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भारतीय उच्चायुक्त की नवाज़ शरीफ़ से मुलाक़ात
पाकिस्तान में भारत के निवर्तमान उच्चायुक्त टीसीए राघवन ने मंगलवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ से मुलाक़ात की। पाकिस्तानी प्रधान मंत्री ने दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने के लिए टीसीए राघवन की सेवाओं की प्रशंसा की।
रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक़, बैठक के दौरान द्विपक्षीय हित के मुद्दों पर चर्चा हुई। नवाज़ शरीफ़ ने दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार के लिए पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त की सेवाओं की प्रशंसा की क्योंकि राघवन के उच्चायुक्त रहते वार्ता की बहाली हुई और भारत के प्रधानमंत्री का दौरा हुआ।
टीसीए राघवन को जून 2013 में पाकिस्तान का उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था जब शरीफ के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ था। राघवन ने अपने लंबे करियर में इस्लामाबाद में 2003 से 2007 तक उप उच्चायुक्त के तौर पर सेवा दी। पाकिस्तान की राजनीति की गहरी समझ के लिए उनकी काफ़ी प्रशंसा की जाती है।
वर्ष 1982 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने के बाद से वह ब्रिटेन, भूटान और कुवैत में राजनयिक कार्य के लिए नियुक्त रहे। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त से पहले वह सिंगापूर में भारतीय उच्चायुक्त रह चुके हैं। उनका स्थान गौतम बोंबावाले ले रहे हैं जो भूटान के राजदूत हैं।
पैग़म्बरे इस्लाम (स) के शुभ जन्मदिन पर मुस्लिम परिवारों को हिन्दूओं का तोहफ़ा
भारत में एक तरफ जहां असहिष्णुता पर दिन प्रतिदिन चर्चा हो रही है, राजनैतिक संगठनों और कट्टरपंथी हिन्दू गुटों की ओर से नफ़रत फैलाने वाले बयान दिए जा रहे हैं, उन्हीं सब के बीच मंगलवार को बनारस में पैग़म्बरे इस्लाम (स) के शुभ जन्मदिन पर हिन्दू समुदाय के लोगों ने ग़रीब मुस्लिम परिवार के लोगों को खाना खिलाया।
धर्म के नाम पर राजनीती कर लोगों को बांटने वोलों और नफ़रत फैलाने वालों को काशी के हिन्दूओं ने मूंहतोड़ जवाब देते हुए सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की।
भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के हिन्दू समुदाय के लोगों ने 200 से अधिक मुस्लिम समुदाय के लोगों को मुफ्त अनाज वितरित किया और संकल्प लिया कि कभी भी इन मुस्लिम परिवार के घरों के चूल्हों को खामोश नहीं होने देंगे।
वाराणसी से प्राप्त समाचार के अनुसार पैग़म्बरे इस्लाम (स) के शुभ जन्मदिन के अवसर पर 70 से अधिक हिन्दूओं ने भारतीय गंगा-जमुनी तहज़ीब की अनूठी मिसाल पेश करते हुए 200 मुस्लिम परिवारों को अनाज वितरित किए।
अनाज बैंक के संस्थापक डॉक्टर राजीव श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा कि हमने पैग़म्बरे इस्लाम (स) के उस संदेश को आत्मसात किया है, जिसमें कहा गया है कि कोई पड़ोसी भूखा न सोए और यदि भूखा सोता है तो आपका खाना हराम है।
तेहरान में अंतराष्ट्रीय एकता सम्मेलन संपन्न
तेहरान में आयोजित 29 अंतरराष्ट्रीय एकता सम्मेलन एक घोषणापत्र जारी करके संपन्न हो गया। घोषणापत्र में कहा गया है कि क्षेत्र और इस्लामी जगत की समस्याओं के समाधान का एकमात्र मार्ग, प्रतिरोघ और संघर्ष है।
तेहरान में आयोजित 29 अंतरराष्ट्रीय एकता सम्मेलन के घोषणापत्र में कहा गया है कि विश्व साम्राज्य और ज़ायोनी शासन के हितों की पूर्ति के लिए कुछ इस्लामी देशों विशेषकर सीरिया, यमन और इराक को तबाह किया जा रहा है इस लिए इन देशों के विभाजन को रोकने और क्षेत्र में शांति स्थापना के लिए समस्त साधनों को प्रयोग किये जाने की ज़रूरत है।
घोषणापत्र में नाइजीरिया और आज़रबाइजान की घटनाओं की ओर संकेत के साथ कहा गया है कि सांप्रदायिकता और धार्मिक भेदभाव फैलाकर इस्लामी आस्थाओं की अवमानना की साज़िश रची जा रही है। घोषणापत्र में नाइजीरिया के अधिकारियों से मांग की गयी है कि वह सैंकड़ों लोगों की मौत के ज़िम्मेदारों को सामने लाएं और वरिष्ठ धर्मगुुरु शेख ज़कज़की के बारे में जानकारी दें और उन्हें सुरक्षित उनके घरवालों के हवाले करें।
घोषणापत्र में कहा गया है कि फिलिस्तीन की समस्या , यथावत इस्लामी जगत की सब से बड़ी समस्या है और इसके साथ ही कहा गया है कि कृतिम संकट द्वारा इस घटना को भुलाने की साज़िशों से सचेत रहने की ज़रूरत है।
बयान में मांग की गयी है कि अंतरराष्ट्रीय फैसले, बड़ी शक्तियों के प्रभाव से दूर रह कर किये जाएं और विकास के लिए इस्लामी जगत की संभावनाओं और योग्यताओं को प्रयोग किया जाए।
बयान में इस बात पर भी अफसोस प्रकट किया गया है कि कुछ इस्लामी देश, तेल और मुसलमानों के धन को अन्य मुसलमानों के जनसंहार के लिए प्रयोग कर रहे हैं।
तेहरान में अंतरराष्ट्रीय एकता सम्मेलन तीन दिनों तक जारी रहने के बाद मंगलवार की शाम संपन्न हो गया। इस सम्मेलन में ईरान और विश्व के 70 देशों से 600 से अधिक बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया।
وَمَا أَرْسَلْنَاكَ إِلَّا رَحْمَةً لِّلْعَالَمِينَ
भारत व पाकिस्तान के मध्य वार्ता पर सरताज अज़ीज़ का ज़ोर
विदेश मामलों में पाकिस्तानी प्रधान मंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि भारत के साथ समग्र वार्ता में कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर विचार होगा।
उन्होंने शनिवार को रेडियो पाकिस्तान से बातचीत में कहा कि दोनों देशों के बीच सभी समस्याओं के त्वरित समाधान की उम्मीद नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 'आरंभ में हमारा ध्यान तनाव कम करने और नियंत्रण रेखा पर हालात सामान्य करने पर होगा ताकि दोनों ओर की जनता को राहत मिल सके।
सरताज अज़ीज़ ने बताया कि शुक्रवार को दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच लाहौर में होने वाली बैठक में तय हुआ था कि जनवरी के मध्य में विदेश सचिव स्तर पर वार्ता के दौरान सभी मुद्दों पर विचार के लिए कार्यक्रम तैय होगा।
एक सवाल के जवाब में सरताज अजीज ने बताया कि सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे और भाईचारे पर आधारित संबंध प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की नीति का हिस्सा है।
याद रहे कि इस साल 10 जुलाई को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के बीच शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के 15 वें वार्षिक सम्मेलन के अवसर पर रूस के शहर ऊफ़ा में मुलाकात हुई थी।
बैठक के बाद संयुक्त घोषणा में नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव घटाने के लिए कदम उठाने पर सहमति हुई थी।
इस मौके पर मोदी ने नवाज शरीफ की पाकिस्तान यात्रा का निमंत्रण स्वीकार किया था लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री को 2016 में सार्क सम्मेलन में पाकिस्तान जाना था।
दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच 23 अगस्त वार्ता होनी थी।
भारत ने वार्ता से पहले पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की कश्मीरी हुर्रियत नेताओं से मुलाकात पर आपत्ति जताई और वार्ता में केवल आतंकवाद पर चर्चा की शर्तें लगायी जिसके बाद दोनों देशों के मध्य तनाव बढ़ा और वार्ता रद्द हो गयी।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच वार्ता रद्द होने के बाद दोनों देशों ने कड़े बयान भी दिए और बातचीत की प्रक्रिया रुक गयी।
30 नवंबर को पेरिस में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन से संबंधित 21वें सम्मेलन में मोदी और नवाज शरीफ की अनौपचारिक बैठक हुई, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव में कमी आई।
मुलाकात के बाद भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने बैंकाक में भेंट की जिसमें रचनात्मक माहौल में शांति, सुरक्षा, आतंकवाद और कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर चर्चा हुई।
इसके बाद इस्लामाबाद में अफगानिस्तान के संबंध में हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पाकिस्तान गयीं।
सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके सलाहकार सरताज से भी मुलाकात की, जिसके बाद दोनों देशों ने कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर समग्र वार्ता शुरू करने की घोषणा की थी।
ईरान और भारत के मध्य सड़क व रेलमार्ग सहयोग
भारत की यात्रा पर गये ईरानी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ने कहा है कि रेल , सड़क मार्ग तथा बंदरगाह निर्माण के क्षेत्र में प्रतिबंध खत्म होने के बाद ईरान और भारत के मध्य सहयोग में विस्तार होगा।
बाबक अहमदी ने शनिवार को नयी दिल्ली में इर्ना से एक वार्ता में परिवहन के क्षेत्र में दोनों देशों के मध्य सहयोग की अपार संभावनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि रेल और परिवहन के क्षेत्र में ईरान में भारत द्वारा निवेश की बहुत गुंजाइश है।
उन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान होेने वाली बैठकों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन भेंटों में बंदरगाहों में विकास विशेषकर चाबहार बंदरगाह में विस्तार और परिवहन के क्षेत्र में परस्पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।
बाबक अहमदी ने उत्तर -दक्षिण कॅारीडोर को पूरा करने को ईरान और भारत के मध्य वार्ता का एक अन्य विषय बताया और कहा कि रेल व सड़क मार्ग द्वारा इस कॅारीडोर को पूरा करने के बाद यह कॅारीडोर देश की रेलवे लाइन और मध्यएेशिया से जुड़ जाएगा।
ईरान और भारत के मध्य संयुक्त आर्थिक कमीशन का आरंभ रविवार को नयी दिल्ली में आरंभ हो रहा है।
ईरान के वित्तमंत्री अली तैयबनिया भी इस कमीशन में भाग लेने के लिए नयी दिल्ली पहुंच चुके हैं।
अमरीका हिज़्बुल्लाह को बदनाम करना चाहता है, हसन नसरुल्लाह
लेबनान के हिज़्बुल्लाह आंदोलन के महासचिव ने कहा है कि अमरीका हिज़्बुल्लाह पर जो आरोप लगा रहा है वह वास्तव में उसे बदनाम करने प्रयास है।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि अमरीका हिज़्बुल्लाह पर आतंकवाद का निराधार आरोप लगाता है और हिज़्बुल्लाह से लेबनानी युवाओं को दूर करने के लिए अरबों डॅालर खर्च करता है किंतु हम कड़ाई से इन आरोपों का खंडन करते हैं। उन्होंने कहा कि जब इस्राईल , जब और जहां चाहता है हमला कर देता है तो फिर उसको जवाब देना हमारा अधिकार है।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि शहीद क़न्तार हमारे अपने हैं, हमारे एक कमांडर हैं और इस्राईलियों ने उन्हें शहीद किया है इस लिए यह हमारा हक़ है कि हम जब और जहां और जैसे चाहें उचित शैली में ज़ायोनी शासन को जवाब दें और हम अपना यह हक़ लेकर रहेंगे।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि विभिन्न पीढ़ियां, प्रतिरोध की विरासत को संजो कर रखती हैं और शहीद क़न्तार और अन्य संघर्षकर्ताओं का ख़ून यह सिद्ध करता है कि प्रतिरोध की पताका कभी झुकने वाली नहीं है भले ही इसके लिए कितनी ही भारी क़ीमत चुकानी क्यों न पड़े।
याद रहे इस्राईली युद्धक विमानों ने हिज़्बुल्लाह के कमांडर समीर कन्तार को उनके घर पर हमला करके शहीद कर दिया। वह 29 साल इस्राईली जेल में रहने के बाद बंदियों के तबादले में रिहा हुए थे।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने इसी प्रकार नाइजीरिया के ज़ारिया नगर में सैनिकों के हाथों निहत्थे लोगों की हत्या और उस पर विश्व समुदाय की चुप्पी की भी कड़ी आलोचना की।
रबीउल अव्वल महीने के सिफ़ात सर्वोच्च नेता के बयान में वर्णित
राजनीतिक समूह: "कुछ ज्ञानिक और आध्यात्मिक लोगों का मानना है कि रबीउल अव्वल महीना सचमुच में, जीवन के लिऐ रबी है"।
अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) ग्रैंड अयातुल्ला खमेनी की रखरखाव और प्रकाशन कार्यालय की वेबसाइट ने रबीउल अव्वल महीने की शुरुआत के अवसर पर इस महीने के वर्णन में सर्वोच्च नेता की टिप्पणी के कुछ अंश प्रकाशित किऐ हैं।
""कुछ ज्ञानिक और आध्यात्मिक लोगों का मानना है कि रबीउल अव्वल महीना सचमुच में, जीवन के लिऐ रबी है", क्योंकि इस महीने में, पवित्र पैगंबर का जन्म और आप के बेटे हज़रत अबाअब्दिल्लाह इमाम जाफ़र सादिक़ अ.का जन्म हहुआ और पैगंबर का जन्म सभी आशीर्वाद की शुरुआत है जिसे भगवान ने मानवता के लिए तय किया है हम इस्लाम को मानव सुख का ज़रया और आदमी की मुक्ति का रासता जानते हैं, भगवान का यह उपहार पवित्र पैगंबर के साथ हमेशा जुड़ा है जजो इस महीने में हुआ है,,दरअसल, इस महानन मीलाद को सससभी बर्कतों का स्रोत मानना चाहिए कि परमेश्वर ने मानव समाज को, इस्लामी उम्मत को, सच्चाई को अनुयायियों आप के ज़रये गर्व दिया है "
इस्लामी एकता सम्मेलन के अधिकारियों और मेहमानों के साथ एक बैठक में जो दो दिसम्बर को हुई उसमें यह बयान दिऐ गऐ.
"कुरान के प्रवचन को समझने में सिद्धांतों।" पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन मोरक्को की मेजबानी में आयोजित किया जाएग़ा
अंतरराष्ट्रीय समूह:16,17 दिसम्बर को मोरक्को के शहर "Tetuan"में "कुरान के प्रवचन को समझने में सिद्धांतों।" पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोन किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) ने वेबसाइट "नया प्रेस" के अनुसार बताया कि इब्न अबी रबी अल-सिब्ती मोरक्को के विद्वानों की केन्द्र मोहम्मदिया और शहर "Tetuan"के स्टडीज एसोसिएशन के साहित्य संकाय के सहयोग से "कुरान के सहयोग से "कुरान के प्रवचन को समझने में सिद्धांतों।" पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जारहा है।.
यह संरचना भी पवित्र कुरान के प्रवचन की सही व्याख्या का निर्माण करना चाहता है।
इस सम्मेलन के चार बुनियादी मसाएल "मौलिक आयोजन अवधारणाओं और शब्दावली" और "सरफ ,नहु बलाग़त, और चमत्कार है।
तीसरा असास "भाषा शब्दकोशों और सीमा कुरान की व्याख्या पर उनके प्रभाव" हैं।
अमरीका की पहली मुस्लिम महिला जज को हत्या की धमकी
अमरीका की पहली मुस्लिम महिला जज को हत्या की धमकियां दी जा रही हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कुछ दिन पहले पवित्र ग्रंथ क़ुरआने मजीद से शपथ ग्रहण करने वाली मुस्लिम व अश्वेत महिला जज केरोलिन वाॅकर डियालो को टेलीफ़ोन पर हत्या की धमकियां दी जा रही हैं। अमरीकी पुलिस ने भी इस बात की पुष्टि की है कि इस्लामी हिजाब करने वाली मुस्लिम महिला जज को क़ुरआन से शपथ लेने के तुरंत बाद हत्या की धमकियां दी गईं जबकि सोशल मीडिया पर भी उनका अनादर किया जा रहा है।
श्रीमति डियालो हाल ही में ब्रुकलिन के क्षेत्र में सिविल जज के रूप में तैनात की गई हैं और उन्होंने संविधान के अनुसार मुसलमानों की पवित्र किताब क़ुरआने मजीद पर हाथ रख कर अपने पद की शपथ ग्रहण की। वे अमरीका के इतिहास में पहली मुस्लिम महिला जज हैं। अमरीका में इस्लामी संबंध परिषद की एक नेता सादिया ख़ालिक़ ने कहा है कि जो कुछ केरोलिन डियालो के संबंध में सामने आ रहा है वह अत्यंत भयावह है। पेरिस पर हुए हालिया हमलों के बाद अमरीका व यूरोप में मुसलमानों के विरुद्ध घृणात्मक कार्यवाहियों में वृद्धि हुई है।