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अमेरिका में "दयानत"तुर्की केंद्र
दयानत केंद्र शहर Lanham, मैरीलैंड, अमेरिका,विश्वासमें ऐक धार्मिक केंद्र है जो तुर्की नजाद और अन्य मुसलमान को धार्मिक और सामाजिक सेवाएं प्रदान करता है यह केंद्र तुर्की के धार्मिक मामलों के विभाग से संबद्धित,दयानत के रूप में जाना है।
ऑस्ट्रेलिया में 99 गुंबद वाली मस्जिद की डिजाइन
(angelo candalepas) एंजीलो कैंडलेपेस ऑस्ट्रेलियाई वास्तुकार ने सिडनी में एक मस्जिद बनाई है, जिसमें 99 गुंबद हैं इस मस्जिद का जून के महीने में रमजान के अवसर पर ईफ्तेताह किया जाएग़ा इस मस्जिद की डिजाइन इस तरह की गई है कि सभी धर्म के लोग़ खुश हैं
बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स की ग्रेट मस्जिद
पार्क में सबसे पुरानी मस्जिद स्थित है। इस समय यह मस्जिद बेल्जियम के इस्लामी और सांस्कृतिक केंद्र केा मुख्यालय है।
जम्मू में इंटरनेशनल सीरतुन्नबी सम्मेलन आयोजित किया गया
ग्रेटर कश्मीर द्वारा खबर साइट के अनुसार; अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सीरतुन्नबी (SAW) जम्मू शिया फेडरेशन द्वारा जम्मू के मुस्लिम छात्र संघ के साथ सहयोग से आयोजित किया गया।
जम्मू और कश्मीर के हज और अवक़ाफ़ मंत्री ने इस सम्मेलन में पैगंबर मोहम्मद (स.व.) के पवित्र और आध्यात्मिक जीवन और उनकी शिक्षाओं के पर भाषण दिया।
उन्होंने जोर दिया: शांति और सामाजिक एकता उन मूल्यों में है कि इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद (स.व.) की शिक्षाओं में अधिक ध्सान दिया गया है।
उन्होंने इसी तरह पैगंबर मोहम्मद (स.व.) की शिक्षाओं का पालन करने की जरूरत पर जोर दिया और मुसलमानों से अन्य धर्मों के बारे में जानने के लिए आग्रह किया व कहाः कि अन्य धर्मों पर ध्यान देते हुए हमें याद दिलाता है कि सभी धर्म मनुष्य के शांति और एकता के समर्थक हैं।
जम्मू और कश्मीर उत्तरी भारत में एक मुस्लिम राज्य है, और इस क्षेत्र में शियों की महत्वपूर्ण आबादी है।
म्यांमार में सैनिक ने मां की गोद से बच्चे को लेकर आग में डाल दिया, सेव द चिल्ड्रेन संस्था का बयान
एक मानवाधिकार संगठन ने म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों और ख़ास तौर पर उनके बच्चों और औरतों के ख़िलाफ़ होने वाले अपराध को बहुत ही भयानक बताया है।
सेव द चिल्ड्रेन संस्था ने जर्नम अख़बार ‘द वाल्ट’ में छपी एक रिपोर्ट में कहा है कि म्यांमार में बच्चों और औरतों के साथ जो हिंसक व्यवहार हुए हैं उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
हेल थॉर्निंग श्मिद ने जो इस संगठन की प्रमुख हैं, कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा का सबसे भयानक रूप रोहिंग्या औरतों और बच्चियों ने झेला है। हेल थॉर्निंग श्मिद ने कहा कि लगभग सभी रोहिंग्या बच्चे उन ख़तरनाक घटनाओं के बारे में बता रहे हैं जो उन्होंने अपनी आंखों से देखा है।
इस बाल अधिकार संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, एक जवान महिला ने कहा कि उसने अपनी आंखों से देखा कि किस तरह एक म्यांमारी सैनिक ने एक गर्भवती महिला पर पेट्रोल छिड़क उसे ज़िन्दा जला दिया।
इस गवाह ने बताया कि एक और सैनिक को देखा जिसने एक बच्चे को उसकी मांग की गोद से छीन कर आग में डाल दिया।
इस रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार से बांग्लादेश पलायन करने वाले रोहिंग्या मुसलमानों में लगभग 60 फ़ीसद बच्चे हैं।
शहीद हुजजी सबके सामने ईश्वर की निशानी बन गयेः वरिष्ठ नेता
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने धार्मिक और क्रांतिकारी भावनाओं की मज़बूती को शिक्षा मामलों के ज़िम्मेदारों की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी बताया है।
सोमवार की सुबह यज़्द और हमदान के शिक्षण और सांस्कृतिक मामलों के अधिकारियों के एक गुट को संबोधित करते हुए इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने युवा पीढ़ी में क्रांतिकारी और जेहादी भावनाओं को मज़बूत किए जाने पर बल दिया।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि शिक्षा मामलों के अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है कि वह संबंधित विभागों में क्रांतिकारी भावनाओं और गतिविधियों को मज़बूत बनाएं और उसका समर्थन करें।
वरिष्ठ नेता ने वर्तमान संसार में युवा पीढ़ी को गुमराह करने के उद्देश्य से अस्तित्व में आने वाले माहौल और संसाधनों की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस प्रकार के हानिकारक प्रोपेगैंडे और पथभ्रष्ट करने वाली आवाज़ों के मुक़ाबले में, युवाओं के मार्गदर्शन और मानसिक प्रशिक्षण के लिए भी बहुत अधिक संभावनाएं और संसाधन मौजूद हैं।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने शहीद मोहसिन हुजजी को इस्लामी और क्रांतिकारी प्रशिक्षण का व्यवहारिक नमूना बताया। उन्होंने कहा कि एक एेसी दुनिया में जहां बुद्धि को दिगभ्रमित करने वाले असंख्य सुनने और देखने वाले रास्ते खुले हैं, शहीद मोहसिन हुजजी इस प्रकार उभर कर आए कि हम सब के सामने एक तर्क बन गये।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है कि वह क्रांति के इस महान और शक्तिशाली आंदोलन को जो, सौभाग्य से हमारे युवाओं में मौजूद है, और अधिक शक्तिशाली बनाएं और एेसे काम न करें कि विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थानों और धार्मिक प्रचार के क्रम में क्रांतिकारी और इस्लामी भावनाओं के विरोधी आंदोलन को शक्तिशाली होने का अवसर मिले।
मलेशिया राजधानी की जामा मस्जिद
कुआलालंपुर शहर की जामा मस्जिद शहर की सबसे पुरानी मस्जिद का निर्माण 1907 में शुरू किया और और 1909 में "सुल्तान सलांगुर" के हाथों ईफ्तेताह हुआ यह मस्जिद अंग्रेजी वास्तुकार "एबीसी होबुक" द्वारा कलांग़ और ग़ुम्बाक दो नदियों के संगम पर बनाई ग़ई है
कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना - हज़रत सुल्तान की मस्जिद
कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में हजरत सुल्तान की मस्जिद मध्य एशिया में दूसरी सबसे बड़ी मस्जिद है।
मस्जिद का निर्माण 2009 में शुरू हुआ और 2012 में आधिकारिक तौर पर खोली गयी।
हिज़्बुल्लाह 2006 की तुलना में 10 गुना अधिक मज़बूत हो चुका हैः इस्राईल
संयुक्त राष्ट्र संघ में इस्राईल के पूर्व प्रतिनिधि ने लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन की सैन्य क्षमता में वृद्धि की ओर संकेत करते हुए कहा है कि वह अब 2006 की तुलना में दस गुना अधिक शक्तिशाली हो चुका है।
राॅन प्रोसोर ने वाॅल स्ट्रीट जरनल में प्रकाशित होने वाले अपने एक लेख में कहा है कि हिज़्बुल्लाह संगठन अपने सभी मीज़ाइलों को एक दिन में इस्राईल पर फ़ायर कर सकता है। उन्होंने लेबनान के राष्ट्रपति मिशल औन की ओर से हिज़्बुल्लाह के समर्थन की ओर से सचेत करते हुए लिखा है कि इस समय हिज़्बुल्लाह के पास डेढ़ लाख मीज़ाइल हैं जिनकी संख्या नैटो के सभी सदस्य देशों के कुल मीज़ाइलो से ज़्यादा है और उनके माध्यम से वह पूरे इस्राईल को लक्ष्य बना सकता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ में इस्राईल के पूर्व प्रतिनिधि ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि हिज़्बुल्लाह संगठन वर्ष 2006 की तुलना में 10 गुना अधिक मज़बूत हो चुका है, अमरीका से मांग की कि वह दक्षिणी लेबनान तक हथियार न पहुंचने दे और हिज़्बुल्लाह को नियंत्रित करने के लिए रूस को तैयार करे। ज़ायोनी शासन के उप सेनाध्यक्ष याईर गोलान भी इससे पहले इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि हिज़्बुल्लाह की सैन्य शक्ति काफ़ी बढ़ चुकी है और वह इस्राईल के लिए एक गंभीर ख़तरा बन चुका है।
तूरे सीना की मस्जिद, इथियोपियाई मुस्लिमों के इकट्ठे होने की जगह
मस्जिद "तूरे सीना" उत्तरी इथियोपिया में स्थित " Wello" क्षेत्र में है.
यह मस्जिद बाम्बू लकड़ी व बांस से बनाई गई है कि इस देश की सांस्कृतिक विरासत के रूप में इथियोपियाई मुस्लिमों के इकट्ठे होने की जगह भी है,
मस्जिद "तूरे सीना" एक लंबा इतिहास रखती है और लकड़ी के ढांचे के ऐतेबार से अपने में अद्वितीय है।