्बुल्लाह की एकता का महत्वपूर्ण प्रमाण है और इस्राएल के अपराधों के मुकाबले में धैर्य का प्रतीक है।

विद्वानों ने कहा कि हिज़्बुल्लाह के नए महासचिव के रूप में शेख नईम कासिम का चयन हर स्तर पर नेतृत्व की खाली जगहों को भरता है और हिज़्बुल्लाह आज की लड़ाई में अधिक नियंत्रण के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं जिससे ज़ायोनी दुश्मन को अपने सैन्य साधनों और युद्ध उपकरणों के विनाश का सामना करना पड़ा है।

 उन्होंने आगे कहा कि ज़ायोनी दुश्मन, 2006 के युद्ध की तुलना में तीन गुना अधिक हथियारों से लैस होने के बावजूद, मैदान-ए-जंग में असफल रहा है।

उन्होंने शेख नईम कासिम को हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव के रूप में चुने जाने पर बधाई दी और इस चयन को एक सफल और समयानुकूल कदम बताया।

बयान में कहा गया कि शेख नईम कासिम एक बेहतरीन नेता के योग्य उत्तराधिकारी हैं और नेतृत्व के लिए उपयुक्त हैं हम उन्हें जानते हैं और उनके अनुभवों से वाकिफ हैं।

शेख नईम कासिम साहस और बुद्धिमानी के धनी हैं और इस संवेदनशील समय में संगठन का नेतृत्व संभालने के काबिल हैं।

मजमअ उलमा ए मुस्लिमीन लेबनान ने हिज़्बुल्लाह के नए महासचिव से यह वादा किया कि वह इस्राएली ज़ायोनी शासन के अंत तक पूरी शक्ति और दृढ़ता के साथ इस्लामी प्रतिरोध के उद्देश्यों और स्वतंत्रता के लक्ष्यों को पाने के लिए उनके साथ खड़े रहेंगे।

 उन्होंने हिज़्बुल्लाह के नए महासचिव पर विश्वास जताते हुए कहा कि शेख कासिम का प्रबंधन कौशल और शहीद हसन नसरल्लाह के साथ उनके अमूल्य अनुभव उन्हें विभिन्न आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना करने और उनका समाधान निकालने में सहायक सिद्ध होगा।

अंत में कहा गया कि जो लोग हिज़्बुल्लाह के महासचिव और अन्य नेताओं की शहादत के बाद हिज़्बुल्लाह को कमजोर दिखाने की कोशिश कर रहे थे उन्हें शेख नईम कासिम की राजनीतिक सूझबूझ और भविष्य की रणनीति का इंतजार करना चाहिए।

 

 

 

 

 

तकफ़ीरी आतंकवाद से जूझने वाला अफ्रीकी देश नाइजीरिया इस समय भारी बारिश के बाद बाढ़ से उपजी तबाही से जूझ रहा है। अब तक बाढ़ की चपेट में आने से अब तक 321 लोगों की मौत हो गई है, वहीं, 740,000 से ज्यादा लोगों को बाढ़ की वजह से अपने घरों को छोड़ कर दूसरी सुरक्षित जगहों पर विस्थापित होना पड़ा है।  देश के ज्यादातर हिस्सों में बाढ़ की स्थिति भयावह है। नाइजीरिया में पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक, देश के दक्षिण-पूर्वी राज्य अनाम्ब्रा के गवर्नर ने वाइस प्रेसिडेंट की अगुआई में आयोजित मासिक नेशवल इकॉनमिक काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेना के बाद कहा कि मौत और विस्थापन के अलावा देश में लंबे वक्त से हो रही बारिश के कारण आई बाढ़ में करीब 2,854 लोग जख्मी भी हुए हैं।

 

 

ईरान के विदेश मंत्री सय्यद अब्बास अराकची ने जर्मनी में ईरानी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने के जर्मनी सरकार के इस इस कार्य की निंदा की हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,ईरान के विदेश मंत्री सय्यद अब्बास अराकची ने जर्मनी में ईरानी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने के जर्मनी सरकार के इस इस कार्य की निंदा की हैं।

जर्मनी द्वारा देश में सभी तीन ईरानी वाणिज्य दूतावासों को बंद करने के फैसले की घोषणा के एक दिन बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में यह टिप्पणी की हैं।

अराकची ने शुक्रवार को कहा,जर्मनी में ईरान के वाणिज्य दूतावासों को बंद करना उस देश में रहने वाले ईरानियों के खिलाफ एक प्रतिबंध है जिनमें से अधिकांश के पास जर्मन नागरिकता भी है।

उन्होंने कहा कि जर्मन सरकार 2008 में ईरान के दक्षिणी शहर शिराज में बमबारी में 14 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले और 200 से अधिक लोगों को घायल करने वाले आतंकवादी के समर्थन में जर्मन पासपोर्ट रखने वाले हजारों अन्य ईरानियों पर प्रतिबंध लगा रही थी।

बंद करने के फैसले से प्रभावित तीन ईरानी वाणिज्य दूतावास फ्रैंकफर्ट, हैम्बर्ग और म्यूनिख में हैं बर्लिन में ईरानी दूतावास चालू रहेगा।

ईरान पर हमला करने के बाद जवाबी हमले के खौफ में जी रहे इस्राईल के लिए अमेरिका ने खुल कर मोर्चा संभाल लिया है। अमेरिका ने ईरान को धमकी देते हुए इस्राईल पर हमला न करने की नसीहत दी है।

 पेंटागन के प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट राइडर ने जानकारी देते हुए कहा कि इस्राईल की मदद के लिए अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में बमवर्षक विमान, लड़ाकू फाइटर प्लेन और नौसेना के विमानों को भेजने का आदेश दिया है। मेजर जनरल पैट राइडर ने बताया कि अमेरिका ने कई B-52 बमवर्षक विमान, लड़ाकू विमानों का एक स्क्वाड्रन, नौसेना के विध्वंसक विमान और टैंकर विमानों को तैनात करने का आदेश दिया है। जल्द ही यह विमान पश्चिम एशिया पहुंच जाएंगे। साथ ही यूएसएस अब्राहम लिंकन युद्धपोत जल्द ही अमेरिका लौट जाएगा।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद सद्रुद्दीन काबांची ने इज़राइली विमानों द्वारा इराकी हवाई सीमा के उल्लंघन और ईरान पर हमले की निंदा की है और इराकी सरकार से मांग की है कि वह दोषी को सजा दे।

एक रिपोर्ट के अनुसार, नजफ अशरफ के इमाम-ए-जुमआ हुज्जुतल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद सद्रुद्दीन कबांची ने जुमा के खुतबे में कहा कि फिलिस्तीनी सहायता संगठन UNRWA पर प्रतिबंध निंदनीय है और लेबनान और गाज़ा की तबाही के लिए अमेरिका और इज़राइल जिम्मेदार हैं।

इसलिए इराकी सरकार को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए और अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद सद्रुद्दीन काबांची ने अपने खुतबे में इज़राइली विमानों द्वारा इराकी हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की निंदा की और मांग की कि इराकी सरकार जिम्मेदार पक्ष को सजा दे।

उन्होंने UNRWA पर लगाए गए इज़राइली प्रतिबंध की भी निंदा की और कहा कि इज़राइल फिलिस्तीनियों की मदद में बाधा डाल रहा है जो कि अंतरराष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन है।

सैयद सद्रुद्दीन कबांची ने शेख नईम कासिम को हिजबुल्लाह लेबनान का नया महासचिव चुने जाने पर बधाई दी और कहा कि लेबनानी जनता और हिजबुल्लाह दृढ़ता से खड़े रहेंगे और उनका हौसला कमजोर नहीं होगा।

युद्धविराम पर चर्चा के संदर्भ में उन्होंने इज़राइल और अमेरिका से मांग की कि वे गाजा और लेबनान के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी लें और 45,000 शहीदों के नुकसान का मुआवजा दें। उन्होंने हमास और हिजबुल्लाह को अधिक धैर्य और दृढ़ता की सलाह दी।

नजफ के इमाम ए जुमआ ने इज़राइली विमानों द्वारा इराकी हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की कड़ी निंदा की और कहा कि इराकी सरकार को इस पर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद सद्रुद्दीन काबांची ने इराकी संसद के स्पीकर के चुनाव को एक सकारात्मक कदम बताते हुए संसद को कई सुझाव दिए जिनमें लंबित कानूनों की मंजूरी एकता और सामंजस्य को बढ़ावा देना और निजी कानूनों में संशोधन शामिल हैं।

 

दूसरे खुतबे में उन्होंने सोशल मीडिया के प्रभावों पर प्रकाश डाला और अकेलापन और आत्महत्या जैसे मुद्दों पर चिंता व्यक्त की हैं।

 

इमाम ए जुमआ नजफ ने मोमिनों के लिए दुआ की अहमियत पर जोर देते हुए पैगंबर मुहम्मद स.ल. की एक हदीस का जिक्र किया कि जो व्यक्ति दूसरों के लिए दुआ करता है अल्लाह उस पर भी वैसे ही इनायत करता है।

ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने ईरान पर इस्राईल के हमलों का मुंहतोड़ जवाब देने का ऐलान करते हुए कहा है किअवैध ज़ायोनी शासन और अमेरिका को उनकी इस हरकत का मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

उन्होंने देश वासियों को आश्वासन देते हुए कहा कि वैश्विक सम्राज्यवाद और दुनिया पर प्रभाव रखने वाले अहंकारी शासन को मुंहतोड़ जवाब देना हमारा अधिकार है। यह एक तार्किक कदम है और धर्म, शरिया, नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप है और देश और ज़िम्मेदार अधिकारी इस संबंध में कोई संकोच नहीं करेंगे।

 

 

ईरान की परंपरा के अनुसार इस साल भी13वीं अबान की पूर्व संध्या पर, देश भर से छात्रों के एक समूह ने आज इमाम खुमैनी इमाम बारगाह में इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाकात की।