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अबनाः विलायत पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार नाईजीरिया सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि इस देश के सुरक्षा बलों ने काटसीना राज्य से जिन तीन लोगों को हिरासत में लिया है उनमें 8 से 10 साल की दो लड़कियां भी शामिल हैं जिनके जिस्मों पर बारूद से भरी बेल्स्ज लिपटी हुई थीं। नाईजीरिया के चरमपंथी संगठन बोको हराम पर आरोप है कि वह अब महिलाओं को आत्मघाती हमलावरों के रूप में जंगी हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। पिछले सप्ताह से यह खबर सोशल नेटवर्क्स की वेबसाइटों पर एक अफवाह बन के प्रसारित होती रही है कि नाईजीरिया के उत्तर में सबसे बड़े शहर कानू में हमले में चार नौजवान लड़कियों ने हमला किया। हालांकि हुकूमत ने इस दावे को निराधार बताया है कि बोको हराम द्वारा अपहरण होने वाली 200 से अधिक छात्राओं को इंसानी बमों में बदल दिया गया है। लेकिन दूसरी ओर नाईजीरिया हुकूमत के ही प्रवक्ता माइक उमैरी ने अपने बयान में बताया कि सुरक्षा बलों ने कानू शहर से जुड़े राज्य काटसीना से जिन तीन लोगों को हिरासत में लिया है, उनमें आठ से दस साल की दो लड़कियां भी शामिल हैं जिनके जिस्मों से बारूद से भरी बेल्टें लिपटे हुई थीं।

पाकिस्तान में विपक्ष के नेता इमरान ख़ान ने चेतावनी दी है कि सरकार विरोधी प्रदर्शन उस समय तक जारी रहेंगे जब तक प्रधान मंत्री नवाज़ शरीफ़ अपने पद से हट नहीं जाते।

शनिवार को इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए इमारान ख़ान ने कहा कि वे दोपहर बाद धरने पर बैठेंगे और यह धरना उस वक़्त तक जारी रहेगा जब तक नवाज़ शरीफ़ सत्ता से हट नहीं जाते। इमरान ख़ान ने कहा, “ मैं यहा बैठुंगा और नवाज़ शरीफ़ आपको यह फ़ैसला करना है। आपके पास एक विकल्प है या त्याग पत्र दीजिए या फिर फिर से चुनाव आयोजित कराइये। ”

पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीके इंसाफ़ के प्रमुख इमरान ख़ान ने कहा कि शरीफ़ प्रशासन चुनाव में कथित धांधली की जांच कराने में विफल रहा है। पाकिस्तान तहरीके इन्साफ़ ने नए चुनाव की मांग की है।

दूसरी ओर पाकिस्तान मुस्लिम लीग के वरिष्ठ नेता राना सनाउल्लाह ने चुनाव में धांधली के आरोपों की जांच कराने के लिए अपनी सरकार की तत्परता की घोषणा की है।

इमरान ख़ान और विपक्षी धर्मगुरु मोहम्मद ताहिरुल क़ादेरी के साथ हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी शुक्रवार की शाम इस्लामाबाद पहुंचे।  यह रैली पूर्वी शहर लाहौर से जो इस्लामाबाद से 300 किलोमीटर दूर है, गुरुवार की सुबह रवाना हुयी।

पाकिस्तान में 11 मई 2013 को आयोजित आम चुनाव में शरीफ़ की पार्टी 342 सदस्यीय नेश्नल असेंबली की 176 सीट जीतने में सफल हुयी।  बाद में पिछले वर्ष जून में पाकिस्तानी सांसदों ने शरीफ़ को इस देश का प्रधान मंत्री चुना और वह एक सैन्य विद्रोह द्वारा अपदस्थ होने के एक दशक से ज़्यादा समय के बाद तीसरी बार प्रधान मंत्री बने।  

 

 

 

अबनाः लेबनान के विरुद्ध इस्राईल के 33 दिवसीय युद्ध में लेबनान की विजय की वर्षगांठ पर हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह के लिए बधाई संदेशों का सिलसिला जारी है।
शक्तिशाली कही जाने वाली इस्राईली सेना पर हिज़्बुल्लाह की विजय की 8 वीं वर्षगांठ पर ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ तथा ईरान की इस्लामी व्यवस्था हित संरक्षक परिषद के सचिव मोहसिन रेज़ाई ने बधाई संदेश भेजे।
विदेश मंत्री ज़रीफ़ ने अपने संदेश में कहा कि आधुनिक शस्त्रों से लैस इस्राईली सेना के मुक़ाबले में लेबनान के प्रतिरोधक संगठन की बहादुरी, उनकी क़ुरबानियां और उनकी दृढ़ता हमेशा याद रखी जाएगी।
विदेश मंत्री ज़रीफ़ ने अपने संदेश में लिखा कि मैं आपको, हिज़्बुल्लाह के महान प्रतिरोधकर्ताओं तथा लेबनानी जनता को इस महान अवसर पर बधाई पेश करता हूं। इस विजय ने सभी इस्लामी राष्ट्रों को गौरव दिलाया तथा लेबनान के लिए गौरव व गरिमा का स्रोत बनी।
इस्लामी व्यवस्था की हित संरक्षक परिषद के सचिव मोहसनि रेज़ाई ने अपने संदेश में कहा कि ज़ायोनी शासन के विरुद्ध लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन की विजय के दिन को ईरानी कैलेंडर में इस्लामी प्रतिरोध दिवस का नाम दे दिया गया है।
मोहसिन रेज़ाई ने अपने संदेश में कहा कि इस बार इस विजय की वर्षगांठ ग़ज़्ज़ा की जनता के प्रतिरोध और एतिहासिक दृढ़ता के प्रदर्शन के समय आई है जिससे विश्व भर के स्वतंत्रताप्रेमियों को यह संदेश मिलता है कि ज़ायोनी शासन अपने पतन की ओर बढ़ रहा है।

 

फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास का प्रतिनिधिमंडल क़ाहेरा से क़तर के लिए रवाना हुआ।

क़ाहेरा से जानकार सूत्रों के हवाले से जर्मन समाचार एजेंसी के अनुसार हमास के पोलित ब्यूरो के सदस्य मूसा अबू मर्ज़ूक़ जो एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए क़ाहेरा गए थे, हमास के पोलित ब्यूरो के प्रमुख ख़ालिद मशअल से मुलाक़ात के लिए क़ाहेरा से क़तर की राजधानी दोहा के लिए रवाना हुए। मूसा अबू मर्ज़ूक़ अपने दो दिवसीय दौरे पर ख़ालिद मशलअ को इस्राईल के साथ मिस्र में हुयी अप्रत्यक्ष बातचीत के परिणाम से अवगत कराएंगे। इस रिपोर्ट के अनुसार यह प्रतिनिधिमंडल ख़ालिद मशअल से भेंट के बाद शनिवार की रात क़ाहेरा लौटेगा ताकि फ़िलिस्तीनी और इस्राइली पक्ष के बीच अगले चरण की बातचीत में भाग ले।

फ़िलिस्तीन के इस्लामी जेहाद आंदोलन के उपसचिव ज़ियाद नुख़ाले ने गुरुवार को लंदन से प्रकाशित समाचार पत्र अलहयात से बातचीत में कहा था कि स्थायी संघर्ष विराम की प्राप्ति की अभी भी संभावना मौजूद है।

ज्ञात रहे मिस्र, फ़िलिस्तीनी और इस्राइली पक्ष के बीच पांद दिनों के संघर्ष विराम कराने में सफल रहा। यह संघर्ष विराम बुधवार को शुरु हुआ और इस बीच दोनों पक्ष स्थायी संघर्ष विराम के लिए बातचीत करेंगें।

ज्ञात रहे ग़ज़्ज़ा पर 8 जुलाई को इस्राईल द्वारा थोपे गए युद्ध के समय से अब तक 1960 फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं जिनमें 470 बच्चे हैं जबकि 10 से ज़्यादा घायल हुए हैं।

 

पाकिस्तान में दो हवाई अड्डों पर आतंकी हमला हुआ है।

सूचना के अनुसार स्वचालित हथियारों, ग्रेनेड और आत्मघाती जैकेटों से लैस आतंकवादियों ने शुक्रवार को पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में भारी सुरक्षा वाले दो हवाई अड्डों पर हमला किया किंतु सुरक्षा बलों की जवाबी कार्यवाही में दस संदिग्ध उज्बेक आतंकवादी मारे गए।

क्वेटा में समुंगली और ख़ालिद नाम के दो हवाई ठिकानों को निशाना बनाया गया जो एक दूसरे से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।

आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी का सिलसिला करीब 6 घंटे तक चला और इसमें 12 सुरक्षाकर्मी समेत 14 लोग भी घायल हुए। 

 

लेबनान के प्रतिरोध आंदोलन के महासचिव सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा है कि सीरिया में हिज़्बुल्लाह की कार्यवाही इस देश की अशांति को लेबनान में फैलने से रोकने के लिए है।

उन्होंने लेबनान के अलअख़बार समाचार पत्र से विशेष इंटर्व्यू में जो शुक्रवार को प्रकाशित हुआ, कहा कि दाइश के राक्षस क्षेत्र में फैल गए हैं तो जो कोई इन राक्षसों के सामने डटे ताकि राष्ट्रों को विनाश से बचाए तो उसका शुक्रिया अदा करना चाहिए न यह कि उसे बुरा भला कहा जाए।

हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने कहा कि इस समय सबको उसी ख़तरे का सामना है जिसके बारे में हिज़्बुल्लाह ने तीन साल पहले कहा था। आज सब उसी के बारे में बात कर रहे हैं। सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि आज जिस व्यक्ति में क्षमता है उस पर अनिवार्य है कि वह लेबनान, सीरिया, इराक़, फ़िलिस्तीन सहित पूरे क्षेत्र में मुसलमानों, ईसाइयों और धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए लड़ाई में शामिल हो।

उन्होंने इसी प्रकार आतंकवादी गुट आईएसआईएल या दाइश के अपने इलावा दूसरों को जान से मारने के बर्बरतापूर्ण कृत्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोग इराक़ की घटनाओं को शीया-सुन्नी लड़ाई कह रहे हैं किन्तु वे बताएं कि नैनवा और सलाहुद्दीन प्रांतों में शीयों की कितनी आबादी है?  उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने सुन्नी समुदाय के लोगों को बड़ी संख्या में बेघर कर दिया, उनकी मस्जिदों, मज़ारों और क़ब्रस्तानों को शीयों के रौज़ों से पहले ध्वस्त कर दिया, सुन्नी मस्जिदों के इमामों और सुन्नी क़बीले के सरदारों को मार डाला सिर्फ़ इस बात पर कि उन्होंने दाइश के स्वंयभू ख़लीफ़ा की बैअत अर्थात आज्ञापालन को रद्द कर दिया था।

लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन के महासचिव ने इसी प्रकार इराक़ में ईसाइयों और ईज़दियों जैसे अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ आईएसआईएल के दूसरे कृत्यों की ओर इशारा करते हुए पूछा कि यह कौन सा इंसाफ़ है कि दसियों हज़ार लोग पहाड़ों में पनाह लें और उन्हें घेरा जाए यहां तक कि वे दुनिया के सामने भूख और प्यास से मर जाएं?

सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि ऐसा लगता है कि दाइश के पास जो युद्धक सामग्री है वह बहुत है इसलिए यह कहा जा सकता है कि बहुत बड़ा ख़तरा है जिसकी ओर से सभी को चिंतित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ सरकारें जानती हैं कि उन्होंने किन्हें प्रशिक्षित किया है, इसलिए अब वे दाइश को सबसे बड़ा ख़तरा मानती हैं क्योंकि वे जानती हैं कि उनके पास क्या चीज़ें हैं। सय्यद हसन नसरुल्लाह ने बल दिया कि दाइश के ख़तरे से बिल्कुल निपटा जा सकता है, उसे पराजित किया जा सकता है किन्तु इसके लिए गंभीरता की ज़रूरत है।   

 

 

 

तेहरान की जुमे की नमाज़ के इमाम आयतुल्लाह सय्यद अहमद ख़ातेमी ने कहा कि जब तक ईरान के विरुद्ध अमरीकी सरकार व कांग्रेस के शुत्रतापूर्ण बयान व दुश्मनी जारी है, उनके साथ संवाद का कोई अर्थ नहीं है।

उन्होंने बुधवार को वरिष्ठ नेता के देश से बाहर नियुक्त ईरानी राजदूत व प्रतिनिधियों से भेंट में अमरीका के साथ वार्ता के निरर्थक होने पर आधारित बयान की ओर बल देते हुए कहा कि अमरीका वार्ता नहीं बल्कि वर्चस्व जमाने के चक्कर में है। उन्होंने इस बात का उल्लेख करते हुए कि अमरीकी ईरान का अपमान करना चाहते हैं, कहा कि उन्हें यह जान लेना चाहिए कि ईरान की जनता और इस्लामी व्यवस्था विदेशी वर्चस्व को कभी भी स्वीकार नहीं करेगी।

आयतुल्लाह ख़ातेमी ने हालिया परमाणु वार्ता प्रक्रिया के दौरान अमरीकी प्रतिबंध और अमरीकियों की अपेक्षाएं बढ़ने की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे विश्वास योग्य नहीं है बल्कि वे बहाने ढूंढ रहे हैं, मुश्किल हल करना नहीं चाहते।

तेहरान की जुमे की नमाज़ के इमाम ने इराक़ में नए मंत्रीमंडल की ओर इशारा करते हुए एकता व अखंडता की रक्षा और आतंकवाद से संघर्ष को इस देश की तीन मूल ज़रूरते बतायीं और आशा जतायी कि इराक़ी मंत्रीमंडल का जल्द से जल्द गठन होना चाहिए ताकि इस देश की नई सरकार इराक़ी जनता की समस्याओं विशेष रूप से आतंकवादी गुट दाइश से जुड़ी समस्या को हल कर सके। उन्होंने तकफ़ीरी आतंकवादी गुट आईएसआईएल के अस्तित्व को इराक़ में पश्चिम की ग़लत नीतियों का परिणाम बताया और कहा कि क्षेत्र की सुरक्षा इराक़ की सुरक्षा पर निर्भर है और इराक़ी जनता को अब धार्मिक नेतृत्व में एक स्वाधीन, गौरवपूर्ण और विकसित इराक़ के बारे में सोचना चाहिए।

तेहरान की जुमे की नमाज़ के इमाम ने बल दिया कि ईरानी राष्ट्र व सरकार इराक़ी जनता के चयन व दृष्टिकोण का सम्मान करती है।  

 

 

 

गुरुवार, 14 अगस्त 2014 00:00

आइये फ़ारसी सीखें ११

मोहम्मद और सईद शुक्रवार को रेस्त्रां जाने का कार्यक्रम बनाते हैं ताकि वहां फ़िसन्जान नामक विशेष ईरानी पकवान खाएं। मोहम्मद ने अभी तक फ़िसन्जान नहीं खाया है। फ़िसन्जान एक सालन है जिसे पुलाव के साथ खाया जाता है। फ़िसन्जान पकाने में मुर्ग़े के मांस या क़ीमे को पिसे हुए अख़रोट के साथ, कुछ पियाज़ और अनार के पेस्ट के साथ मिलाकर पकाते हैं। यह ईरानी पकवान इतना स्वादिष्ट होता है कि विवाह, या अन्य समारोहों तथा किसी के घर मेहमानी में इसे परोसा जाता है। विभिन्न नगरों में फ़िसन्जान को अलग अलग स्वाद का पकाया जाता है। मोहम्मद और सईद के बीच वार्तालाप से पूर्व इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्द और उनके अर्थ।

 


तुम्हें याद है یادت هست؟

क्रवार का दिन روز جمعه

रेस्त्रां या खाने का होटल رستوران

तुमने कहा تو گفتی

हम जा रहे हैं ما می رویم

अभी الان

मुझे याद आया یادم آمد

मैं भूल गया था या मैं भूल गई थी من فراموش کرده بودم

आने वाला कल فردا

दोपहर का खाना ناهار

हम जा रहे हैं ما می رویم

अच्छा है خوب است

कौन या किस کدام؟

ईरानी नामक रेस्त्रां رستوران ايرانی

स्वादिष्ट لذیذ

भोजन غذا

विशेषकर या विशेष रूप से مخصوصا

सालन या रसदार सब्ज़ी خورش

एक विशेष प्रकार सालन فسنجان

क्या है چیست؟

अब तक تا به حال

मैंने नहीं खाया है। من نخورده ام

 


मांस گوشت

अखरोट گردو

अनार का पेस्ट رب انار

वे पकाते हैं آنها می پزند

पुलाव پلو

वे खाते हैं آنها می خورند

खट्टा ترش

उसके पास है او دارد

तो या फिर پس

कुछ मात्रा مقداری

आभार شکر

वे मिलाते हैं آنها می ریزند

मीठा شیرین

पहले قبلا

ईरानी, ईरान का ایرانی

मैंने खाया है من خورده ام

मैं संतुष्ट हूं من مطمئنم

तुम्हें पसंद है या अच्छा लगता है خوشت می آید

मैं टेस्ट करता हूं من امتحان می کنم

उन्हें पसंद है آنها دوست دارند

अधिकतर या अधिकांशत بیشتر

मेहमानी مهمانی

ऊपर या पर روی

मेज़ میز

खाने की मेज़ میز غذا

 

 

मोहम्मद और सईद बीच वार्तालाप

 

 

मोहम्मद! तुम्हे याद है ना! तुमने कहा था कि शुक्रवार को रेस्त्रां जाएंगे?

محمد: یادت هست گفتی جمعه به رستوران می رویم؟

सईद! हां अभी याद आया। भूल ही गया था, कल शुक्रवार को दोपहर के खाने के लिए रेस्त्रां जाएंगे।

سعید: آره . الان یادم آمد. فراموش کرده بودم. فردا جمعه برای ناهار به رستوران می رویم.

मोहम्मद! ठीक है। किस रेस्त्रां में जाएंगे।

محمد: خوب است. به کدام رستوران می رویم ؟

सईद! ईरानी नामक रेस्त्रां में। इस रेस्त्रां के भोजन बहुत स्वादिष्ट है। विशेष रूप से फ़िसन्जान नामक पकवान।

سعید: به رستوران ايراني . غذاهای این رستوران خیلی لذیذ است. مخصوصا" خورش فسنجان

मोहम्मद! फ़िसन्जान कैसा सालन होता है? मैंने अभी तक नहीं खाया है।

محمد: خورش فسنجان چیست ؟ من تا به حال این خورش را نخورده ام.

सईद! फ़िसन्जान अख़रोट, मांस और अनार के पेस्ट से बनाते हैं और उसे पुलाव से खाते हैं।

سعید: خورش فسنجان را با گردو ، گوشت و رب انار می پزند و آن را با پلو می خورند.

मोहम्मद! क्या फ़िसन्जान में अनार का पेस्ट होता है? फिर तो खट्टा होगा।

محمد: فسنجان رب انار دارد؟ پس ترش است.

सईद! नहीं, बहुत खट्टा नहीं होता, क्योंकि उसमें थोड़ी मात्रा में शकर भी मिलाते हैं, इसलिए मीठा होता है।

سعید: نه. خیلی ترش نیست. چون مقداری شکر در آن می ریزند، شیرین است.

मोहम्मद! मैंने पहले ईरानी सालन खाएहैं जो प्राय: थोड़े खट्टे होते हैं।

محمد: من قبلا" خورش های ایرانی خورده ام. معمولا" کمی ترشند.

सईद! जी। किन्तु फ़िसिन्जान मीठा हतताहै, मुझे विश्वास है कि तुमहें पसंद आएगा।

سعید: بله. اما فسنجان شیرین است. مطمئنم خوشت می آید.

मोहम्मद! टेस्ट करके देखता हूं।

محمد: امتحان كرده مي بينم .

सईद! ईरानी, फ़िसिन्जान को बहुत पसंद करते हैं और किसी के यहां मेहमानी में खाने की मेज़ पर फ़िसिन्जान भी परोसाजाता है।

سعید: ایرانیها فسنجان را دوست دارند و در بیشتر مهمانی ها، خورش فسنجان هم روی میز غذا است.

 

 

محمد: یادت هست گفتی جمعه به رستوران می رویم؟ سعید: آره. الان یادم آمد. فراموش کرده بودم. فردا جمعه برای ناهار به رستوران می رویم محمد: خوب است. به کدام رستوران می رویم؟ سعید: به رستوران رفتاری. غذاهای این رستوران خیلی لذیذ است. مخصوصا" خورش فسنجان محمد: خورش فسنجان چیست؟ من تا به حال این خورش را نخورده ام سعید: خورش فسنجان را با گردو، گوشت و رب انار می پزند و آن را با پلو می خورند محمد: فسنجان رب انار دارد؟ پس ترش است سعید: نه . خیلی ترش نیست. چون مقداری شکر در آن می ریزند ، شیرین است محمد: من قبلا" خورش های ایرانی خورده ا م. معمولا" کمی ترشند سعید: بله. اما فسنجان شیرین است. مطمئنم خوشت می آید سعید: ایرانیها فسنجان را دوست دارند و در بیشتر مهمانی ها ، خورش فسنجان هم روی میز غذا است.

 

 

मोहम्मद और सईद रेस्त्रां जाते हैं। रेस्त्रां तेहरान के एक पुराने मुहल्ले में स्थित है किन्तु यह बहुत ही स्वच्छ और कम भीड़ भाड़ वाला रेस्त्रां है। वे फ़िसन्जान, मट्ठे और सलाद मंगवाते हैं। जब बैरा मेज़ पर भोजन लगाता है मोहम्मद फ़िसन्जान के कत्थई रंग और अख़रोट के तेल को आश्चर्य से देखता है जो पूरे सालन पर फैला होता है। उसने कल्पना नहीं की थी कि फ़िसन्जान कत्थई रंग का होता है किन्तु दोपहर का खाना खाने के पश्चात वह मान गया कि यह ईरान के सबसे स्वादिष्ट सालनों में है। ईरानी खाने को पकाने में कई घंटे लगते हैं इसलिए ईरानी खाने भलिभांति पक कर गल जाते हैं। ईरानी पकावान के संबंध में यह महत्वपूर्ण बिन्दु है।आशा करते हैं आपको यह प्रयास पसंद आया होगा।

 

 

भारत के उत्तर प्रदेश राज्य की कई नदियां उफान पर हैं।

गंगा, यमुना, शारदा, सरयू और घाघरा सहित प्रदेश की कई नदियां इस समय उफान पर हैं जिस के कारण तटवर्ती इलाकों में लोगों में भय व्याप्त हो गया है।  अधिक वर्षा के कारण सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है जबकि कई तटीय इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। प्रदेश का प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य में जुटा हुआ है।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार लखीमपुर में शारदा नदी के कटान ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मंगलवार को शारदा बैराज पर नदी का जलस्तर ख़तरे के निशान 134.80 मीटर के निकट रहा।

घाघरा का जलस्तर 135.35 मीटर रहा। सीतापुर में चौका नदी ने ख़तरे के निशान को छू लिया। घाघरा नदी ख़तरे के निशान से मात्र 15 सेंटीमीटर की दूरी पर है।  सीतापुर के अधिकतर गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है।

उधर श्रावस्ती में राप्ती के घटते-बढ़ते जलस्तर के बीच तटवर्ती गांवों में बाढ़ को लेकर लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें गहराने लगी हैं। वाराणसी में गंगा के पानी में एक मीटर वृद्धि दर्ज की गई। आजमगढ़ में घाघरा का जलस्तर भी बढ़ रहा है। मऊ में भी घाघरा में उफान के साथ ही कटान तेज हो गई है। गंगा व घाघरा के जलस्तर में धीमी गति से वृद्धि जारी है। दोनों नदियां आधा सेमी प्रति घंटे के हिसाब से बढ़ रही हैं।

इलाहाबाद में गंगा-यमुना में पानी अचानक बढ़ जाने से कछारी इलाकों में हड़कंप मच गया है। सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई जबकि कई गांवों और शहरों के तटीय इलाकों में बाढ़ आने का खतरा मंडराने लगा है। संगम क्षेत्र में गंगा का पानी मुख्य सड़क के बिल्कुल नजदीक पहुंच गया है। उप्र सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के अनुसार बाढ़ प्रभावित इलाकों के अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

उप्र में जगह-जगह बाढ़ चौकियों की स्थापना की जा रही है।  जहां पर पहले से बाढ़ चौकियां मौजूद हैं वहां पर्याप्त मात्र में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है ताकि आवश्यकता पड़ने पर लोगों की सहायता की जा सके।

 

 

पाकिस्तान अवामी तहरीक पार्टी के प्रमुख ने ताहिरुल क़ादेरी ने कहा है कि शोहदा दिवस में लोगों को भाग लेने से रोकने के लिए की गयी कार्यवाही में अब तक 7 लोग मारे जा चुके हैं जबकि 9000 से ज़्यादा घायल हुए हैं।

उन्होंने ने कहा कि शोहदा दिवस को रोकने के लिए अत्याचार की हद ख़त्म कर दी गई।

डाक्टर ताहेरुल क़ादेरी ने शनिवार को लाहौर में संचार माध्यमों को संबोधित करते हुए कहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने शोहदा दिवस में भाग लेने के उद्देश्य से आने वालों को गोली मारने का आदेश दिया है।  क़ादेरी ने कहा कि अत्याचार इस सीमा तक बढ़ गया कि घायल कार्यकर्ताओं को चिकित्सा सुविधा भी उपबल्ध नहीं कराई जा  रही है।

उन्होंने कहा कि जनानंदोलन के विरुद्ध शासन, सरकारी आतंकवाद कर रहा है।  ताहेरुल क़ादेरी ने कहा कि पिछले चार दिनों से पाकिस्तान में संविधान पंगु बना हुआ है।  देश की जनता से उनके मूल भूत अधिकार छीन लिए गए हैं।  उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अवामी तहरीक पार्टी के 15 से 20 हज़ार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है।