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ईरान के राष्ट्रपति और उच्च सांस्कृतिक क्रांति परिषद के प्रमुख डॉ. मसूद पज़ेश्कियान के आदेश से 23 रबीउल अव्वल को यौम-ए-क़ुम के रूप में देश के आधिकारिक कैलेंडर में शामिल किया गया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,ईरान के राष्ट्रपति और उच्च सांस्कृतिक क्रांति परिषद के प्रमुख डॉ. मसूद पज़ेश्कियान के आदेश से 23 रबीउल अव्वल को यौम-ए-क़ुम के रूप में देश के आधिकारिक कैलेंडर में शामिल किया गया है।

यह निर्णय 13 दिसंबर 2024 को उच्च सांस्कृतिक क्रांति परिषद के 909वें सत्र में किया गया यह प्रस्ताव परिषद के 504वें उप सत्र और राष्ट्रीय सांस्कृतिक परिषद की सिफारिश पर आधारित था।

23 रबीउल अव्वल को क़ुम का दिन घोषित कर इसे आधिकारिक कैलेंडर के परिशिष्ट में शामिल किया जाए।

यह कदम क़ुम की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वता को उजागर करने और राष्ट्रीय स्तर पर उसके योगदान को मान्यता देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) ने एक बयान जारी कर उत्तरी ग़ाज़ा पट्टी में क़माल अदवान अस्पताल पर हमले और उसे आग के हवाले करने की कड़ी निंदा की है।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) ने एक बयान जारी कर उत्तरी ग़ाज़ा पट्टी में क़माल अदवान अस्पताल पर हमले और उसे आग के हवाले करने की कड़ी निंदा की है।

OIC ने अपने बयान में कहा,ज़ायोनी सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं पर हमले अस्पतालों को निशाना बनाना उनका घेराव करना, चिकित्सा कर्मियों, घायलों और मरीजों को गिरफ्तार करना अंतरराष्ट्रीय और मानवाधिकार कानूनों और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का खुला उल्लंघन है।

संगठन ने वैश्विक समुदाय से मांग की हैं युद्धविराम को स्थायी रूप से लागू किया जाए।ज़ायोनी सरकार की सैन्य कार्रवाइयों को तुरंत रोका जाए। अस्पतालों के बुनियादी ढांचे और चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।मरीजों और घायलों के अधिकारों की गारंटी दी जाए।

संगठन ने ग़ज़ा पट्टी में मानवीय और चिकित्सा सहायता की आपूर्ति को बिना किसी बाधा के सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के निदेशक मुनीर अलबरश ने शुक्रवार शाम बताया कि ज़ायोनी सरकार ने क़माल अदवान अस्पताल को जबरन खाली करवाने के बाद उसे आग के हवाले कर दिया।ज़ायोनी सैनिकों ने अस्पताल के आसपास गंभीर अपराध किया हैं।

50 फ़िलिस्तीनियों को शहीद कर दिया जिनमें पांच चिकित्सा कर्मी भी शामिल थे।इस अमानवीय कृत्य की OIC ने निंदा की और इसे मानवता के खिलाफ अपराध बताया।

अमेरिका मे ट्रम्प की ताजपोशी से पहले ही भारत के लिए कड़े रुख के संकेत मिलने लगे हैं। अमेरिका मे हर दिन कम से कम 4 भारतीयों को देश से निकाला जा रहा है। 

भारतीयों को अमेरिका से वापस स्वदेश भेजने का सिलसिला लगातार जारी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में अप्रवासी लोगों को बाहर निकालने की यह स्पीड इतनी तेज़ है कि 2024 में हर 6 घंटे में एक भारतीय को अमेरिका से भारत के लिए निर्वासित किया गया।

यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम इन्फोर्समेंट (ICE) की ओर से 19 दिसंबर को जारी वित्तीय वर्ष 2024 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल हर 6 घंटे में एक भारतीय को अमेरिका से भारत भेजा गया। खास बात यह रही कि इस मामले में संख्या में कोई गिरावट नहीं आई, बल्कि बेतहाशा इजाफा ही हुआ है।

हमास और हिज़्बुल्लाह लेबनान ने गुरुवार रात एक बयान में ज़ायोनी सेना द्वारा यमन पर किए गए हमले की कड़ी निंदा करते हुए इस से यमन की संप्रभुता पर सीधा हमला बताया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार , हमास और हिज़्बुल्लाह लेबनान ने गुरुवार रात एक बयान में ज़ायोनी सेना द्वारा यमन पर किए गए हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे यमन की संप्रभुता पर सीधा हमला बताया है।

हमास और हिज़्बुल्लाह लेबनान ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि यह हमला यमन की स्वायत्तता पर स्पष्ट आक्रमण है।

हमास ने अपने बयान में अरब और इस्लामी देशों से अपील की कि वे इस कब्ज़ा करने वाली सरकार पर नियंत्रण करें और क्षेत्र में इसके हमलों के खिलाफ एकजुटता दिखाएं।

हमास ने आगे कहा,हम अंसारुल्लाह के उस रुख़ की सराहना करते हैं जिसमें उन्होंने कहा कि यमन पर यह हमला हमें फिलिस्तीनी जनता का समर्थन जारी रखने से नहीं रोक पाएगा।

हिज़्बुल्लाह ने भी इस हमले की निंदा करते हुए अपने बयान में कहा,हिज़्बुल्लाह आंदोलन अमेरिका और ब्रिटेन की भागीदारी से किए गए इस्राइली सेना के इस व्यापक हमले की कड़ी निंदा करता है, जिसमें यमन के नागरिक आर्थिक और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया।

बयान में आगे कहा गया कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन है और इस्राइली आक्रामकता का सिलसिला जारी है जो अरब और इस्लामी देशों, विशेष रूप से फिलिस्तीन, लेबनान और सीरिया की जनता के खिलाफ हो रही है।

इस्राइली सेना ने दावा किया कि उन्होंने यमन के हवाई अड्डे के साथसाथ हुदैदा, सलीफ और रस कतीब के तटीय क्षेत्रों में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। साथ ही उन्होंने हजिज़ और रस कतीब के बिजली संयंत्रों पर भी हमला किया है।

अंसारुल्लाह ने कहा कि इस्राइली हमले में सना हवाई अड्डे पर कम से कम तीन लोग शहीद हो गए और 11 अन्य घायल हुए हैं।

उपाध्यक्ष एमडब्ल्यूएम ने कहा कि उन्हें अभी भी इस क्रूरता के खिलाफ आपराधिक चुप्पी रखकर पाकिस्तान की सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, शुक्रवार की सभा के बाद पूरे पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो सकता है, इसलिए सरकार को तुरंत मांगों को पूरा करना चाहिए।

पारा चिनार के उत्पीड़ित लोगों के पक्ष में मजलिस वहदत मुस्लिमीन और आईएसओ लाहौर डिवीजन द्वारा आयोजित लाहौर प्रेस क्लब के सामने एक विरोध धरना चल रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में नागरिक भाग ले रहे हैं। धरने में शामिल लोग पीड़ित लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त कर रहे हैं और सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

धरने को संबोधित करते हुए मजलिस वहदत मुस्लिमीन पाकिस्तान के उपाध्यक्ष अल्लामा अहमद इकबाल रिजवी ने कहा कि पारा चिनार के लोग चारों तरफ से घेराबंदी में हैं और बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। उन्होंने विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया नहीं देने के लिए सरकार की आलोचना की।

अल्लामा अहमद इकबाल रिजवी ने कहा कि सरकार की देरी से कार्यकर्ताओं और जनता का मनोबल बढ़ रहा है और अगर यही स्थिति रही तो पूरे पाकिस्तान में हर मंडल मुख्यालय पर धरना शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्पीड़ित निश्चित रूप से कमजोर नहीं हैं, और अगर पारा चिनार के लोगों की मांगें पूरी नहीं की गईं, तो शुक्रवार की सभा के बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की श्रृंखला शुरू हो सकती है।

उपाध्यक्ष ने कहा कि हेलीकॉप्टर के माध्यम से कुछ दवाएं भेजना समस्या का समाधान नहीं है, लेकिन इन समस्याओं को स्थायी आधार पर हल करने की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार से कर्मा की सड़कों को तुरंत खोलने की मांग की ताकि घिरे लोग अपनी जिम्मेदारियों पर और छात्र अपनी शैक्षणिक गतिविधियों पर वापस जा सकें।

यह विरोध प्रदर्शन पारा चिनार के लोगों और सरकार की उदासीनता के पक्ष में एक मजबूत आवाज उठाने का एक प्रयास है। प्रतिभागियों का कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, यह धरना जारी रहेगा।

लेबनान के आधिकारिक और सैन्य सूत्रों ने कहा कि लेबनान और इज़राइल के बीच युद्धविराम समझौते के बावजूद, इजरायली कई बार हवाई हमले किए पूर्वी लेबनान के बालाबक क्षेत्र में एक घर पर हमला किया हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार , लेबनान के आधिकारिक और सैन्य सूत्रों ने कहा कि लेबनान और इज़राइल के बीच युद्धविराम समझौते के बावजूद, इजरायली कई बार हवाई हमले किए पूर्वी लेबनान के बालाबक क्षेत्र में एक घर पर हमला किया हैं।

आधिकारिक राष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने कहा कि बुधवार को भोर में बालबेक के पश्चिम में लितानी नदी के पास तरया गांव के मैदान में एक घर पर हमला हुआ जिससे कोई हताहत नहीं हुआ इसने इज़रायली युद्धक विमानों पर संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

लेबनानी सैन्य सूत्र ने बताया कि इजरायली तोपखाने ने दोपहर के समय दक्षिणी सीमा क्षेत्र के मारून अलरास गांव पर भी कई गोले दागे सूत्र ने कहा कि इजरायली तत्वों ने मार्जेयुन जिले के दक्षिणी बाहरी इलाके में अवैदा पहाड़ी पर इजरायली झंडा फहराया हैं।

इज़राइल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग 14 महीने की लड़ाई को रोकने के लिए एक युद्धविराम, 27 नवंबर को लागू हुआ।

समझौते में 60 दिनों के भीतर लेबनानी क्षेत्र से इजरायल की वापसी की शर्त थी जिसमें लेबनानी सेना को सीमा पर और दक्षिण में तैनात किया गया था।

इससे पहले लेबनानी विदेश मंत्रालय और प्रवासियों ने इज़राइल द्वारा लेबनान के साथ अपने युद्धविराम समझौते के बार बार उल्लंघन के जवाब में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में देश के स्थायी मिशन के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शिकायत दर्ज की है।

पोप फ्रांसिस ने अपने क्रिसमस संदेश में गाजा में मानवीय स्थिति को 'अत्यधिक गंभीर' बताया और 'संवाद और शांति के द्वार खोलने' की अपील की।

88 वर्षीय पोप का यह संबोधन बुधवार को हुआ, जब इज़राइल का गाजा में जातीय सफाई और नरसंहार का अभियान जारी था, जिसमें अक्टूबर 2023 से अब तक कम से कम 45,300 जानें जा चुकी हैं, जिनमें से 17,400 से अधिक बच्चे शामिल हैं।

पोप फ्रांसिस ने अपने पोंटीफ के रूप में 12वां क्रिसमस मनाया, और गाजा में पलस्तीनियों के साथ क्रिसमस कॉल्स भी किए, जो अपनी विलुप्ति के खतरे का सामना कर रहे हैं।

1.4 अरब कैथोलिकों के नेता के रूप में पोप फ्रांसिस ने इज़राइली शासन की तीव्र आलोचना की और गाजा में तत्काल युद्धविराम और मानवीय सहायता की पहुंच में सुधार की मांग की।

उन्होंने अपनी क्रिसमस अपील को अन्य वैश्विक संकटों तक भी विस्तारित किया, जिसमें सूडान का संघर्ष भी शामिल है, जहाँ 20 महीने से चल रही गृहयुद्ध के कारण लाखों लोग अकाल के कगार पर हैं।

पोप ने पिछले सप्ताह अपने क्रिसमस संदेश में गाजा में बच्चों की हत्याओं की निंदा की और इसे 'क्रूरता' बताया।

क्रिसमस के मौके पर चर्च में युवाओं की भागीदारी इस अवसर पर प्रेम एकता और अंतरधार्मिक सामंजस्य का संदेश दिया गया।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,क्रिसमस के मौके पर चर्च में युवाओं की भागीदारी इस अवसर पर प्रेम एकता और अंतरधार्मिक सामंजस्य का संदेश दिया गया प्रतिभागियों ने जोर देकर कहा कि धार्मिक त्यौहार पूरी मानवता के लिए शांति भाईचारे और नज़दीकी का माध्यम बनना चाहिए।

दुनियाभर में 25 दिसंबर को हज़रत ईसा अ.स.की पैदाइश की याद में क्रिसमस का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है इस मौके पर उनके अनुयायी प्रेम और सहिष्णुता के संदेश को फैलाते हैं।

इसी क्रम में, पिछले वर्षों की तरह इस साल भी जनैर की धरती पर एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष पहल की गई। मौलाना शाहिद परधान और मौलाना हुसैन अब्बास के साथ युवाओं के एक दल ने चर्च का दौरा किया और वहां मौजूद ईसाई समुदाय के युवाओं और बुजुर्गों को क्रिसमस की बधाई दी।

 

इस अवसर पर प्रेम एकता और अंतरधार्मिक सामंजस्य का संदेश दिया गया प्रतिभागियों ने इस बात पर जोर दिया कि धार्मिक त्यौहार सभी के लिए शांति, भाईचारे और नज़दीकी का जरिया बनने चाहिए। चर्च में मौजूद ईसाई समुदाय ने इस पहल की सराहना की और अपना आभार व्यक्त किया।

यह पहल एक शानदार उदाहरण है कि विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोग आपसी प्रेम और सामंजस्य के साथ जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

सोशलप्लेट फ़ार्म X के विभिन्न ईरानी यूज़र्सकर्ताओं ने अपनी पोस्टों में हज़रत ईसा मसीह अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिन को इंसानियत के लिए आध्यात्मिक मूल्यों को याद का दिन बताया है।

बुधवार 25 दिसंबर 2024 को हज़रत ईसा मसीह अलैहिस्सलाम का शुभ जन्म दिवस था।

इसी उपलक्क्ष में सोशलप्लेट फ़ार्म X के विभिन्न ईरानी यूज़र्सकर्ताओं ने अपनी पोस्टों में हज़रत ईसा मसीह अलैहिस्सलाम के जन्म दिन के शुभअवसर की बधाई दी है।

हज़रत ईसा मसीह का जन्मदिन ईश्वरीय शिक्षाओं को याद करने का एक अवसर है

ईरान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बक़ाई ने सोशल प्लेटफ़ार्म X पर विश्व के समस्त ईसाइयों विशेषकर ईरानी ईसाइयों को मुबारकबाद देते हुए लिखा है कि हज़रत ईसा-मसीह के जन्म दिन पर मनाया जाने वाला जश्न समस्त बड़े पैग़म्बरों द्वारा लायी गयी शिक्षाओं को याद करने का अवसर है।

उन्होंने X पर लिखा है कि समस्त पैग़म्बर न्याय, शांति और प्रेम का निमंत्रण देते थे। ईरान एक ऐसा देश है जो शांति और धर्मों व सभ्यताओं के मध्य प्रेम से संमृद्ध रहा है और वह इब्राहीमी धर्म की समान व संयुक्त मीरासों का वारिस होने पर गर्व करता है।"

हज़रत ईसा अलै. की आवाज़ पर लब्बैक

एक अन्य ईरानी X यूज़र्सकर्ता बाबक ने भी हज़रत ईसा मसीह अलैहिस्सलाम के अनुसरण व अनुपालन को आवश्यक बाताते हुए लिखा है कि हज़रत ईसा मसीह अलै. का जन्मदिन हमें याद दिलाता है कि समस्त क्रांतिकारियों और दुनिया के सुधारकों को चाहिये कि वे अपने जीवन में हज़रत ईसा की शिक्षाओं का अनुसरण करें और धैर्य व संयम से इंसानों के मध्य शांति और दोस्ती के लिए प्रयास करें।

हज़रत ईसा मसीह और इमाम महदी अलैहिस्सलाम विश्व के मुक्तिदाता हैं

सोशल प्लेटफ़ार्म X की एक अन्य ईरानी यूज़र्सकर्ता ज़ैनब हैं जिन्होंने एक्स पर हज़रत ईसा मसीह के जन्म दिवस की मुबारकबाद दी है और लिखा है कि उनका आगमन आशा और नजात व मुक्ति की याद दिलाने वाला था और मुक्तिदाता के ज़ुहूर के लिए ईश्वरीय वादे को याद दिलाता है। वह इमाम महदी अलै. के साथ आयेंगे ताकि वह मानवता के महामुक्तिदाता के आने की शुभसूचना दे सकें।

हज़रत ईसा अलै. अंधेरे में प्रकाश व नूर हैं

एक अन्य ईरानी X यूज़र्सकर्ता सैय्यद क़ासिम अख़ज़ाराती हैं जिन्होंने X पर हज़रत ईसा अलै. के जन्म दिन की बधाई दी है और X पर लिखा है कि हज़रत ईसा का जन्म उस नूर व प्रकाश की याद दिलाता है जो दुनिया के अंधेरे में चमका ताकि इंसानों तक प्रेम, शांति और आशा का संदेश पहुंचा सके। उन्होंने अपनी ज़िन्दगी और शिक्षाओं से सिखा दिया कि प्रेम सीमा को नहीं पहचानता और प्रेम मानवता की मुक्ति व कल्याण का एकमात्र मार्ग है।

 

 

हिज़बुल्लाह के सूत्रों ने अलशरक अलअवसत अख़बार को बताया है कि शहीद सैयद हसन नसरल्लाह को दफनाने की जगह निश्चित कर दी गई है।

एक रिपोर्ट के अनुसार ,हिज़बुल्लाह के सूत्रों ने अलशरक अलअवसत अख़बार को बताया है कि शहीद सैयद हसन नसरल्लाह को दफनाने की जगह निश्चित कर दी गई है

सूत्रों के अनुसार शहीद नसरल्लाह का पार्थिव शरीर बेरूत के रफीक हरीरी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को जाने वाले पुराने मार्ग के पास एक खास जमीन पर दफनाया जाएगा इस जगह पर एक ज़ियारतगाह (तीर्थस्थल) भी बनाई जाएगी।

सूत्रों ने यह भी बताया कि शहीद सैयद हसन नसरल्लाह और हिज़बुल्लाह की कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष शहीद सैयद हाशिम सफीउद्दीन के जनाज़े की सार्वजनिक तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। हालांकि, सैयद हाशिम सफीउद्दीन की वसीयत के अनुसार, उन्हें सूर शहर के दीर क़ानून इलाके में दफनाया जाएगा।

इसके अलावा सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि इज़राइल द्वारा पेजर डिवाइस में बम विस्फोट की जांच जारी है। जब तक इस घटना की सच्चाई और संबंधित दोषियों की पहचान नहीं हो जाती, यह जांच जारी रहेगी। इससे यह संकेत मिलता है कि आगामी चरण में हिज़बुल्लाह की प्राथमिकताएं इसी मुद्दे पर केंद्रित रहेंगी।