
رضوی
एक इंसान की हत्या समस्त इंसानों की हत्या के समान
पवित्र क़ुरआन कहता है कि अगर कोई इंसान किसी इंसान की हत्या करता है और जिस इंसान की हत्या की गयी है उसने किसी की न तो हत्या की है और न ही ज़मीन में फ़साद किया हो तो ऐसे इंसान की हत्या समस्त इंसानों की हत्या के समान है और जिसने एक इंसान को मुक्ति दिला दी यानी उसे नजात दिला दी तो मानो उसने समस्त इंसानों को ज़िन्दा कर दिया।
एक इंसान की हत्या बहुत बड़ा गुनाह व अपराध है और प्राचीन समय से समस्त मानव समाजों में इस पर ध्यान दिया गया है। एक इंसान की हत्या उस समय अपराध व गुनाह समझी जाती है जब जानबूझ कर इंसान की हत्या की जाये और इस्लाम में इसकी कड़ी भर्त्सना की गयी है और उसे माफ़ न किया जाने वाला गुनाह समझा जाता है।
पवित्र क़ुरआन और इस्लामी रिवायतों में बारमबार इसके हराम होने की ओर संकेत किया गया है। इसी प्रकार यह भी कहा गया है कि जो भी इंसान किसी निर्दोष इंसान की हत्या करेगा उसे कड़ा से कड़ा दंड दिया जायेगा।
इस्लाम में इंसान की हत्या हराम है
इस्लाम में किसी इंसान की हत्या की कड़ी भर्त्सना की गयी है और उसकी गणना बड़े गुनाहों में की जाती है। पवित्र क़ुरआन सूरे इस्रा की 33वीं आयत में कहता है कि उस नफ़्स व इंसान की हत्या न करो जिसे अल्लाह ने हराम क़रार दिया है मगर यह कि वह सच व वास्तव में क़त्ल किये जाने का हक़दार हो और अगर किसी की नाहक़ व मज़लूमी की हालत में हत्या कर दी जाये तो हमने उसके वली व अभिभावक को बदला लेने व क़ेसास करने का अधिकार क़रार दिया है तो रक्तपात न करो और मज़लूम की मदद की जायेगी।
यह आयत स्पष्ट शब्दों में किसी इंसान की हत्या को हराम बताती है और कहती है कि इंसान की जान सम्मानीय है और केवल विशेष परिस्थिति में और अल्लाह के क़ानून के अनुसार क़ेसास किया जा सकता है।
पैग़म्बरे इस्लाम और उनके पवित्र परिजनों के कथनों में भी गम्भीरता से इस विषय का उल्लेख किया गया है। मिसाल के तौर पर इमाम जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम इरशाद फ़रमाते हैं" क़यामत के दिन एक आदमी को एक आदमी के पास लाया जायेगा। वह उस आदमी को उसी के ख़ून में लथपथ करेगा जबकि लोगों का हिसाब- किताब हो रहा होगा तो जो इंसान अपने ख़ून में लथपथ होगा वह कहेगाः हे अल्लाह के बंदे! मेरे साथ क्यों ऐसा व्यवहार कर रहे हो? तो वह कहेगा अमुक व फ़ला दिन मेरे ख़िलाफ़ काम किये थे और मैं मारा गया था"
यह रिवायत स्पष्ट रूप से इस बात की सूचक है कि जो किसी इंसान की हत्या करेगा परलोक में कड़ा दंड उसकी प्रतीक्षा में है और यह रिवायत इंसान की जान की सुरक्षा पर बल देती है।
गाज़ा में अब तक 500 चिकित्साकर्मी मारे गाए।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहां हैं, कि पिछले कुछ महीनों में इजरायली सेना ने गाज़ा में सैकड़ों चिकित्सा कर्मियों की हत्या कर दी है और दर्जनों एम्बुलेंस को नष्ट कर दिया हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक , शनिवार शाम को फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है इजरायली हमलों की शुरुआत के बाद से गाज़ा में लगभग 500 चिकित्सा कर्मी शहीद हो गए हैं और सैकड़ों घायल हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा क्या हैं कि कब्ज़ा करने वाली इज़रायली सेना ने गाज़ा से 310 और चिकित्सा कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया है और इज़राइली शासन के हमलों में 130 एम्बुलेंस भी नष्ट हो गई हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीनों में वेस्ट बैंक में स्वास्थ्य सुविधाओं और उनके कर्मचारियों पर 340 से अधिक हमले किए गए।
फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इज़रायली सेना जानबूझकर स्वास्थ्य केंद्रों पर हमला करती है जिसके कारण फ़िलिस्तीनी बुनियादी चिकित्सा सेवाओं तक पहुँच से वंचित रहे।
एक बयान में कहा गया है कि गाजा में पानी,खाना की स्थिति बहुत खराब है और पानी और सीवेज की खराब स्थिति के कारण नई बीमारियाँ फैल रही हैं।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने जल भंडारों की कमी और चारों ओर फैली गंदगी के कारण गाज़ा में चिकित्सा स्थिति को विनाशकारी बताया है।
इस संबंध में फिलिस्तीनी मंत्रालय का कहना है कि चिकित्सा कर्मियों के साथ साथ चिकित्सा उपकरणों की भी भारी कमी है।
पाकिस्तानी ज़ायरीन की बस को दुर्घटना;कई ज़ायरीन घायल
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के चागी जिले के पदाग इलाके में ज़ायरीन की बस का एक्सीडेंट हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप कई ज़ायरीन घायल हो गए हैं।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के चागी जिले के पदाग इलाके में ज़ायरीन की बस का एक्सीडेंट हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप कई ज़ायरीन घायल हो गए हैं।
पाकिस्तानी एक्सप्रेस न्यूज़ के मुताबिक, बलूचिस्तान प्रांत के चागी जिले के पदाग इलाके के पास ज़ायरीन की बस का एक्सीडेंट हो गया, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग घायल हो गए.
लेवी सूत्रों के मुताबिक, हादसा तेज रफ्तार के कारण हुआ है जिसके कारण बस पलट गई।
घायलों में पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं घायल तीर्थयात्रियों को चिकित्सा के लिए जिला मुख्यालय अस्पताल नुश्की में स्थानांतरित कर दिया गया है।
बांग्लादेश में नहीं थम रही हिंसा,प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट को घेरा
बांग्लादेश में नहीं थम रही हिंसा, प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट को घेरा इस्तीफा देने को मजबूर हुए मुख्य न्यायाधीश
बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन ने इस्तीफा दे दिया शनिवार 10 अगस्त को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने राजधानी ढाका में सुप्रीम कोर्ट परिसर का घेराव किया इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सीजे और अपीलीय प्रभाग के अन्य न्यायाधीशों को दोपहर 1 बजे स्थानीय समय तक पद छोड़ने का अल्टीमेटम जारी किया था।
बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट को घेरने वाले प्रदर्शनकारियों के बाद अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया उन्होंने एक घंटे के भीतर पद छोड़ने की चेतावनी दी है।
द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार,प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी थी कि अगर वे इस्तीफा नहीं देते हैं तो वे शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों और मुख्य न्यायाधीश के आवासों पर धावा बोल देंगे।
शंकराचार्य की धमकी, हिंदु सुरक्षित नहीं रहा तो मुसलमानों का नामोनिशान मिट जाएगा
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे तथाकथित हमलों को मामला भारत में भी गर्माता जा रहा है। कई हिंदू संगठनों ने इसे लेकर आवाज उठाई है। अब इस मामले में गोवर्धन मठ पुरी के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने एक वीडियो के माध्यम से इस मुद्दे पर कहा है कि शांति बनाने के लिए मुसलमान हिंदुओं पर कृपा न करें, मुसलमानों को चाहिए वे अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए हिंदुओं को संरक्षित और स्वावलंबी रखें। उन पर आंच न आने दें। यदि हिंदुओं को निशाना बनाकर हमला किया गया तो हो सकता है सौ-दो सौ हिंदू मार दिए जाएं, लेकिन फिर मुसलमानों का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।
मशहूर नौहा ख़्वान हाज अहमद शम्स ने दुनिया को अलविदा कहा
ईरान के मशहूर नौहा ख़्वान और बीबी मासूमा ए क़ुम के रोज़े के ख़ादिम हाज अहमद शम्स ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
आपका इंतेक़ाल इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की कमसिन शहज़ादी हज़रत सकीना की शबे शहादत में हुआ।
इमाम हुसैन अलैहिसलाम की शहादत के बाद भी क्यों हक़ का साथ लोग नहीं देते ?
कर्बला से हमने क्या सीखा ? क्या लोगों का किरदार इमाम हुसैन अलैहिसलाम के शहादत के बाद सुधरा ?
असत्य पे सत्य की जीत की पूरी दुनिया में पहचान बन चुके हुसैन पैगंम्बर ऐ इस्लाम हज़रत मुहम्मद के नाती थे और मुसलमानो के खलीफा हज़रत अली के बेटे थे | इमाम हुसैन की माँ हज़रत मुहम्मद की इकलौती बेटी फातिमा बिन्ते मुहम्मद थीं | इस घराने ने हमेशा दुनिया के हर मसले का हल शांतिपूर्वक तलाशने की कोशिश की यहां तक की लोग जब इनपे ज़ुल्म करते तो यह सब्र करते | इनका पैग़ाम था समाज में जहां रहते हो वहाँ हक़ का साथ दो , इन्साफ से काम लो और जो अपने लिए पसंद करते हो वही दूसरों के लिए पसंद करो और दुनिया के हर धर्म के इंसानो के साथ नेकी करो मानवता का त्याग कभी मत करना |
जैसा की दनिया में होता आया है सत्य का परचम जहां लहराया की असत्य की राह पे चलने वालों को तकलीफ होते लगती है क्यों की उनको उनका वजूद ख़त्म होता दिखाई देने लगता है | ऐसा ही उस दौर के असत्य की राह पे चलने वालों लगता था और वे हज़रत मुहम्मद के इस घराने पे ज़ुल्म किया करते थे लोगों को उनके लिए अफवाहों और झूटी कहानियों से भ्रमित किया करते थे लेकिन इस घराने ने कभी सत्य का हक़ का और सब्र का साथ नहीं छोड़ा |
पैगंम्बर ऐ इस्लाम हज़रत मुहम्मद (स ) की वफ़ात के बाद से इस घराने पे ज़ुल्म बढ़ते गए | हज़रत अली के इल्म के आगे कोई नहीं था लेकिन मिम्बर ऐ रसूल पे लोगों ने साज़िश फरेब से किसी और को बिठा दिया | हज़रत अली की नमाज़ के आगे क्या किसी की नमाज़ थी लेकिन उनके खिलाफ अफवाह फैलाई और उन्हें बेनमाजी क़रार दिया गया और यह अफवाह इतनी फैली की जब मस्जिद ऐ कूफ़ा में सजदे में शहादत पायी तो लोग पूछते थे अरे अली मस्जिद में क्या कर रहे थे ?
यह ज़ुल्म का सिलसिला हज़रत अली के बाद इमाम हुसैन के साथ बढ़ता चला गया और इंतेहा यह हो गयी की शराबी यज़ीद ज़ालिम यज़ीद खलीफा बन गया और कमाल तो यह की मुसलमानो ने बग़ावत भी न की जबकि सब जानते थे हक़ क़ुरआन है हक़ हुसैन के साथ है |
आज भी यह सिलसिला जारी है | हक़ का साथ देने वाला , इन्साफ करने वाला, , आलिम और जाहिल का फ़र्क़ करने वाला , सब्र करने वाला , हराम माल से परहेज़ करने वाला , अफवाहों को फैलाने से परहेज़ करने वाला , झूटी तोहमतें न लगाने वाला, औरतों की इज़्ज़त करने वाला , दूसरों के अकेले में किये गए गुनाहों को आम न करने वाला शिया ने अली , हुसैनी कहलाता और जो कोई भी इसके खिलाफ चले वो खुद को चाहे कुछ भी कहे हुसैनी नहीं हो सकता |
अफ़सोस का मक़ाम है की कर्बला में इमाम हुसैन की शहादत के बाद आज भी मजमा ऐ आम उस दौर की तरह अपना दुनियावी फायदा देख के लोगों का साथ देता , इज़्ज़त करता नज़र आता है जबकि देना चाहिए उसका साथ जो क़ुरआन के साथ हो जो हुसैन के नक़्शे क़दम पे चलने की कोशिश करता हो जो इंसाफ पसंद हो अब ऐसे में हमारे वक़्त ऐ इमाम का ज़हूर हो जाय तो क्या होगा ? खुदा न करे हमारी आदत हक़ पसंदगी की न रही खौफ से लालच से हक़ का साथ न देने की आदत रही तो कहीं फिर एक कर्बला ना हो जाय की अलअजल की दुआ कर के इमाम को बुलाने वाले कोफ़ियों की तरह साथ न छोड़ दें?
अपने किरदार को हुसैनी किरदार बनाएं और यक़ीन रखें ज़हूर ऐ इमाम ऐ वक़्त जल्द से जल्द होगा और कर्बला के शहीदों को इन्साफ मिलेगा और हमें ज़ुल्म से निजात |
इस्राईल को बचाने के लिए अमेरिका ने कमर कसी, मीडिल ईस्ट में विमान और हथियार तैनात
ईरान में हमास चीफ की हत्या कर संकट में घिरे इस्राईल को बचने के लिए अमेरिका ने पूरा ज़ोर लगा दिय्या है। अमेरिका मध्य पूर्व में लड़ाकू विमानों और अन्य साधनों को तैनात कर रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि अवैध राष्ट्र इस्राईल पर ईरान और हिज़्बुल्लाह के संभावित हमले के कारण तनाव बहुत अधिक है। दावा किया जा रहा है कि अमेरिका ने भी इस जंग के लिए तैयारी पूरी कर ली है। अमेरिकी वायुसेना के एफ-22 रैप्टर विमान, अमेरिकी सेंट्रल कमांड के जिम्मेदारी वाले क्षेत्र में पहुंचे हैं।
अमेरिका की न्यूज वेबसाइट एक्सियोस ने दावा किया है कि कुछ ही दिनों में ईरान और हीज़बबुल्लाह अवैध राष्ट्र इस्राईल पर हमला कर सकते हैं। हमास और हिज़्बुल्लाह के शीर्ष नेताओं की मौत के बाद से मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा हुआ है, क्योंकि ईरान और हिज़्बुल्लाह ने ज़ायोनी शासन से बदला लेने की बात कही है। हालांकि, अभी तारीख तय नहीं है कि हमला कब होगा लेकिन कहा जा रहा है कि ईरान और हिज़्बुल्लाह दोनों जवाबी कार्रवाई ज़रूर करेंगे।
ग़ज़्ज़ा में स्कूल पर पर इस्राईल के बर्बर हमले,90 से अधिक लोगों की मौत
ग़ज़्ज़ा में विस्थापित हुए बेघर लोगों के आवास वाले स्कूल पर ज़ायोनी सेना के बर्बर हमले में कम से कम 90 लोगों की मौत हो गई। इस्राईल ने दावा किया है कि यह हमला का हमास कमांड सेंटर पर किया गया था।
ग़ज़्ज़ा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने शनिवार को कहा कि ग़ज़्ज़ा शहर में स्कूल पर तीन ज़ायोनी रॉकेट गिरे। उसने इस घटना को भयानक नरसंहार बताया, जिसमें कुछ शवों में आग लग गई। ज़ायोनी सेना ने शनिवार को कहा कि उसने अल-ताबेईन स्कूल में स्थित हमास कमांड और कंट्रोल सेंटर में सक्रिय हमास पर सटीक हमला किया।
इस हमले से 2 दिन पहले ही ग़ज़्ज़ा के अधिकारियों ने कहा था कि ग़ज़्ज़ा शहर में दो अन्य स्कूलों पर ज़ायोनी हमलों में 18 से अधिक लोग मारे गए हैं जबकि ज़ायोनी सेना ने उस वक्त भी कहा था कि उसने हमास के कमांड सेंटर पर हमला किया था।
जब तक इसराइल मौजूद है दुनिया में सुख और शांति स्थापित नहीं हो सकती
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मुसवी ने कहां,इज़राईलीयों में इंसानियत, सम्मान और गरिमा जैसी कोई चीज़ नहीं है,यदि वे फ़िलिस्तीन में रहे तो न केवल फ़िलिस्तीन, बल्कि पूरी दुनिया की सुख और शांति छीन लेंगे।
एक रिपोर्ट के अनुसार , हमदान के इमाम ए जुमआ हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद महमूद मुसवी ने अपने खुत्बे मे कहां,आज फिलिस्तीन और गाज़ा को एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हुए इस्लामी जगत की इसकी रक्षा की जानी चाहिए।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद महमूद मुसवी ने कहां,इज़राईलीयों में इंसानियत, सम्मान और गरिमा जैसी कोई चीज़ नहीं है,यदि वे फ़िलिस्तीन में रहे तो न केवल फ़िलिस्तीन, बल्कि पूरी दुनिया की सुख और शांति छीन लेंगे।
उन्होंने आगे कहा पश्चिमी देश और अमेरिका केवल अपना हित देख रहे हैं उन्हें लगता है कि वे इजराइल जैसे कैंसरग्रस्त ट्यूमर को नियंत्रित कर सकते हैं, लेकिन वास्तविकता कुछ और है और वे ऐसा कभी नहीं कर पाएंगे, एक दिन ऐसा आएगा जब यही इजराइल उनके लिए भी सज़ा बन जाए।
उन्होंने कहा,इज़राईल किसी समझौते या नियम या क़ानून का पालन नहीं करता इज़राईल ईसा मसीह के धर्म या यहूदी धर्म में विश्वास नहीं करता लेकिन अगर यह कहा जाए कि इज़राईल ईश्वर में भी विश्वास नहीं करता तो गलत नहीं होगा।
इमाम ए जुमआ हमदान ने कहा,इजराइल के अपराधों के सामने क्षेत्र के विश्वासघाती देशों की चुप्पी निंदनीय है इन देशों ने ईरान के जंग के दौरान भी सद्दाम की मदद की थी।