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नॉर्वे ने किया नेतनयाहू को गिरफ़्तार करने का एलान
नॉर्वे के विदेश मंत्री का कहना है कि अगर ज़ायोनी प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतनयाहू उनके देश की यात्रा करेंगे, तो उन्हें गिरफ़्तार कर लिया जाएगा।
नॉर्वे के विदेश मंत्री एस्पेन बर्थ ईडे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत के आदेश के मुताबिक़, अगर नेतनयाहू उनके देश की यात्रा करेंगे, तो उन्हें गिरफ़्तार किया जाएगा।
इससे पहले इस्राईल के टीवी चैनल-12 ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अगर हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत के तीन जज इस्राईली पीएम नेतनयाहू और डिफ़ेंस मिनिस्टर यूआफ़ गैलेंट की गिरफ़्तारी का वारंट जारी करते हैं, तो उसके बाद से यह दोनों किसी भी ऐसे देश की यात्रा नहीं कर सकेंगे, जिसने रोम समझौते पर हस्ताक्षर किए होंगे।
इस रिपोर्ट के मुताबिक़, इस आदेश के जारी होने के बाद, नेतनयाहू और गैलेंट जर्मनी, नीदरलैंड, ग्रीस, फ़्रांस, जापान और स्पेन जैसे देशों की यात्रा नहीं कर सकेंगे। इस लिस्ट में दुनिया भर के 124 देश हैं, जिन्होंने रोम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस्राईली टीवी चैनल का कहना था कि अमरीका क्योंकि इस लिस्ट में नहीं है, इसलिए ज़ायोनी नेता आज़ादी से वाशिंगटन की यात्रा कर सकेंगे।
ग़ौरतलब है कि गैलेंट के अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय यानी आईसीसी ने नेतनयाहू और गैलेंट की गिरफ़्तारी का वारंट जारी करने की मांग की है। इसके अलावा भी आईसीसी एक दूसरी लिस्ट जारी कर सकती है, जिसमें अन्य ज़ायोनी नेताओं की गिरफ़्तारी की भी मांग की जा सकती है, जिनका ग़ज़ा युद्ध में फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार में हाथ है
ईरान के राष्ट्रपति और उनके सहयोगियों की मौत पर शेख अलअज़हर ने संवेदना व्यक्त की
मिस्र के शेख अलअजहर ने एक संदेश जारी कर हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ईरान के राष्ट्रपति आयतुल्लाह सय्यद इब्राहीम रईसी और उनके सहयोगियों की शहदत पर संवेदना व्यक्त करते हुए शोक संदेश जारी किया हैं।
हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मिस्र के शेख अलअजहर ने एक संदेश जारी कर हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ईरान के राष्ट्रपति आयतुल्लाह सय्यद इब्राहीम रईसी और उनके सहयोगियों की शहदत पर संवेदना व्यक्त करते हुए शोक संदेश जारी किया हैं।
अलअजहर के शेख अहमद अलतैय्यब ने राष्ट्रपति अयातुल्लाह इब्राहिम राईसी की शहादत के बाद ईरान और इस देश के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
इस संदेश में अलअजहर के शेख और मिस्र के इस इस्लामिक केंद्र के विद्वानों ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान और उनके साथियों की शहादत को अलविदा कहा जो हेलीकॉप्टर दुर्घटना मे मैत हुई।
इस बयान में कहा गया है कि शेख अलअजहर ईरान के लोगों राष्ट्रपति और विदेश मामलों के मंत्री के परिवार और उनके रिश्तेदारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।
और अल्लाह तआला से दुआ करते हैं कि लोग की मेफिरत फरमाए।
ईरान और शिया समुदाय ही नहीं इस्लामी जगत के लिए महत्वपूर्ण थे रईसी
हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद होने वाले ईरान के राष्ट्रपति सय्यद इब्राहीम रईसी और उनके साथियों की याद में मुंबई की ईरानी मस्जिद में शोक समारोह आयोजित किया गया।
राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी और उनके साथियों की शहादत की याद में 'इसना अशरी यूथ फाउंडेशन' की तरफ से ईरानी मस्जिद में नमाज़े-मग़रिब के बाद शोक सभा आयोजित हुई। ताज़ियाती प्रोग्राम की शुरुआत क़ारी मिर्ज़ा हसन की तिलावत-ए-क़ुरआन-ए-मजीद से हुई। मौलाना मोहम्मद फय्याज़ बाक़री ने पहली तक़रीर की और आयतुल्लाह रईसी की शख्सियत पर रौशनी डाली कि वह न सिर्फ़ शिया मुसलमानों के लिए बल्कि पूरी मुस्लिम उम्मत के लिए अहम थे।
पूरी दुनिया आयतुल्लाह रईसी और उनके साथियों के लिए शोक मना रही है। शहीद होने वाले लोगों में दो दो मुजतहिद शामिल थे जिन्होंने इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम के जन्मदिवस के मुबारक दिन शहादत पाई
सय्यद इब्राहीम रईसी बातिल ताक़तो को नष्ट करने में क्रांति के नेता के एक विश्वसनीय साथी थेः शिया उलमा असंबली हिंदुस्तान
भारत की शिया उलेमा असेंबली के प्रसारण और प्रकाशन विभाग के प्रभारी मौलाना सय्यद जवाद हैदर रिज़वी ने ईरानी राष्ट्रपति डॉ. रईसी और उनके सहयोगियों की आकस्मिक मृत्यु पर गहरा दुख और अफसोस व्यक्त करते हुए शिया विद्वानो और इस्लामी क्रांति के नेता के प्रति संवेदना व्यक्त की।
हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के शिया उलेमा असेंबली के प्रसारण विभाग के प्रभारी मौलाना जवाद हैदर रिज़वी ने ईरानी राष्ट्रपति डॉ. रईसी और उनके सहयोगियों की आकस्मिक मृत्यु पर गहरा दुख और अफसोस व्यक्त करते हुए शिया विद्वानो और इस्लामी क्रांति के नेता के प्रति शोक व्यक्त किया है।
शोक संदेश का पाठ इस प्रकार है:
बिस्मेही ता'आला
इन्ना लिल्लाहे वा इन्ना इलैहे राजेऊन
मिनल मोमेनीना रेजालुन सद्दक़ू मा आहदुल्लाहा अलैहे फ़मिन हुम मन क़ज़ा नहबहू व मिनहुम मय यंतज़िर। (अहजाब, 23)
इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान से आ रही हेलीकॉप्टर दुर्घटना की खबर ने कल से कई दिलों को चिंतित कर दिया था, लेकिन आज, मर्द मुजाहिद, सैय्यद महरूमान, खादिम इमाम रज़ा (अ), इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के राष्ट्रपति, आयतुल्लाह सैय्यद इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री डॉ. हुसैन अमीर अब्दुल्लाहीयान, तबरेज़ के इमाम जुमा आयतुल्लाह सैय्यद मुहम्मद अली अल-हाशिम और अन्य साथी यात्रियों की शहादत ने विश्वासियों के दिलों को दुख और शोक से भर दिया।
शहीद इब्राहीम रईसी ने अपने 63 वर्षीय जीवन का अधिकांश समय इस्लाम की सेवा और विभिन्न पदों पर क्रांति में बिताया, जैसे ईरान के इस्लामी गणराज्य के राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश और इमाम रज़ा (अ) के हरम के संरक्षक के रूप मे अन्य पदों के साथ, एक महान क्रांतिकारी कार्रवाई की गई।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति सैय्यद इब्राहिम रईसी, इस्लामी क्रांति के नेता हज़रत आयतुल्लाह अली खामेनेई के भरोसेमंद साथी और कठिन समय में इस्लामी दुनिया और शिया दुनिया की आशा थे।
इन महान न्यायविदों और मुजाहिदों की शहादत पर, मुस्लिम उम्माह, शिया विद्वान, इस्लामी क्रांति के नेता, विशेष रूप से इमाम ज़मान (अ) की सेवा मे संवेदना व्यक्त करते हुए इमाम रज़ा (अ) के जन्म की बधाई देते हैं।
अयातुल्ला रायसी और उनके साथियों का अंतिम शवयात्रा
अयातुल्ला सैयद इब्राहिम रायसी और उनके साथियों के अंतिम शवयात्रा में बड़ी संख्या में तबरीज़ के लोग शामिल हुए। इस मौके पर इमोशनल नजारे भी देखने को मिले.
हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के तबरीज़ शहर में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए ईरान के राष्ट्रपति अयातुल्ला सैयद इब्राहिम रायसी और उनके सहयोगियों के लिए एक अंतिम शवयात्रा निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. लोगों ने भाग लिया.
शहीद राष्ट्रपति और उनके साथियों की अंतिम शवयात्रा के मौके पर भावुक दृश्य भी देखने को मिला. जनाज़े के जुलूस में शामिल मातमी लोग अपने हाथों में इमाम हुसैन (अ.स.) का झंडा और इस्लामी गणतंत्र ईरान का झंडा लिये हुए थे। शहीद राष्ट्रपति की अंतिम यात्रा में शामिल लोग राष्ट्रपति के रास्ते पर चलने की कसम खा रहे थे और अंतिम यात्रा पर फूल फेंककर अपने प्रिय राष्ट्रपति को अलविदा कह रहे थे.
शहीद सद्र के जनाज़े में तबरेज़ शहर और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोगों के साथ उच्च राजनीतिक और सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे। जनाजे में शामिल हुए तबरीज़ के संसद सदस्य ने कहा कि शहीद राष्ट्रपति के जनाजे में हम जो भीड़ देख रहे हैं, वह शहीद राष्ट्रपति की सार्वजनिक लोकप्रियता को दर्शाता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तबरीज़ के बाद शवयात्रा राजधानी तेहरान, धार्मिक शहर क़ोम और पवित्र शहर मशहद में किया जाएगा ताकि इन शहरों के लोग अपने प्रिय राष्ट्रपति को अलविदा कह सकें। मशहद में शहीद राष्ट्रपति के अंतिम संस्कार के बाद, उनके शरीर को हज़रत इमाम रज़ा के पवित्र रोजा में दफनाया जाएगा।
शहीद रईसी के शोक में डूबा ईरान, 5 दिन का राष्ट्रीय शोक
ईरान के राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद होने के बाद ईरान समेत दुनिया भर में शोक की लहर है। ईरान के लोकप्रिय राष्ट्रपति और विदेश मंत्री समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों, राजनेताओं और गणमान्य लोगों की मौत के बाद देश भर में शोक का माहौल है।
घटना के वक्त हेलीकॉप्टर में रईसी के साथ ईरान के विदेश मंत्री सहित कुछ बड़े नेता मौजूद थे। ईरान ने 20 मई को राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी और विदेश मंत्री सहित हेलीकॉप्टर में मौजूद रहे लोगों के मौत हुई है। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी की मौत पर ईरान ने 5 दिनों तक के लिए राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है।
भारत, राष्ट्रपति भवन पर राष्ट्रीय ध्वज झुका, देश में एक दिन का शोक
ईरान के राष्ट्रपति सय्यद इब्राहीम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान और अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में दुखद मौत के बाद भारत ने एक दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा। नई दिल्ली में ईरानी दूतावास ने भी अपना झंडा आधा झुका दिया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया कि ईरान के राष्ट्रपति के सम्मान में आज (21 मई) पूरे भारत में उन सभी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, जहां इसे नियमित रूप से फहराया जाता है और राजकीय शोक की अवधि के दौरान मनोरंजन वाला कोई आधिकारिक कार्यक्रम नहीं होगा। गृह मंत्रालय के अनुसार शहीद ईरानी राष्ट्रपति रईसी के सम्मान में मंगलवार को पूरे देश में एक दिन का राजकीय शोक मनाया जाएगा।
ईरान में राष्ट्रपति चुनाव का ऐलान, जुलाई में मिलेगा नया नेता
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत के बाद अब इस देश में 28 जून को नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव होगा।
राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी का हेलीकॉप्टर 19 मई को ईरान के उत्तर पश्चिम प्रांत ईस्ट अजरबैजान के पहाड़ी इलाके में लापता हो गया था। 20 मई की सुबह उसका मलबा बरामद हुआ। इस हादसे में राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियान समेत उनकी टीम के अन्य सात सदस्यों की मौत की पुष्टि हुई।
ईरान के संविधान का आर्टिकल 131 कहता है कि अगर पद पर रहते हुए, किसी ईरानी राष्ट्रपति की मौत होती है, तो सबसे पहले शासन चलाने के लिए उपराष्ट्रपति को कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में पद संभालना पड़ता है। उपराष्ट्रपति के पास सिर्फ 50 दिन तक ही सत्ता संभालने का अधिकार रहता है। इसी 50 दिन के भीतर ईरान के लिए नए राष्ट्रपति का इलेक्शन कराना होता है।
राष्ट्रपति पद का नामांकन 30 मई से 3 जून तक किया जाएगा। इसके बाद कैंडिडेट्स 12 से 27 जून तक चुनाव प्रचार कर सकते हैं। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 28 जून को मतदान होगा। संवैधानिक परिषद ने प्रारंभिक रूप से कार्यक्रम पर सहमति जता दी है।
इब्राहीम रईसी और अब्दुल्लाहियान हुए साज़िश का शिकार या हेलीकॉप्टर क्रैश था हादसा ?
एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए इस्लामी लोकतंत्र ईरान के लोकप्रिय राष्ट्रपति सय्यद इब्राहीम रईसी की लोकप्रियता का अंदाज़ा यह था कि उन्हें अभी से इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर के संभावित उम्मीदवारों में गिना जाता था।
रईसी अजरबैजान सीमा के पास पहाड़ी इलाके में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए। हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान, छह अन्य यात्री व चालक दल भी सवार थे। हादसे में सभी की मौत हो गई।
रईसी का हेलिकॉप्टर क्रैश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़ी पहेली बन चुका है। सवाल उठ रहे हैं कि रईसी की हत्या की गई या हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ? हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद कई ऐसे सुराग मिले हैं जो साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इसके पीछे दुनिया के कई देशों की खुफिया एजेंसियां हो सकती हैं।
आजरबैजानी सीमा में मोसाद के कई सीक्रेट ठिकाने हैं। खास बात यह है कि रईसी का हेलिकॉप्टर 40 से ज्यादा साल पुराना था। मोसाद इसके सिस्टम को आसानी से हैक कर सकता है और आशंका है कि मोसाद ने हेलिकॉप्टर पर इलेक्ट्रॉनिक हमला किया हो।
माना जा रहा है कि यह हमला हेलिकॉप्टर के नेविगेशन और कम्युनिकेशन सिस्टम पर किया गया होगा। मोसाद ने इलेक्ट्रॉनिक हमला करके हेलिकॉप्टर का सैटेलाइट कनेक्शन काट दिया होगा। इस हमले से हेलिकॉप्टर का कम्युनिकेशन सिस्टम ठप हो गया। इसके बाद हेलिकॉप्टर तय रूट से भटककर बहुत दूर चला गया होगा। कंप्यूटर सिस्टम ठप होने से पायलट को ऊंचाई का अंदाजा नहीं लगा होगा और पहाड़ी से टकराकर क्रैश की आशंका जताई जा रही है।
मलबा मिलने के बाद सामने आए वीडियो साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं, इसका एक प्रमाण यह भी है कि हेलिकॉप्टर के टुकड़े काफी छोटे हैं और मलबा बड़े इलाके में फैला है इसलिए आशंका जताई जा रही है कि हेलिकॉप्टर में पहले ब्लास्ट हुआ और विस्फोट से छोटे छोटे टुकड़े होने के बाद वो पहाड़ी पर गिरा।
हेलीकॉप्टर क्रैश से पहले पायलट ने कोई आपातकालीन संदेश नहीं दिया, क्या हेलिकॉप्टर में अचानक धमाका हुआ? अजरबैजान से तीन हेलिकॉप्टर एक साथ उड़े, लेकिन राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर ही खराब मौसम का शिकार क्यों हुआ? अंतिम समय पर विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियान को रईसी के हेलिकॉप्टर में क्यों बैठाया गया, क्या दोनों रईसी और अब्दुल्लाहियन साजिश का प्राइम टारगेट थे? क्या यह तय हो चुका था कि बेल 212 को क्रैश किया जाएगा?
ग़ज़्ज़ा जनसंहार के बीच ज़ायोनी शासन के साथ ईरान के खराब रिश्ते और अप्रैल के महीने में मक़बूज़ा फिलिस्तीन पर ईरान के हमलों के बाद यह तय था कि इस्राईल का टारगेट ईरान का पूरा सिस्टम है। ग़ज़्ज़ा में इस्राईल के लक्ष्य पूर्ति में ईरान सबसे बड़ा बाधक है और अमेरिका की अरब नीति में भी सबसे बड़ी अड़चन तेहरान ही है। इसीलिए आशंका जताई जा रही है कि रईसी के हेलिकॉप्टर को साजिश के तहत गिराया गया है।
अर्दोग़ान ने भरोसा दिलाया, तुर्की संकट के इस समय ईरान के साथ
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान ने ईरान के कार्यकारी राष्ट्रपति से फोन पर बात करते हुए कहा कि तुर्की की जनता और सरकार संकट के इस समय में ईरान के साथ है।
रजब तय्यब अर्दोग़ान ने ईरान के कार्यकारी राष्ट्रपति डॉ मोहम्मद मुखबिर से बात करते हुए कहा कि ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर से बात करने के बाद मुझे ज़रूरी लगा कि आपसे भी बात करूँ और डॉ रईसी, हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान और उनके साथियों की मौत की ताज़ियत पेश करते हुए कहूं कि तुर्की सरकार और पूरा राष्ट्र संकट की इस घड़ी में ईरान के साथ है।
अर्दोग़ान ने कहा कि राष्ट्रपति रईसी और हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए अथक प्रयास किए और मैं उनकी अमिट यादें अपने दिमाग में रखूंगा।
ईरान के कार्यकारी राष्ट्रपति डॉ मोहम्मद मुखबिर ने तुर्की का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान की आंतरिक स्थिरता स्पष्ट कर देती है कि हम सुरक्षा और सफलता के साथ मौजूदा स्थिति को पीछे छोड़ देंगे।