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ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी और उनके साथियों की शहादत पर संवेदना प्रकट करने के लिए ईरान की यात्रा करने वाले इराक़ी प्रधान मंत्री मोहम्मद शीआ अल-सूदानी ने बुधवार को तेहरान में ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात में उनके और ईरानी राष्ट्र के प्रति संवेदना व्यक्त की।

इस मुलाक़ात में इराक़ी पीएम ने कहाः मैं इस दुख की घड़ी में आपसे मुलाक़ात के लिए आया हूं, ताकि इराक़ी सरकार और राष्ट्र की तरफ़ से ईरानी सरकार और राष्ट्र के प्रति संवेदना और दुख व्यक्त कर सकूं। जितना भी हम शहीद राष्ट्रपति रईसी के बारे में जानते हैं, वह सच्चाई, ईमानदारी, सेवा और प्रयत्न का प्रतीक थे।

शहीदों की शव यात्रा में लाखों लोगों की उपस्थिति के संदर्भ में इराक़ी पीएम ने कहाः टीवी पर आज जो तस्वीरें मैंने देखीं, उसका स्पष्ट संदेश था। यह संदेश प्रतिबंधों और दबाव के बावजूद, इस्लामी गणतंत्र में अधिकारियों और जनता के बीच के मज़बूत रिश्ते पर आधारित है।

अल-सूदानी ने आगे कहाः शहीदों की शव यात्रा में लाखों लोगों की उपस्थिति का दूसरा संदेश यह है कि जनता की सेवा करनी चाहइए और यह विशाल शव यात्रा जनता की सेवा का नतीजा है और इराक़ में भी हमें इसे अपने लिए आदर्श बनाना चाहिए।

इस मुलाक़ात में सुप्रीम लीडर ने संवेदना प्रकट करने के लिए इराक़ी पीएम की तेहारन यात्रा की सराहना करते हुए कहाः हमने एक ख़ास हस्ती को खोया है। राष्ट्रपति रईसी एक अच्छे भाई और क़ाबिल और सच्चे अधिकारी थे।

सुप्रीम लीडर का कहना थाः संविधान के मुताबिक़, अब मिस्टर मुख़बिर के कांधों पर भारी ज़िम्मेदारी है और भविष्य में भी इराक़ी सरकार के साथ सहयोग और दोस्ती जारी रहेगी।

जमीन से जुड़े घोटाले के मामले में धन शोधन के आरोपों का सामना कर रहे झारखंड के पूर्व सीएम

हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल रांची की बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में रह रहे हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। यही नहीं उन्हें सुप्रीम कोर्ट से लगी फटकार के बाद अपनी अंतरिम ज़मानत याचिका भी वापस लेना पड़ी।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर राहत नहीं मिली। अदालत ने सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। दरअसल, सोरेन ने हाल ही में कोर्ट में याचिका दायर कर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर खुद के लिए जमानत मांगी थी।

शीर्ष अदालत ने सोरेन की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। साथ ही सच को दबाने के लिए फटकार लगाई। अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता ने इस तथ्य का खुलासा नहीं किया है कि ट्रायल कोर्ट ने मामले में आरोपपत्र का संज्ञान लिया है।

 

नॉर्वे ने ज़ायोनी सेना के जनसंहार और अतिक्रमण का सामना कर रहे फिलिस्तीन को अलग राष्ट्र के रूप में मान्यता देना का फैसला किया है।

नॉर्वे के प्रधान मंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनका देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुरूप, 28 मई से फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देगा।

नॉर्वे के प्रधान मंत्री ने अपने भाषण में जोर देते हुए कहा कि फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता देना उन मध्य शक्तियों की मदद करने का एक साधन है जो इस लंबे संघर्ष में अपना प्रभाव खो चुकी हैं।

फिलिस्तीन संकट के समाधान के लिए दो राष्ट्र के गठन के समाधान के प्रति समर्थन जताते हुए, उन्होंने कहा कि हमारे इस क़दम का एक लक्ष्य एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र बनाना है जो राजनीतिक रूप से सुसंगत हो। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता से दो-राज्य समाधान को साकार करने के लिए बातचीत फिर से शुरू हो सकती है।

 

नॉर्वे के विदेश मंत्री का कहना है कि अगर ज़ायोनी प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतनयाहू उनके देश की यात्रा करेंगे, तो उन्हें गिरफ़्तार कर लिया जाएगा।

नॉर्वे के विदेश मंत्री एस्पेन बर्थ ईडे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत के आदेश के मुताबिक़, अगर नेतनयाहू उनके देश की यात्रा करेंगे, तो उन्हें गिरफ़्तार किया जाएगा।

इससे पहले इस्राईल के टीवी चैनल-12 ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अगर हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत के तीन जज इस्राईली पीएम नेतनयाहू और डिफ़ेंस मिनिस्टर यूआफ़ गैलेंट की गिरफ़्तारी का वारंट जारी करते हैं, तो उसके बाद से यह दोनों किसी भी ऐसे देश की यात्रा नहीं कर सकेंगे, जिसने रोम समझौते पर हस्ताक्षर किए होंगे।

इस रिपोर्ट के मुताबिक़, इस आदेश के जारी होने के बाद, नेतनयाहू और गैलेंट जर्मनी, नीदरलैंड, ग्रीस, फ़्रांस, जापान और स्पेन जैसे देशों की यात्रा नहीं कर सकेंगे। इस लिस्ट में दुनिया भर के 124 देश हैं, जिन्होंने रोम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस्राईली टीवी चैनल का कहना था कि अमरीका क्योंकि इस लिस्ट में नहीं है, इसलिए ज़ायोनी नेता आज़ादी से वाशिंगटन की यात्रा कर सकेंगे।

ग़ौरतलब है कि गैलेंट के अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय यानी आईसीसी ने नेतनयाहू और गैलेंट की गिरफ़्तारी का वारंट जारी करने की मांग की है। इसके अलावा भी आईसीसी एक दूसरी लिस्ट जारी कर सकती है, जिसमें अन्य ज़ायोनी नेताओं की गिरफ़्तारी की भी मांग की जा सकती है, जिनका ग़ज़ा युद्ध में फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार में हाथ है

मिस्र के शेख अलअजहर ने एक संदेश जारी कर हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ईरान के राष्ट्रपति आयतुल्लाह सय्यद इब्राहीम रईसी और उनके सहयोगियों की शहदत पर संवेदना व्यक्त करते हुए शोक संदेश जारी किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मिस्र के शेख अलअजहर ने एक संदेश जारी कर हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ईरान के राष्ट्रपति आयतुल्लाह सय्यद इब्राहीम रईसी और उनके सहयोगियों की शहदत पर संवेदना व्यक्त करते हुए शोक संदेश जारी किया हैं।

अलअजहर के शेख अहमद अलतैय्यब ने राष्ट्रपति अयातुल्लाह इब्राहिम राईसी की शहादत के बाद ईरान और इस देश के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

इस संदेश में अलअजहर के शेख और मिस्र के इस इस्लामिक केंद्र के विद्वानों ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान और उनके साथियों की शहादत को अलविदा कहा जो हेलीकॉप्टर दुर्घटना मे मैत हुई।

इस बयान में कहा गया है कि शेख अलअजहर ईरान के लोगों राष्ट्रपति और विदेश मामलों के मंत्री के परिवार और उनके रिश्तेदारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।

और अल्लाह तआला से दुआ करते हैं कि लोग की मेफिरत फरमाए।

हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद होने वाले ईरान के राष्ट्रपति सय्यद इब्राहीम रईसी और उनके साथियों की याद में मुंबई की ईरानी मस्जिद में शोक समारोह आयोजित किया गया।

राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी और उनके साथियों की शहादत की याद में 'इसना अशरी यूथ फाउंडेशन' की तरफ से ईरानी मस्जिद में नमाज़े-मग़रिब के बाद शोक सभा आयोजित हुई। ताज़ियाती प्रोग्राम की शुरुआत क़ारी मिर्ज़ा हसन की तिलावत-ए-क़ुरआन-ए-मजीद से हुई। मौलाना मोहम्मद फय्याज़ बाक़री ने पहली तक़रीर की और आयतुल्लाह रईसी की शख्सियत पर रौशनी डाली कि वह न सिर्फ़ शिया मुसलमानों के लिए बल्कि पूरी मुस्लिम उम्मत के लिए अहम थे।

पूरी दुनिया आयतुल्लाह रईसी और उनके साथियों के लिए शोक मना रही है। शहीद होने वाले लोगों में दो दो मुजतहिद शामिल थे जिन्होंने इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम के जन्मदिवस के मुबारक दिन शहादत पाई

भारत की शिया उलेमा असेंबली के प्रसारण और प्रकाशन विभाग के प्रभारी मौलाना सय्यद जवाद हैदर रिज़वी ने ईरानी राष्ट्रपति डॉ. रईसी और उनके सहयोगियों की आकस्मिक मृत्यु पर गहरा दुख और अफसोस व्यक्त करते हुए शिया विद्वानो और इस्लामी क्रांति के नेता के प्रति संवेदना व्यक्त की।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के शिया उलेमा असेंबली के प्रसारण विभाग के प्रभारी मौलाना जवाद हैदर रिज़वी ने ईरानी राष्ट्रपति डॉ. रईसी और उनके सहयोगियों की आकस्मिक मृत्यु पर गहरा दुख और अफसोस व्यक्त करते हुए शिया विद्वानो और इस्लामी क्रांति के नेता के प्रति शोक व्यक्त किया है।

शोक संदेश का पाठ इस प्रकार है:

बिस्मेही ता'आला

इन्ना लिल्लाहे वा इन्ना इलैहे राजेऊन

मिनल मोमेनीना रेजालुन सद्दक़ू मा आहदुल्लाहा अलैहे फ़मिन हुम मन क़ज़ा नहबहू व मिनहुम मय यंतज़िर। (अहजाब, 23)

इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान से आ रही हेलीकॉप्टर दुर्घटना की खबर ने कल से कई दिलों को चिंतित कर दिया था, लेकिन आज, मर्द मुजाहिद, सैय्यद महरूमान, खादिम इमाम रज़ा (अ), इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के राष्ट्रपति, आयतुल्लाह सैय्यद इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री डॉ. हुसैन अमीर अब्दुल्लाहीयान, तबरेज़ के इमाम जुमा आयतुल्लाह सैय्यद मुहम्मद अली अल-हाशिम और अन्य साथी यात्रियों की शहादत ने विश्वासियों के दिलों को दुख और शोक से भर दिया।

शहीद इब्राहीम रईसी ने अपने 63 वर्षीय जीवन का अधिकांश समय इस्लाम की सेवा और विभिन्न पदों पर क्रांति में बिताया, जैसे ईरान के इस्लामी गणराज्य के राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश और इमाम रज़ा (अ) के हरम के संरक्षक के रूप मे अन्य पदों के साथ, एक महान क्रांतिकारी कार्रवाई की गई।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति सैय्यद इब्राहिम रईसी, इस्लामी क्रांति के नेता हज़रत आयतुल्लाह अली खामेनेई के भरोसेमंद साथी और कठिन समय में इस्लामी दुनिया और शिया दुनिया की आशा थे।

 

इन महान न्यायविदों और मुजाहिदों की शहादत पर, मुस्लिम उम्माह, शिया विद्वान, इस्लामी क्रांति के नेता, विशेष रूप से इमाम ज़मान (अ) की सेवा मे संवेदना व्यक्त करते हुए इमाम रज़ा (अ) के जन्म की बधाई देते हैं।

 

 

 

 

 

अयातुल्ला सैयद इब्राहिम रायसी और उनके साथियों के अंतिम शवयात्रा में बड़ी संख्या में तबरीज़ के लोग शामिल हुए। इस मौके पर इमोशनल नजारे भी देखने को मिले.

हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के तबरीज़ शहर में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए ईरान के राष्ट्रपति अयातुल्ला सैयद इब्राहिम रायसी और उनके सहयोगियों के लिए एक अंतिम शवयात्रा  निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. लोगों ने भाग लिया.

शहीद राष्ट्रपति और उनके साथियों की अंतिम शवयात्रा के मौके पर भावुक दृश्य भी देखने को मिला. जनाज़े के जुलूस में शामिल मातमी लोग अपने हाथों में इमाम हुसैन (अ.स.) का झंडा और इस्लामी गणतंत्र ईरान का झंडा लिये हुए थे। शहीद राष्ट्रपति की अंतिम यात्रा में शामिल लोग राष्ट्रपति के रास्ते पर चलने की कसम खा रहे थे और अंतिम यात्रा पर फूल फेंककर अपने प्रिय राष्ट्रपति को अलविदा कह रहे थे.

शहीद सद्र के जनाज़े में तबरेज़ शहर और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोगों के साथ उच्च राजनीतिक और सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे। जनाजे में शामिल हुए तबरीज़ के संसद सदस्य ने कहा कि शहीद राष्ट्रपति के जनाजे में हम जो भीड़ देख रहे हैं, वह शहीद राष्ट्रपति की सार्वजनिक लोकप्रियता को दर्शाता है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, तबरीज़ के बाद शवयात्रा राजधानी तेहरान, धार्मिक शहर क़ोम और पवित्र शहर मशहद में किया जाएगा ताकि इन शहरों के लोग अपने प्रिय राष्ट्रपति को अलविदा कह सकें। मशहद में शहीद राष्ट्रपति के अंतिम संस्कार के बाद, उनके शरीर को हज़रत इमाम रज़ा के पवित्र रोजा में दफनाया जाएगा।

ईरान के राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद होने के बाद ईरान समेत दुनिया भर में शोक की लहर है। ईरान के लोकप्रिय राष्ट्रपति और विदेश मंत्री समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों, राजनेताओं और गणमान्य लोगों की मौत के बाद देश भर में शोक का माहौल है।

 

घटना के वक्त हेलीकॉप्टर में रईसी के साथ ईरान के विदेश मंत्री सहित कुछ बड़े नेता मौजूद थे। ईरान ने 20 मई को राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी और विदेश मंत्री सहित हेलीकॉप्टर में मौजूद रहे लोगों के मौत हुई है। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी की मौत पर ईरान ने 5 दिनों तक के लिए राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है।

 

ईरान के राष्ट्रपति सय्यद इब्राहीम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान और अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में दुखद मौत के बाद भारत ने एक दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा। नई दिल्ली में ईरानी दूतावास ने भी अपना झंडा आधा झुका दिया।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया कि ईरान के राष्ट्रपति के सम्मान में आज (21 मई) पूरे भारत में उन सभी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, जहां इसे नियमित रूप से फहराया जाता है और राजकीय शोक की अवधि के दौरान मनोरंजन वाला कोई आधिकारिक कार्यक्रम नहीं होगा। गृह मंत्रालय के अनुसार शहीद ईरानी राष्ट्रपति रईसी के सम्मान में मंगलवार को पूरे देश में एक दिन का राजकीय शोक मनाया जाएगा।