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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि वह देश में शांति की स्थापना के लिए राष्ट्रपति पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।

रविवार को एक प्रेस कांफ़्रेंस में इस सवाल कि जवाब में कि क्या वह अपने पद से इस्तीफ़ा देने के लिए तैयार हैं या नहीं, ज़ेलेंस्की ने ग़ुस्से में कहाः अगर इससे यूक्रेन में शांति स्थापित होती है और वास्तव में अगर ज़रूरी हुआ तो वह अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।

पार्सटुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए तीन साल पूरे होने वाले हैं और स्थिति ज़ेलेंस्की और यूक्रेन के लिए की गई भविष्यवाणियों की विपरीत दिशा में आगे बढ़ रही है। व्हाइट हाउस में डोनल्ड ट्रम्प के प्रवेश के बाद से यूक्रेन के सबसे बड़े समर्थक अमरीका के साथ उसके संबंध ख़राब हुए हैं।

ईरान में तेल उद्योग आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का छठा उपयोगकर्ता

ईरानी प्रौद्योगिकी प्रबंधन संघ के प्रमुख मेहदी मोहम्मदी ने कहा है कि तेल उद्योग, ईरान में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का छठा उपयोगकर्ता है और इस क्षेत्र में बड़े निवेश की योजना है। दूसरी ओर, ईरानी सूचना विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रमुख मोहम्मद हसनज़ादेह ने विश्व में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के प्रकाशनों में इस्लामी गणराज्य ईरान की स्थिति में विकास की घोषणा की है।

हसन नसरुल्लाह के अंतिम संस्कार में लाखों लोगों ने लिया भाग

लेबनान के टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक़, शहीद सैयद हनस नसरुल्लाह की शव यात्रा में 14 लाख लोगों ने भाग लिया है।

इज़राइल, ज़ायोनी शासन के पूर्व प्रवक्ताः मीडिया वॉर में हम हार गए हैं

ज़ायोनी शासन के पूर्व प्रवक्ता एलन लवी ने मारियो के साथ विशेष बातचीत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज़ायोनी शासन की पराजय का ख़ुलासा करते हुए कहा है कि दुनिया में जनमत ज़ायोनी शासन के पक्ष में नहीं है।

उज़्बेकिस्तान में अफ़ग़ान प्रवासियों ने अपने देश में निवेश की इच्छा जताई है

तालिबान की अंतरिम सरकार के उप आर्थिक प्रमुख अब्दुल ग़नी बरादर ने कहा है कि उज़्बेकिस्तान में अफ़ग़ान प्रवासियों ने अफ़ग़ानिस्तान में 100 मिलियन डॉलर तक निवेश की इच्छा व्यक्त की है।

मिस्र, इज़राइली सैनिक लेबनान की सीमा से बाहर निकल जाएं

मिस्र के विदेश मंत्री बदर अब्दुल आती ने कहा हैः यूएन सुरक्षा परिषद के 1701 प्रस्ताव के आधार पर इज़राइली सैनिकों को पूर्ण रूप से लेबनान से बाहर निकल जाना चाहिए। अल-आती ने फ़िलिस्तीनियों के उनके वतन में रहने और ग़ज़ा पट्टी के पुनर्निर्माण के महत्व पर भी ज़ोर दिया।

म्यांमार संकट के समाधान पर मलेशिया का बल

दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान के अध्यक्ष देश मलेशिया के विदेश मंत्री मोहम्मद हसन ने कहा है कि उनका देश म्यांमार संकट के समाधान और इस देश में शांति की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है।

पाकिस्तान ने ग़ज़ा को 100 टन सहायता सामग्री भेजी

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के आदेश पर, ग़ज़ा के उत्पीड़ित लोगों के लिए 100 टन मानवीय सहायता लेकर एक मालवाहक विमान कराची अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से मिस्र के अल-अरीश शहर के लिए रवाना हुआ।

 

पवित्र क़ुरआन के महान व्याख्याकार ने कहा है कि क़ुरआन ज्ञान व माअरत का कौसर है और उसने समस्त संदेहों का जवाब दिया है।

पवित्र क़ुरआन के महान व्याख्याकार आयतुल्लाहिल उज़्मा अब्दुल्लाह जवादी आमूली ने पवित्र क़ुरआन के महान स्थान की ओर संकेत करते हुए कहा कि पवित्र क़ुरआन पूरी तरह शिफ़ा है।

आयतुल्लाहिल उज़्मा जवादी आमूली ने कहा कि क़ुरआन और अहलेबैत कौसर हैं और वे सोते की तरह उबल रहे हैं और अपनी बरकतों से लोगों और समाजों को लाभांवित कर रहे हैं।

जवाद आमूली कहते हैं कि पवित्र क़ुरआन समस्त संदेहों का जवाब देता है चाहे उन संदेहों का संबंध ज्ञान से हो या अमल से। वह कहते हैं कि क़ुरआन और अहलेबैत अलै. के होने की वजह से मुसलमानों को अपनी क़द्र और पहचान को जानना व समझना चाहिये।

आयतुल्लाह सीस्तानी के प्रतिनिधि ने इराक़ के पवित्र नगर कर्बला में अहलेबैत के क़ुरआनी ज्ञानकोष की प्रशंसा की।

इराक़ के पवित्र नगर कर्बला में आयतुल्लाह सीस्तानी के प्रतिनिधि शैख़ अब्दुल मेहदी कर्बलाई ने अहलेबैत के क़ुरआनी ज्ञानकोष के लिखने की क़द्रदानी और प्रशंसा की। उन्होंने इस ज्ञानकोष को अद्वितीय उपलब्धि बताया और 14 वर्षों तक इसके लिखने में लगाये गये समय व प्रयास की सराहना की।

उल्लेखनीय है कि क़ुरआनी अहलेबैत ज्ञानकोष 60 खंडों पर आधारित है। उसमें पवित्र क़ुरआन की आयतों की तफ़सीर और अहलेबैत की हदीसों के आधार पर बहुत से ज्ञानों की व्याख्या की गयी है।

ईरान के क़ज़्वीन शहर में क़ुरआन का राष्ट्रीय फ़ेस्टिवल आरंभ

शुक्रवार की शाम को क़ज़्वीन शहर की मेज़बानी में पवित्र क़ुरआन की तिलावत का राष्ट्रीय फ़ेस्टिवल आरंभ हुआ और वह रविवार तक चलेगा।

अफ़ग़ानिस्तान के बल्ख़ और जौज़जान प्रांतों में इमाम महदी अलैहिस्सलाम के जन्म दिवस का जश्न मनाया गया।

अफ़ग़ानिस्तान के बल्ख़ प्रांत में इमाम ज़मान अलैहिस्सलाम के जन्म दिवस के संबंध में एक जश्न मनाया गया। इस जश्न का शीर्षक था" यह घर ज़हरा के महदी की प्रतीक्षा में है" इसी प्रकार अफ़ग़ानिस्तान के जौज़जान प्रांत के शबरग़ान शहर के धार्मिक मदरसे में इमाम महदी अलैहिस्सलाम के जन्म दिवस के संबंध में जश्न मनाया गया। इस जश्न का शीर्षक था" उम्मते वाहिदा दर अस्रे इंतेज़ार" अर्थात एक राष्ट्र व उम्मत प्रतीक्षा के काल में

ईरान के पवित्र नगर मशहद में क़ुरआन और अहलेबैत की अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी

क़ुरआन और इतरत नाम की 18वीं अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी रमज़ान का पवित्र महीना आरंभ होने के साथ इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े में आयोजित होगी।

लखनऊ के ऐतिहासिक छोटा इमामबाड़ा में लेबनान के प्रभावी राजनैतिक दल और लोकप्रिय जनांदोलन हिज़्बुल्लाह के पूर्व प्रमुख शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह और शहीद हाशिम सफीउद्दीन के सम्मान में एक शोक सभा का आयोजन किया गया।

शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह और शहीद हाशिम सफीउद्दीन ने फिलिस्तीन के खिलाफ ज़ायोनी संघर्ष में मज़लूम फिलिस्तीनियों के समर्थन में अपनी शहादत पेश करते हुए इस्लाम और मानवता की रक्षा के लिए अमर बलिदान दिया। उनकी शहादत ने पूरे विश्व के सामने साहस, समर्पण और बलिदान की मिसाल कायम की है।

सभा का संचालन मौलाना सय्यद सकलैन बाकरी ने किया। मौलाना सय्यद मंज़र सादिक ज़ैदी ने अपने बयान में कहा कि शहीद हसन नसरुल्लाह और हाशिम सफीउद्दीन ने अपने हितों के लिए शहादत नहीं दी, बल्कि इमाम हुसैन (अ.स.) के बताए रास्ते पर चलते हुए मानवता की रक्षा की और यही कारण है कि दुनिया भर से लोग उनके जनाज़े में शामिल हो रहे हैं।

मौलाना सय्यद हसनैन बाक़री ने अपने बयान में शहीदों और शहादतों का ज़िक्र करते हुए कहा कि जो लोग इंसानियत की खातिर अल्लाह की राह में अपनी जान कुर्बान कर देते हैं, उन्हें शहीद कहा जाता है। इन्हीं शख्सियतों में से एक हैं सय्यद हसन नसरुल्लाह, जिन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी देश, क़ौम और इंसानियत की सेवा में बिता दी और ज़ालिम और झूठी ताक़तों के ख़िलाफ़ लड़ते रहे और उनका रास्ता आज भी ज़िंदा

ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराक़ची ने आज सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की और विचार विमर्श किया।

ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराक़ची ने आज सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की और विचार विमर्श किया।

अराक़ची ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक के दौरान इस मुलाकात को अंजाम दिया इससे पहले उन्होंने बहरैन और आर्मेनिया के विदेश मंत्रियों से भी वार्ता की थी।

अराक़ची आज सुबह जिनेवा पहुंचे थे और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के निरस्त्रीकरण सम्मेलन और मानवाधिकार परिषद की उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेने के साथ-साथ ईरान की नीतियों और दृष्टिकोण को स्पष्ट करने की योजना बनाई थी।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की 58वीं बैठक 24 फरवरी से 4 अप्रैल 2025 तक जिनेवा के पैलेस ऑफ नेशंस में आयोजित की जाएगी जिसमें उच्च स्तरीय सत्र 24 से 26 फरवरी 6 से 8 इस्फ़ंद) तक चलेगा।

ज़ायोनी सेना के टैंकों ने जेनिन में फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों के शिविर पर धावा बोल दिया है।

2002 के बाद से पहली बार रविवार की रात इज़राइली सेना के टैंकों ने वेस्ट बैंक के उत्तर में स्थित जेनिन शिविर पर हमला कर दिया। रविवार को ही इससे पहले इज़राइली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने तेल अवीव के पास होलोन शहर में ज़ायोनी शासन के अधिकारियों के स्नातक समारोह में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि इज़रायली सेना वेस्ट बैंक और लेबनानी क्षेत्रों में लड़ाई जारी रखेगी।

इज़राइली सेना ने 21 जनवरी 2025 से वेस्ट बैंक के कई इलाक़ों में आयरन वॉल नाम से ऑप्रेशन को विस्तृत कर दिया है। फ़िलिस्तीनी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यह ऑप्रेशन नेतनयाहू कैबिनेट की वेस्ट बैंक के विलय की योजना का एक हिस्सा है।

इस बीच, इज़राइल के युद्ध मंत्री येसराइल कैट्ज़ ने कहा है कि इज़राइली सैनिक सीरियाई इलाक़े में अनिश्चित काल तक तैनात रहेंगे। कैट्ज़ का कहना था कि वेस्ट बैंक के जिन कैम्पों में हमने प्रवेश किया है, उनमें फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों को वापस लौटने की अनुमति नहीं देंगे। युद्ध दो लक्ष्यों को हासिल किए बिना समाप्त नहीं हो सकता, पहला हमारे सभी बंधकों की वापसी और दूसरा ग़ज़ा पर हमास के शासन की समाप्ति।

 

फ़िलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई के लिए सुरक्षा एजेंसियों की आज़ादी की सिफ़ारिश का नेतनयाहू ने किया विरोध

रविवार को अमरीकी न्यूज़ वेबसाइट एक्सेस ने इज़राइल के कुछ अधिकारियों के हवाले से लिखा कि सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों की सिफ़ारिश के बावजूद, इज़राइली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने 600 फ़िलिस्तीनी क़ैदियों की रिहाई को रोक दिया है। हालांकि इज़राइली सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने नेतनयाहू से कहा था कि युद्ध विराम के दूसरे चरण की वार्ता के समापन के लिए भरपूर प्रयास करें।

फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध और ज़ायोनी शासन के बीच युद्ध विराम के लिए होने वाले समझौते के मुताबिक़, शनिवार को 6 इज़राइली बंधकों के बदले 600 फ़िलिस्तीनी क़ैदी रिहा होने थे, लेकिन ज़ायोनी शासन ने समझौते का उल्लंघन किया और फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को आज़ाद नहीं किया।

रविवार को नेतनयाहू के कार्यालय ने इज़राइली बंधकों की रिहाई के तरीक़े पर नाराज़गी जताते हुए दावा किया कि हमास ने जानबूझकर उनके सम्मान को ठेस पहुंचाई है और राजनीतिक और प्रचारिक उद्देश्यों के लिए उनका इस्तेमाल किया है।

इस दौरान, हमास के एक नेता बासिम नईम ने रॉयटर्ज़ से बात करते हुए कहाः 6 इज़राइली बंधकों के बदले आज़ाद होने वाले 600 फ़िलिस्तीनियों की आज़ादी से पहले, हमास मध्यस्थता द्वारा दुशमन से युद्ध विराम के बाद वाले चरण के लिए किसी तरह की कोई वार्ता नहीं करेगा।

लेबनान के हिज़्बुल्लाह महासचिव शेख़ नईम क़ासिम ने शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह और सैयद हाशिम सफ़ीउद्दीन के जनाज़े की आधिकारिक रस्मों के दौरान भाषण दिया उन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर पर दुनिया भर से आए मेहमानों और सभी प्रतिभागियों को सलाम पेश किया और कहा कि आज हम एक महान अरब और इस्लामी नेता को विदाई दे रहे हैं, जो दुनिया के स्वतंत्र लोगों का प्रतिनिधित्व करते था।

,लेबनान के हिज़्बुल्लाह महासचिव शेख़ नईम क़ासिम ने शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह और सैयद हाशिम सफ़ीउद्दीन के जनाज़े की आधिकारिक रस्मों के दौरान भाषण दिया उन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर पर दुनिया भर से आए मेहमानों और सभी प्रतिभागियों को सलाम पेश किया और कहा कि आज हम एक महान अरब और इस्लामी नेता को विदाई दे रहे हैं, जो दुनिया के स्वतंत्र लोगों का प्रतिनिधित्व करते था।

शेख़ नईम क़ासिम ने शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह की सराहना करते हुए कहा कि, उन्होंने प्रतिरोध को उम्मत से जोड़ा और उम्मत को प्रतिरोध से जोड़ा। वे 1989 में हिज़्बुल्लाह के कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष बने और 1992 में महासचिव का पद संभाला, जहां वे अपनी शहादत तक बने रहे।

उन्होंने प्रतिज्ञा करते हुए कहा कि हम शहीद नसरुल्लाह के वचन पर कायम रहेंगे, चाहे हमें कितनी भी कुर्बानियां देनी पड़ें। उन्होंने ज़ोर दिया कि फ़िलिस्तीन और बैतुल मुकद्दस हमेशा उनके मिशन का केंद्र रहा और हम भी इस पवित्र उद्देश्य को आगे बढ़ाएंगे।

शेख़ क़ासिम ने इज़रायली क़ैदियों के समर्थन में कहा कि हम अपने क़ैदियों को दुश्मन के पास नहीं छोड़ेंगे और उनकी रिहाई के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि ग़ाज़ा के समर्थन की लड़ाई फ़िलिस्तीन की आज़ादी के प्रति हमारे विश्वास का हिस्सा है और हम इज़रायल तथा अमेरिका की नीतियों का डटकर सामना करेंगे।

शेख़ नईम क़ासिम ने ज़ोर देकर कहा कि प्रतिरोध एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है और अब इसकी रणनीति, तरीके और कार्यशैली पहले से अलग होगी। उन्होंने अमेरिका को चेतावनी दी कि, युद्ध में जो हासिल नहीं कर सके, उसे साज़िशों से भी नहीं पा सकेंगे। अमेरिका और उसके सहयोगियों को यह समझ लेना चाहिए कि हिज़्बुल्लाह कभी भी उनके दबाव में नहीं आएगा।

अंत में उन्होंने कहा,हम विलायत के अनुयायी हैं हम आयतुल्लाह ख़ुमैनी, आयतुल्लाह ख़ामेनेई, आयतुल्लाह मूसा सद्र, सैयद अब्बास मूसवी, इमाद मुग़निया, सैयद हसन नसरुल्लाह, शेख़ सफ़ीउद्दीन और जनरल क़ासिम सुलेमानी के रास्ते के राही हैं।

रविवार, 23 फरवरी 2025 19:37

शहीद सफ़ीयुद्दीन कौन थे?

सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन लेबनान के इस्लामी आंदोलन हिज़्बुल्लाह की कार्यकारी परिषद के प्रमुख थे और इस बात की प्रबल संभावना यह थी कि शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के बाद उनको उनका उत्तराधिकारी बनाया जायेगा परंतु इस्राईल ने तीन अक्तूबर 2024 को बैरूत पर हवाई हमला करके उन्हें शहीद कर दिया।

हिज़्बुल्लाह के शहीद महासचिव सैय्यद हसन नस्रुल्लाह और हिज़्बुल्लाह की कार्यकारी परिषद के प्रमुख शहीद सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन का दफ़्न समारोह आज रविवार 23 फ़रवरी 2025 को बैरूत में हो रहा है। इस बात के दृष्टिगत पार्सटुडे ने शहीद सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन की ज़िन्दगी पर संक्षिप्त नज़र डाली है।

सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के ख़ालाज़ाद भाई थे और वर्ष 1964 में लेबनान के दक्षिण में एक जाने माने परिवार में जन्में थे। वर्ष 1980 के दशक में सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के साथ धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए ईरान के पवित्र नगर क़ुम आये थे और वर्ष 1983 में लेबनान में शिया परिषद  के एक सदस्य मोहम्मद अली अलअमीन की बेटी से विवाह किया। वर्ष 1994 में सैय्यद हसन नस्रुल्लाह ने सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन को बैरूत क्षेत्र में हिज़्बुल्लाह का अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद वर्ष 1995 में वह हिज़्बुल्लाह की जेहाद परिषद के प्रमुख बन गये और वर्ष 1998 में सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन को हिज़्बुल्लाह की कार्यकारी परिषद का ज़िम्मेदार बना दिया गया।

सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन पश्चिम एशिया में आतंकवाद से मुक़ाबला करने के महानायक ईरानी कमांडर शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी से विशेष लगाव रखते थे और वह शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी के बारे में कहते थे" उनकी( शहीद जनरल क़ासिम की) उपस्थिति से ताक़त मिलती थी। जिस आदमी को हम पहचानते थे वह रणक्षेत्र का योद्धा था। रणक्षेत्र का योद्धा, फ़ैसला लेने वाला और समाधान करने वाला आदमी था। वह जो ज़िम्मेदारी निभा रहे थे कोई दूसरा उस ज़िम्मेदारी को नहीं निभा सकता था।

अमेरिका ने वर्ष 2008 से सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन पर प्रतिबंध लगा दिया और वर्ष 2017 से उसने सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन नाम ब्लैक लिस्ट लोगों में शामिल कर दिया।

मई 2023 में लेबनान में उनकी हत्या की अफ़वाह फ़ैल गयी जिसके बाद उसका खंडन किया गया। लेबनान पर 27 सितंबर 2024 को इस्राईल द्वारा हमला किये जाने के बाद संचार माध्यमों ने कहा कि इस हमले का लक्ष्य सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन हैं।  रोयटर्ज़ के अनुसार वह इस्राईल के हमले में बच गये परंतु अंततः तीन अक्तूबर वर्ष 2024 को बैरूत पर इस्राईल के हवाई हमले में वह शहीद हो गये।

सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन ने शहादत से पहले महामुक्तिदाता इमाम महदी अलैहिस्सलाम को संबोधित करते हुए लिखा था कि मेरी उम्र का कुछ समय बचा नहीं है क्या आप पसंद करते हैं कि आपका दर्शन किये बिना मैं परलोक सिधार जाऊं?। .

 ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराक़ची ने बेरूत पहुंचते ही कहा कि आज का जनाज़ा दुनिया को दिखा देगा कि प्रतिरोध (मुक़ावमत) ज़िंदा है हिज़्बुल्लाह ज़िंदा है और अपने लक्ष्य और मक़सद को हासिल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराकची एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बेरूत में हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव शहीद सैयद हसन नसरल्लाह और शहीद सैयद हाशिम सफ़ीउद्दीन की जनाज़े में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं।

अराकची ने कहा कि आज का जनाज़ा दुनिया को यह दिखा देगा कि प्रतिरोध जीवित है हिज़्बुल्लाह जीवित है और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित है उन्होंने कहा कि प्रतिरोध का रास्ता जारी रहेगा और जीत निश्चित होगी।

विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि वे और उनके साथी आज लेबनान के लोगों के इस महान समुद्र में एक बूँद की तरह शामिल होंगे जो स्वतंत्रता और प्रतिरोध के नेताओं की अंतिम यात्रा में एकत्र हुए हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि वे आज ईरान की सरकार और जनता का प्रतिनिधित्व करते हुए बेरूत में हैं, ताकि इस्लामिक समुदाय के दो महान नेताओं और लेबनान के बहादुर और पाक सिपाहियों की अंतिम यात्रा में शामिल हो सकें। उन्होंने कहा कि इन शहीदों ने प्रतिरोध की महानता और इस्राइल के कब्जे के खिलाफ संघर्ष में अनुपम बलिदान दिए और अंतत शहादत के उच्च स्थान को प्राप्त किया।

अराकची ने बताया कि ईरान की संसद के अध्यक्ष भी जल्द ही बेरूत पहुँचेंगे। उन्होंने कहा कि ईरान के कई अधिकारी और जनता की इच्छा थी कि वे इस कार्यक्रम में शामिल होकर लेबनान के लोगों के साथ इन दो नेताओं की जनाज़े में शामिल हों।

विदेश मंत्री सैयद अब्बास ने अपने बयान में यह भी कहा कि हिज़्बुल्लाह और प्रतिरोध का रास्ता जारी रहेगा और इस रास्ते पर चलने वालों को अंतत सफलता प्राप्त होगी। उन्होंने लेबनान के लोगों और हिज़्बुल्लाह के सदस्यों को संवेदना प्रकट की और शहीदों के महान बलिदानों को सलाम किया।

 

लेबनान में शिया और सुन्नी एकता की स्थापना और सायोनिस्ट दुश्मन के खिलाफ संघर्ष में सैयद हसन नसरुल्लाह की नेतृत्व का ऐतिहासिक महत्व है सैयद मुहम्मद की शख्सियत वैश्विक स्वतंत्रता आंदोलनों के लिए एक मार्गदर्शक है।

अहले बैत अ.स. वैश्विक असेंबली के सदस्य हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अली रजा इमानी मुक़दम ने सैयद हसन नसरुल्लाह की शख्सियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि उन्होंने लेबनान में शिया और सुन्नी समुदायों के बीच एकता और सामंजस्य स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मशहद मुक़द्दस में सैयद मुक़ावत शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह के चहलेम की मुनासबत से एक तक़रीब का आयोजन किया गया। इस मौके पर उलमा, असातिज़ा, हौज़े इलमिया ख़ुरासान की उच्च परिषद के कुछ सदस्य और कई इमामे जमात शरीक हुए। तक़रीब में शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह की शख्सियत और सेवाओं पर आधारित एक किताब का विमोचन भी किया गया।

तक़रीब से ख़िताब करते हुए सैयद हसन नसरुल्लाह के दोस्त हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अली रजा इमानी मुक़दम ने सैयद हसन नसरुल्लाह की सेवाओं और संघर्षों पर रोशनी डाली।

उन्होंने हज़रत फ़ातिमा ज़हरा की शहादत की मुनासबत से ताजियत पेश की और शहीद नसरुल्लाह के साथ बिताए गए लम्हों को याद करते हुए कहा कि वह हमेशा जिहाद और मुक़ावमत के मोर्चे पर मौजूद रहे।

उन्होंने बताया कि सैयद हसन नसरुल्लाह 1977 में लेबनान लौटे और शहीद सैयद अब्बास मुसावी के साथ मिलकर बअलबक़ में एक हौज़ा इल्मिया क़ायम किया। 1982 में इस्राइली हमले के खिलाफ लेबनानी जनता के साथ मिलकर ईरानी फौजों की मदद से प्रतिरोधी आंदोलन को संगठित किया और हिज़बुल्लाह की बुनियाद रखी।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अली रजा इमानी मुक़दम ने कहा कि रहबर मुअज़्ज़म इंक़िलाब इस्लामी ने सैयद हसन नसरुल्लाह को एक मकतब क़रार दिया, जैसा कि उन्होंने शहीद क़ासिम सुलेमानी के बारे में भी कहा था।उन्होंने कहा,रहबर इंक़िलाब सैयद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर गहरे ग़म का इज़हार करते हुए फरमाते हैं कि मैं उनके लिए अब भी शोकित हूं।

उन्होंने आगे कहा कि शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह सिर्फ लेबनान और सीरिया तक सीमित नहीं रहे बल्कि वे वैश्विक स्तर पर स्वतंत्रता आंदोलनों के लिए एक मार्गदर्शक थे।

वैश्विक अहले बैत अ.स. असेंबली के सदस्य ने शहीद की ख़ुसूसियत का ज़िक्र करते हुए कहा कि उनकी ज़िन्दगी इख़्लास और विलायत के साथ गुज़री थी। उन्होंने लेबनान में शिया और सुन्नी समुदायों के बीच एकता और सामंजस्य स्थापित किया और सायोनिस्ट राज्य के खिलाफ संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह के शहीद महासचिव सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के दफ़्न समारोह में भाग लेने के लिए विभिन्न देशों के आधिकारिक और ग़ैर आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल बैरूत पहुंच चुके हैं।

हिज़्बुल्लाह आंदोलन के शहीद महासचिव सैय्यद हसन नस्रुल्लाह और हिज़्बुल्लाह की राजनीतिक कार्यकारी परिषद के प्रमुख शहीद सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन की शवयात्रा आज 23 फ़रवरी 2025 को लेबनान के दक्षिण में निकाली जायेगी।

 पिछले घंटों में यमन, इराक़, ट्यूनीशिया, मोरतानिया, तुर्किये और ईरान से आधिकारिक प्रतिनिधिमंत्रल  बैरूत पहुंचे हैं ताकि शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह और सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन की शवयात्रा में भाग ले सकें।

  

यमनी प्रतिनिधिमंडल बैरूत पहुंचा

यमन के अलमसीरा टीवी चैनल ने उन तस्वीरों को प्रकाशित व प्रसारित किया है जिसमें यमनी प्रतिनिधिमंडल को लेबनान की राजधानी बैरूत में रफ़ीक़ हरीरी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरते हुए दिखाया गया है।

 हमास का आह्वानः फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास ने शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह और सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन के दफ़्न समारोह में बड़े पैमाने पर भाग लेने के लिए लोगों का आह्वान किया है। हमास ने फ़िलिस्तीन को पूरी तरह आज़ाद कराये जाने पर आधारित शहीदों की आकांक्षाओं के प्रति कटिबद्धता और वफ़ादारी का एलान करते हुए लोगों का आह्वान किया है कि वे बढ़-चढ़ कर शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के दफ़्न समारोह में भाग लें।

 शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के दफ़्न समारोह में भाग लेने के लिए ईरान के संसद सभापित बैरूत में उपस्थित

शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह और शहीद सैय्यद हाशिम सफ़ीयुद्दीन के दफ़्न समारोह में भाग लेने के लिए ईरान के संसद सभापति मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ और ईरान के कुछ दूसरे अधिकारी बैरूत पहुंचे हैं।

 शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के बेटे ने अपने पिता के दफ़्न समारोह में भाग लेने के लिए आह्वान किया

शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के बेटे सैय्यद मोहम्मद मेहदी नस्रुल्लाह ने एक भाषण में अपने पिता के दफ़्न समारोह में भाग लेने का आह्वान करते हुए कहा कि सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के दफ़्न समारोह में भागीदारी, दृष्टिकोण के एलान और शहीद नस्रुल्लाह के प्रति प्रेम व निष्ठा दिखाने का दिन है। सैय्यद मोहम्मद मेहदी नस्रुल्लाह ने कहा कि दुश्मन, विरोधी और बुरा चाहने वालों ने हर तरीक़े से इस दफ़्न समारोह को रोकने का पूरा प्रयास किया।

 

क़ुद्स में ऑर्थोडेक्स दूसरे ईसाई archbishop का संदेश

अवैध अधिकृत क़ुद्स में दूसरे ऑर्थोडेक्स ईसाई archbishop अताउल्लाह हना ने शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह के स्थान की प्रशंसा व सम्मान करते हुए कहा है कि हम शहीद सैय्यद हसन नस्रुल्लाह और उन लोगों के साथ हैं जो फ़िलिस्तीन के साथ थे और फ़िलिस्तीन की रक्षा की और फ़िलिस्तीनिस्तीन की रक्षा के लिए भारी क़ीमत चुकाई।

 हना ने आगे कहा कि फ़िलिस्तीन के लोग आत्म-समर्पण का ध्वज नहीं फ़हरायेंगे और अपने अधिकारों के प्रति कटिबद्ध हैं क्योंकि फ़िलिस्तीनियों की संस्कृति में आत्म समर्पण व घुटना टेक देने के शब्द का कोई स्थान नहीं है।