
Super User
नौसैनिकों से वरिष्ठ नेता की मुलाक़ात
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने फ़ार्स की खाड़ी में ईरान के जलक्षेत्र में अमरीकी सैनिकों की ग़ैर क़ानूनी घुसपैठ के विषय के बारे में सिपाहे पासदारान की नौसेना की हालिया कार्यवाहियों को साहसिक बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्यवाही बिल्कुल उचित और सटीक थी।
वरिष्ठ नेता ने रविवार को इस्लामी क्रांति संरक्षक बल सिपाहे पासदारान के उन जवानों से मुलाक़ात की जिन्होंने अमरीकी घुसपैठियों को ईरान की जल सीमा में गिरफ़्तार किया था। उन्होंने कहा कि फ़ार्स की खाड़ी में ईरान के जलक्षेत्र में अमरीकी सैनिकों की ग़ैर क़ानूनी घुसपैठ के बारे में सिपाहे पासदारान की नौसेना की हालिया कार्यवाही, साहसिक तथा ईमान के साथ थी।
उन्होंने इन सैनिकों की सराहना करते हुए कहा कि वास्तव में इस काम को ईश्वर का काम कहा जाना चाहिए जो अमरीकियों को हमारे जलक्षेत्र की ओर लेकर आया ताकि सही समय पर कार्यवाही करके अमरीकी सैनिकों को सिर पर हाथ रखे हुए हालत गिरफ़्तार किया जा सके।
ज्ञात रहे कि अमरीकी नौसेना की दो नौकाएं, बुधवार 13 जनवरी को ग़लती से ईरान की जलसीमा में घुस गयी थीं जिनपर दस नौसैनिक सवार थे। इन अमरीकी नौसैनिकों को ईरानी सैनिकों ने गिरफ़्तार कर लिया और बाद में अमरीकी कमान्डर के माफ़ी मांगने पर उन्हें रिहा कर दिया गया। ज्ञात रहे कि यह कोई पहली बार नहीं है कि जब ईरानी सेना ने अमरीकी सैनिकों को गिरफ़्तार किया हो। इससे पहले भी कई बार अमरीकी सैनिकों को गिरफ़्तार किया जा चुका है।
परमाणु मामले में सफलता, ईरानी जनता के प्रतिरोध का प्रतिफल
तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम आयतुल्लाह अहमद ख़ातेमी ने कहा कि परमाणु सहमति तथा प्रतिबंधों का हटना एक बड़ी सफलता है जो देश की जनता के प्रतिरोध के नतीजे में मिली है।
नमाज़े जुमा के ख़ुतबों में आयतुल्लाह अहमद ख़ातेमी ने ईरान का परमाणु मामला हल होने और प्रतिबंधों के हट जाने का हवाला देते हुए विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ तथा परमाणु वार्ताकार टीम के प्रयासों की सराहना की। आयतुल्लाह अहमद ख़ातेमी ने कहा कि छह विश्व शक्तियों के साथ ईरान का परमाणु समझौता हालांकि एक संपूर्ण समझौता नहीं है लेकिन इससे आर्थिक प्रतिबंध हटने तथा ईरान के परमाणु अधिकारों को मान्यता दिए जाने की तेहरान की मांग पूरी हुई है।
तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने अमरीका की ओर से ईरान से प्रतिबंध हटने के बाद दोबारा नए प्रतिबंध लगाए जाने का हवाला देते हुए कहा कि अमरीका वही पुराना अमरीका है उसके धोखे की ओर से होशियार रहने की आवश्यकता है।
आयतुल्लाह अहमद ख़ातेमी ने कहा कि परमाणु समझौते को अमरीका का उपकार नहीं समझना चाहिए, अमरीका हमेशा से ईरान का दुशमन था और दुशमन पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि वह ईरानी राष्ट्र की प्रगति से अप्रसन्न है।
तेहरान की नमाज़े जुमा के इमाम ने संसद तथा विशेषज्ञ परिषद के प्रस्तावित चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि इस्लामी गणतंत्र व्यवस्था में हर पद राजनैतिक अमानत है।
आयतुल्लाह अहमद ख़ातेमी ने नामांकन पत्र की समीक्षा करने वाली संस्था निरीक्षक परिषद के अधिकारियों को सिफ़ारिश की कि उम्मीदवारों की योग्यता की समीक्षा में क़ानून के आधार पर अमल करें तथा आलोचनाओं और टिप्पणियों से कदापि प्रभावित न हों।
तेहरान की नमाज़े जुमा के इमाम ने फ़ार्स खाड़ी में ईरान की समुद्री सीमा में घुस आने वाले अमरीकी नौसैनिकों की पासदाराने इंक़ेलाब फ़ोर्स के हाथों गिरफ़तारी की सराहना की।
आतंकवाद से संघर्ष का अमरीकी दावा धूर्तता है
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने आतंकवाद से संघर्ष के अमरीकी दावे को धूर्तता बताया है।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शनिवार की शाम चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग से मुलाक़ात में, जिसमें राष्ट्रपति रूहानी भी मौजूद थे, आतंकवाद से संघर्ष के लिए गठजोड़ के गठन पर आधारित अमरीकियों के दावे को एक झूठ बताया और कहा कि सभी मामलों में अमरीकियों का रवैया इसी प्रकार का है और उनका व्यवहार कभी भी सच्चाई पर आधारित नहीं होता। उन्होंने कहा कि खेद के साथ कहना पड़ता है कि पश्चिमी देशों की ग़लत नीतियों और इसी प्रकार इस्लाम के बारे में उनके ग़लत विचारों के कारण हमारा क्षेत्र अशांति में ग्रस्त है और इस अशांति के बढ़ने का ख़तरा मौजूद है जिसे बुद्धिमत्तापूर्ण सहयोग से रोकना चाहिए। आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कुछ आतंकी गुटों के लिए ‘इस्लामिक स्टेट’ या ‘इस्लामी राज्य’ शीर्षक के प्रयोग पर अमरीकियों व पश्चिम वालों के आग्रह की ओर संकेत करते हुए कहा कि यह रवैया मुसलमानों का अपमान है और समस्या के समाधान के बजाए अप्रत्यक्ष रूप से इन गुटों की मज़बूती का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने ईरान व चीन के बीच व्यापार व संस्कृति के प्राचीन अतीत की ओर संकेत करते हुए कहा कि ईरानी सरकार व राष्ट्र हमेशा चीन जैसे विश्वस्त व स्वाधीन देशों के साथ संबंध विस्तार के इच्छुक थे और हैं और इसी आधार पर 25 वर्षीय रणनैतिक संबंधों के बारे में दोनों देशों के राष्ट्रपतियों का समझौता पूरी तरह से सही है।
इस मुलाक़ात में चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग ने अपनी ईरान यात्रा पर ख़ुशी प्रकट करते हुए कहा कि ईरान व चीन के आपसी सहयोग में परस्पर हितों के आधार पर दिन प्रति दिन वृद्धि होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ बड़ी शक्तियां ‘या हमारे साथ या हमारे दुश्मन’ की जंगल राज की नीति को व्यवहारिक बनाने की कोशिश कर रही हैं लेकिन उभरती हुआ आर्थिक शक्तियों ने इन शक्तियों की ताक़त छीन ली है और उन्होंने स्वाधीन सरकारों की नीतियों व विचारों के लिए उचित वातावरण उपलब्ध करा दिया है।
युरोप में इस्लामी छात्र संघों के नाम वरिष्ठ नेता का संदेश
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने युरोप में इस्लामी छात्र संघों के नाम अपने एक संदेश में ईरानी छात्रों के दृढ़ संकल्प और निरंतर प्रयास को ईरान के विरुद्ध दुश्मन के मोर्चे की ओर से की जाने वाली साज़िशों को प्रभावहीन बनाने का एकमात्र साधन बताया है।
वरिष्ठ नेता का यह संदेश शुक्रवार को युरोप में छात्रों के इस्लामी संघ में वरिष्ठ नेता के प्रतिनिधि हुज्जतुल इ्स्लाम वल मुसलेमीन जवाद एजई द्वारा इटली के मीलान नगर में छात्र संघ के पचासवें सम्मेलन में पढ़ा गया।
संदेश इस प्रकार हैः
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
प्रिय युवाओ!
आप के संघ के गठन को पचास वर्ष पूरे हो चुके हैं , यह एक एेसा बरकत वाला संघ है जो इस्लामी मार्गदर्शन और ईमान की ताज़गी को युवास्था तथा छात्रों की विशेषताओं से जोड़ता है और उसके परिणाम में बुद्धिमान, दूरदर्शी और धर्म परायण युवा पैदा होते हैं।
आप लोग कोषिश करें कि स्वंय को और अपने संघ को इस कल्याणकारी व बड़े उद्देश्य के अनुसार करें।
आप के देश और आप के राष्ट्र को अपने सामने मौजूद लंबे मार्ग पर चलने के लिए इस प्रकार के लोगों की ज़रूरत है। आप लोगों तथा इसी प्रकार ईरान के सभी युवाओं और छात्रों का दृढ़ संकल्प और निरंतर प्रयास उन साज़िशों को नाकाम बनाने का एकमात्र मार्ग है जो गर्व से सिर उठाए ईरान के खिलाफ दुश्मनों की ओर से हर प्रकार का साधन प्रयोग करके तैयार की जा रही हैं। आशा से भरे अपने दिल और भौतिक व आध्यात्मिक शक्ति को तैयार रखें और खुदा पर भरोसा करके आगे बढ़ें । खुदा आप सब की रक्षा करे।
सैयद अली ख़ामेनई
अमरीका, पुराना धोखेबाज़ है, होशियार रहें: वरिष्ठ नेता
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता ने 26 फ़रवरी के आम चुनाव में जनता की व्यापक भागीदारी को राष्ट्रीय प्रतिष्ठा और सुरक्षा के लिए बहुत अहम तथा राष्ट्रीय विकास की गैरंटी बताया है।
चुनाव विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने बुधवार को वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात की। ईरान में दसवां आम चुनाव और वरिष्ठ नेता का चयन करने वाली पांचवीं विशेषज्ञ परिषद का चुनाव 26 फ़रवरी को होगा। उन्होंने चुनाव में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को सुनिश्चित बनाने वाले तत्वों की व्याख्या की और ईरानी राष्ट्र व गणतंत्र को चुनावी मंच पर राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के आयोजन का विजेता बताया।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने कहा कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए सबसे अहम बिन्दु यह है कि मताधिकार प्राप्त सभी लोग हिस्सा लें यहां तक कि उन लोगों को भी हिस्सा लेना चाहिए जिन्हें व्यवस्था से समस्या है।
उन्होंने सही व्यक्ति के चयन और सूझबूझ के साथ चुनाव में भागीदारी को स्वस्थ चुनाव का एक अन्य तत्व बताया। वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को चुनना चाहिए जो कुर्सी पर बैठने के बाद जनता की सेवा करे। उन्होंने बल दिया कि सभी चुनावी तंत्रों द्वारा क़ानून का सम्मान करना, क़ानून का पालन, क़ानूनी तंत्रों का अपमान न करना, जनमत को भ्रमित न करना, चुनावी उम्मीदवारों का एक दूसरे का अपमान न करना यहां तक कि एक दूसरे की बुराई से बचना, खोखले वादे न करना और लोगों के साथ सही व्यवहार, एक स्वस्थ चुनावी प्रतिस्पर्धा के मानदंड व संस्कार हैं।
वरिष्ठ नेता ने परमाणु मामले के संबंध में परमाणु वार्ताकार टीम के सदस्यों, विदेश मंत्री और राष्ट्रपति के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान की सभी मांगें पूरी नहीं हुयीं लेकिन यह बात इन्साफ़ की है कि अधिकारियों ने इस मामले में बहुत प्रयास किया।
उन्होंने जेसीपीओए के लागू होने के बारे में महत्वपूर्ण बिन्दुओं का उल्लेख करते हुए कहा कि अमरीका वही पुराना अमरीका है इसलिए होशियार रहने की ज़रूरत है कि कहीं अमरीका जेसीपीओए के लागू होने के संबंध में धोखा न दे।
वरिष्ठ नेता ने बल दिया कि परमाणु उपलब्धि, ईरानी वैज्ञानिकों की कोशिश और राष्ट्र की ओर से समर्थन का परिणाम है इसलिए कुछ लोगों का यह कहना सरासर नाइन्साफ़ी है कि यह परिणाम अमरीका की ओर से कृपा है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र की मौजूदा घटनाओं ने, अमरीकियों के कुछ साल पहले नए मध्यपूर्व को वजूद देने की ज़रूरत से संबंधी बयान की वास्तविकता को स्पष्ट कर दिया है। उनकी नज़र में नया मध्यपूर्व ऐसा हो जहां लड़ाई, आतंकवाद, भेदभाव, पिछड़ापन और धार्मिक व सांप्रदायिक झड़पें हों।
वरिष्ठ नेता ने राष्ट्रपति के पत्र का दिया उत्तर
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने परमाणु वार्ता के परिणाम तक पहुंचने के बारे में राष्ट्रपति रूहानी के पत्र के उत्तर में ईरानी राष्ट्र के प्रतिरोध के मुक़ाबले में सामने वाले पक्षों के पीछे हटने और वार्ताकार टीम के प्रयासों पर प्रसन्नता व्यक्त की है।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने राष्ट्रपति के नाम अपने पत्र में राष्ट्रपति रूहानी, विदेशमंत्री तथा समस्त वार्ताकारों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बल देकर कहा है कि प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था की दिशा में समस्त क्षेत्रों में निरंतर व तर्कसंगत प्रयास के कारण आर्थिक समस्याएं दूर हुई हैं और केवल प्रतिबंधों की समाप्ति, देश की अर्थव्यवस्था के निखार और जनता की आर्थिक स्थिति के बेहतर होने के लिए ही पर्याप्त नहीं है। वरिष्ठ नेता ने अपने पत्र में इस बात पर बल दिया कि प्रचारों में भी इस बात पर ध्यान दिया जाए कि इस मामले में जो कुछ प्राप्त हुआ है उसके लिए भारी क़ीमत चुकानी पड़ी है और जिन लेखों व बातों में इस वास्तविकता की अनदेखी करने और स्वयं को पश्चिमी पक्ष का ऋणि दिखाने का प्रयास किया गया है वे देश के जनमत से सच्चा व्यवहार नहीं कर रहे हैं।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि इस बात की निगरानी की जानी चाहिए कि सामने वाला पक्ष पूर्ण रूप से अपने वचनों पर अमल कर रहा है क्योंकि हालिया एक दो दिन में कुछ अमरीकी अधिकारियों के बयान पूर्ण रूप से भ्रांतियों का कारण बने हैं। आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई के पत्र में आया है कि इतनी ही सफलता, साम्राज्यवादी मोर्चों और ज़ोर-ज़बरदस्ती करने वालों के मुक़ाबले में प्रतिरोध और डटे रहने से प्राप्त हुई है और ईरान में समस्त घटनाओं के लिए इसे एक बड़ा पाठ समझना चाहिए। वरिष्ठ नेता के पत्र में एक बार फिर देश के अधिकारियों के लिए सफलताओं की कामना करते हुए बल दिया गया है कि इस संबंध में और अन्य मामलों में साम्राज्यवादी सरकारों विशेषकर अमरीका के विश्वासघातों और वचनों पर अमल न करने की ओर से सचेत रहना चाहिए।
ब्रिटिश सांसदों ने ट्रम्प को बताया मूर्ख, धोखेबाज़ और ज़हरीला
ब्रिटेन के सांसदों ने अमरीका में राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार की दौड़ में शामिल डोनाल्ड ट्रम्प को मूर्ख और धोखेबाज़ बताते हुए उनके विचारों को ज़हरीला बताया है।
सोमवार की शाम ट्रम्प के ब्रिटेन में प्रवेश पर प्रतिबंध की जनता की याचिका पर बहस के दौरान, ब्रितानी राजनीतिज्ञों ने अमरीकी राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार के बयानों को अपमानजक और विचारों को ज़हरीला बताया है।
उल्लेखनीय है कि डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव प्रचार के दौरान अमरीका में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
ट्रम्प के इस बयान के बाद, अमरीका और दुनिया भर में उनकी व्यापक निंदा की गई थी।
ब्रिटिश जनता ने ट्रम्प की आगामी ब्रिटेन की यात्रा के ख़िलाफ़ अभियान शुरू किया है, जिसके तहत सोमवार तक 5 लाख 75 हज़ार ब्रिटिश नागरिकों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर करके ट्रम्प के देश में प्रवेश पर प्रतिबंध की मांग की है।
ब्रिटिश क़ानून के मुताबिक़, अगर किसी याचिका पर 1 लाख से अधिक नागरिक हस्ताक्षर करते हैं, तो उसे बहस के लिए संसद में पेश किया जाता है।
फ़्रांस ने ईरान से हटाया विमान ईंधन का प्रतिबंध
फ़्रांस ने संयुक्त कार्य योजना लागू हो जाने के बाद पहला क़दम उठाते हुए ईरान के यात्री विमानों के ईंधन पर लगाया गया अपना प्रतिबंध हटा लिया है।
मंगलवार को ईरान एयर के विमान ने पैरिस के ओर्ली एयरपोर्ट पर ईंधन भरा और तेहरान के लिए रवाना हो गया। जेसीपीओए योजना के लागू हो जाने के बाद अब ईरानी विमानों को पेरिस के हवाई अड्डों से ईंधन लेने की अनुमति मिल गई है। फ्रांस ने ईरान पर ग़ैर क़ानूनी ढंग से यह प्रतिबंध लगाया था जो अब समाप्त हो गया है। इससे पहले पेरिस जाने ईरान के विमानों को वहां ईधन नहीं मिलता था बल्कि उन्हें किसी और शहर में उतर कर ईंधन लेना पड़ता था।
भारतः ईरान से असीमित तेल आयात का एलान
भारत की नेशनल ऑयल कंपनी ने कहा है कि वह ईरान से असीमित तेल आयात करेगी।
फ्रांस प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इंडियन ऑयल ने रविवार को ईरान पर लगी प्रतिबंध उठाए जाने का उल्लेख करते हुए एक बयान जारी किया है जिसमें ईरान से बिना किसी सीमा के तेल आयात और डॅालर में उसका भुगतान करने की बात कही गयी है।
बयान के अनुसार यह फैसला ईरान के खिलाफ लागू प्रतिबंध उठाने की घोषणा के कारण लिया गया है।
ईरान और गुट पांच धन एक के मध्य समझौते पर क्रियान्वयन और परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी द्वारा ईरान की ओर से समझौते के पालन की पुष्टि के बाद, ईरान पर लगे सभी परमाणु प्रतिबंध समाप्त करने की घोषणा कर दी गयी है।
ईरान ने परमाणु समझौते का पालन किया, आईएईएस ने पुष्टि कर दी
परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी आईएईए ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि ईरान ने विश्व शक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौते का पालन किया है।
आईएईए के महासचिव यूकिया अमानो ने शनिवार को देर रात घोषणा की कि ईरान ने जेसीपीओए को लागू करने के लिए आवश्यक आरंभिक क़दम उठा लिये हैं।
आईएईए के बयान में कहा गया है कि यह घोषणा, उस जांच प्रक्रिया के बाद की जा रही है जिसके दौरान यह सिद्ध हो गया कि ईरान ने जूलाई में होने वाले परमाणु समझौते को लागू करने के लिए आवश्यक क़दम उठाए हैं।
शनिवार को दिन भर पत्रकारों ने आईएईए के महानिदेशक की इस रिपोर्ट का इंतेज़ार किया।
इस रिपोर्ट के बाद परमाणु सहमति लागू हो गयी और एक संयुक्त बयान में इसकी घोषणा की जाएगी।
गत जूलाई में ईरान और अमरीका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के मध्य एतिहासिक परमाणु समझौते के अंतर्गत ईरान ने यह स्वीकार किया है कि वह प्रतिबंधों को समाप्त करने की दशा में अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित कर देगा।