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हमास ने संघर्ष विराम की शर्तों की घोषणा कीफ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध संगठन हमास ने ज़ायोनी शासन के साथ संघर्ष विराम के लिए अपनी शर्तों की घोषणा कर दी है।

फ़्रांस प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार हमास के वरिष्ठ नेता मुशीर अलमिस्री ने सोमवार को कहा कि ज़ायोनी शासन क साथ संघर्ष विराम का समझौता, ग़ज़्जा पट्टी पर हमलों के बंद किए जाने, फ़िलिस्तीनी बंदियों की स्वतंत्रता और ग़ज़्ज़ा पट्टी के अत्याचारपूर्ण परिवेष्टन के समापन पर निर्भर है।

उनका कहना था कि संघर्ष विराम के बारे में हमास के साथ संपर्क तो किए गये हैं किन्तु अभी तक तक कोई समग्र प्रस्ताव पेश नहीं किया गया है। मुशीर अल मिस्री ने यह बात बल देकर कही कि जब तक इस्राईली अधिकारी, फ़िलिस्तीनियों की मांगें नहीं मानेंगे तब तक संघर्ष विराम अर्थहीन होगा।

ग़ज़्ज़ा के संबंध में सरकार की नीतियां सराहनीय हैं

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने ग़ज़्ज़ा पट्टी की दयनीय स्थिति के संबंध में ईरान के राष्ट्रपति और सरकार की उचित नीतियों की सराहना की है।

राष्ट्रपति और उनके मंत्रीमंडल ने सोमवार की शाम इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से भेंट की। इस अवसर पर वरिष्ठ नेता ने ग़ज़्ज़ा पट्टी की दयनीय स्थिति, फ़िलिस्तीनी जनता विशेषकर फ़िलिस्तीनी बच्चों और महिलाओं के जनसंहार की ओर संकेत करते हुए कहा कि ग़ज़्ज़ा की स्थिति वास्तव में दयनीय व दुखद है और ज़ायोनी शासन इस्लामी जगत की निश्चेतना से लाभ उठाकर यह अत्याचार रखे हुए है।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि अतिग्रहणकारी ज़ायोनियों के हाथों ग़ज़्ज़ा की जनता के जनसंहार को देखकर इस्लामी सरकारों और राष्ट्रों को जागरूक हो जाना चाहिए और अपने मतभेदों को समाप्त करते हुए एकजुट हो जाना चाहिए।

ग़ज़्ज़ा के संबंध में सरकार की नीतियां सराहनीय हैं

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता इस अवसर पर चिंतन मनन के साथ पवित्र क़ुरआन की तिलावत, पवित्र महीने रमज़ान से भरपूर लाभ उठाने और इस महीने की विशेष दुआओं को पढ़ने और इस महीने के विशेष आमाल को अंजाम देने को ईश्वर के सथ संबंध और अपनी आंतरिक इच्छाओं पर नियंत्रण पाने के महत्त्वपूर्ण मार्गों में बताया।

इस भेंटवार्ता में राष्ट्रपति रूहानी ने सरकार की सफलताओं को जनता और इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के समर्थन का परिणाम बताया।

सोमवार, 14 जुलाई 2014 10:41

आइए फ़ारसी सीखें ६

जैसा कि आप जानते हैं कि अब मुहम्मद और रामीन तेहरान विश्वविद्यालय के छात्रावास के एक कमरे में रहते हैं । आज प्रातः आठ बजे दोनों की क्लास है। इस समय सात बज रहे हैं और दोनों को जल्दी है क्योंकि बस साढ़े सात बजे चली जाती है और वे दोनों बस से ही विश्वविद्यालय जाना चाहते हैं किन्तु उनके मित्र सईद के पास पर्याप्त समय है और चूंकि उसका विभाग निकट है अतः वह पैदल भी जा सकता है। आइये उनके पास चलते हैं और देखते हैं कि आज प्रांतः वे क्या करते हैं। सबसे पहले कुछ ऐसे शब्दों पर ध्यान दिजिए जिन्हें आप आज के कार्यक्रम में सीखेंगे। इन शब्दों को दोहराते जाइये।

 

صبح بخير ، ساعت - چند است - ساعت چند است ؟ هفت - ساعت هفت است - آره - بله - دير - خيلي - خيلي دير است - امروز - صبح - تو - داري - کلاس - اتوبوس با اتوبوس - دانشگاه - به دانشگاه - تو ... مي روي - دانشکده - نزديک من ... مي رم - پياده - هم - پس - عجله کن - اتوبوس ... مي ره - 7 و نيم - حتما - خداحافظ - به سلامت

 

सुप्रभात, समय, कितना है, समय क्या हुआ? सात, सात बजे हैं, हां, जी, देर, बहुत, बहुत देर हो गयी है, आज, प्रातः, तुम, तुम्हारी है, क्लास, बस, बस से विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय को, तुम जाते हो, कालेज, निकट, मैं... चलाता हूं, पैदल, भी, जल्दी करो, बस जाएगी, साढ़े सात बजे, ख़ुदा हाफ़िज़, निश्चिंत रूप से, ख़ुदा हाफ़िज़।

अब आज के पाठ की बात चीत पर ध्यान दिजिए।

मुहम्मदः सुप्रभात, समय क्या हुआ है? محمد : صبح بخير ، ساعت چند است ؟

 

रामीनः सात बजे हैं। رامين : هفت

 

मुहम्मदः सात बज गये? محمد : ساعت هفت است ؟

रामीनः हां, काफ़ी देर हो चुकी है। رامين : آره . خيلي دير است

 

सईदः अस्सलामुन अलैकुम, सुप्रभात। سعيد : سلام عليكم . صبح بخير

 

रामीनः सुप्रभात, आज सुबह तुम्हारी क्लास है?

صبح بخير . امروز صبح تو کلاس داري ؟ : رامين

सईदः हां, आठ बजे। سعيد : بله . ساعت 8

 

मुहम्मदः सईद, तुम बस से विश्वविद्यालय जाओगे?

محمد : سعيد تو با اتوبوس به دانشگاه مي روي ؟

 

सईदः नहीं, कालेज निकट है, मैं पैदल जाऊंगा।

سعيد : نه دانشکده نزديک است ، من پياده مي روم.

 

मुहम्मदः रामीन तुम भी पैदल ही विश्वविद्यालय जाओगे।

 

‌ محمد : رامين تو هم پياده به دانشگاه مي روي ؟

सईदः नहीं, मैं बस से विश्वविद्यालय जाऊंगा।

رامين : نه . من با اتوبوس به دانشگاه مي روم.

 

रामीनः मैं भी बस से विश्वविद्यालय जाऊंगा.

 

محمد : من هم با اتوبوس به دانشگاه مي روم.

 

रामीनः तो जल्दी करो, बस साढ़े सात बजे जाती है।

رامين : پس عجله کن. . اتوبوس ساعت 7 و نيم مي رود

 

मुहम्मदः ठीक है, ख़ुदा हाफ़िज़ सईद। محمد : حتما . خداحافظ سعيد

 

रामीनः ख़ुदा हाफ़िज़ رامين : خداحافظ

 

सईदः ख़ुदा हाफ़िज़। سعيد : خدا حافظ

आपने वार्ता सुनी, बातचीत थोड़ी लंबी थी किन्तु वाक्य सरल एक बार फिर यह वार्ता सुनिए।

 

رامين - صبح بخير محمد . محمد - صبح بخير ، ساعت چند است ؟ رامین : هفت محمد - ساعت هفت است ؟ رامين - آره . خيلي دير است . سعيد - سلام . صبح بخير . رامين - صبح بخير . امروز صبح تو کلاس داري ؟ سعید : بله ، ساعت 8

 

محمد: سعید! تو با اتوبوس به دانشگاه می روی؟

سعید : نه دانشکده نزدیک است، من پیاده می روم.

محمد: رامین تو هم پیاده به دانشگاه می روی؟

رامین: نه. من با اتوبوس به دانشگاه می روم.

محمد: من هم با اتوبوس به دانشگاه می روم.

رامین: پس عجله کن. اتوبوس ساعت 7 و نیم می رود.

محمد: حتما" خداحافظ سعید

رامین : خداحافظ

سعید: خداحافظ

 

मुहम्मद और रामीन तेज़ी के साथ कमरे से निकलते हैं और बस की ओर जाते हैं। सईद भी विश्वविद्यालय जाने के लिए धीरे धीरे तैयार होता है।

नैटो के हवाई हमले में पांच हताहतअफगानिस्तान के दक्षिण पूर्व में नैटो ने हवाई हमला किया जिसमें कम से कम पांच व्यक्ति मारे गये।

प्रेस टीवी की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी कमान में नैटो ने अफगानिस्तान के दक्षिण पूर्व में हवाई हमला किया जिसमें कम से कम पांच व्यक्ति मारे गये। समाचार में आक्रमण का स्पष्ट स्थान नहीं बताया गया है।

अफगानिस्तान में विदेशी सेनाओं के आक्रमण एसी स्थिति में जारी हैं जब काबुल सरकार ने इन आक्रमणों की भर्त्सना की है और उसे इस देश की राष्ट्रीय संप्रभुता का उल्लंघन मानती है।

इस्राईल के मुक़ाबले में फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध विजयी होगाः हिज़्बुल्लाहलेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन ने, अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन के साथ संघर्ष में फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के समर्थन पर बल दिया है।

हिज़्बुल्लाह के उप महासचिव शैख़ नईम क़ासिम ने रविवार को अपने एक बयान में ग़ज़्ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के हमले को, फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के विरुद्ध इस शासन के अपराधों की एक नई कड़ी बताया। उन्होंने कहा कि इस्राईल ग़ज़्ज़ा पट्टी में बच्चों व महिलाओं का जनसंहार कर रहा है और उनके घरों को ध्वस्त कर रहा है जिससे पता चलता है कि इस्राईल पूरी मानवता के लिए ख़तरा है। हिज़्बुल्लाह के उप महासचिव ने ज़ायोनी शासन को संकटों और युद्धों का कारण बताया और कहा कि फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के विरुद्ध इस्राईल के अपराध, अरब व अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं व संगठनों के मौन की छाया में जारी हैं।

शैख़ नईम क़ासिम ने बल दे कर कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून, ग़ज़्ज़ा पट्टी से इस्राईल पर दाग़े जाने वाले राकेटों की निंदा करके ज़ायोनियों के हमले को छिपाना चाहते हैं। उन्होंने इसी प्रकार कहा कि फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध भी लेबनानी प्रतिरोध की भांति, इस्राईल के साथ युद्ध में विजयी होगा क्योंकि वह सत्य पर है।

योरोपीय देश शरणार्थियों को स्वीकार करेंसंयुक्त राष्ट्र संघ ने योरोपीय देशों से मांग की है कि वे सीरिया के शरणार्थियों को अपने यहां आने की अनुमति दें।

फ़्रांसीसी समाचारपत्र लोफ़ीगारों की वेबसाइट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी आयोग UNHCR ने शनिवार को घोषणा की है कि योरोपीय देशों को सीरिया के शरणार्थियों को स्वीकार करना चाहिए। यूएनएचसीआर के प्रवक्ता मलीसा फ़्लेमिंग ने कहा है कि आगामी सप्ताहों में सीरिया के शरणार्थियों की संख्या बढ़कर 30 लाख हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सीरिया के यह शरणार्थी इस समय लेबनान, जार्डन, तुर्की, इराक़ और मिस्र में पनाह लिए हुए हैं।

एचसीआर के अनुसार योरोपीय देशों ने 31 हज़ार 800 शरणार्थियों को स्वीकार करने का प्रस्ताव दिया है जबकि इस संस्था का कहना है कि संख्या को बढ़ाकर एक लाख किया जाए।

उल्लेखनीय है कि सीरिया में वर्ष 2011 से आरंभ हुई अशांति में लाखों लोग पलायन पर विवश हुए हैं। वर्तमान समय में लाखों सीरिया वासियों को खाद्य पदार्थों और दवाइयों जैसी मूलभूत चीज़ों की आवश्यकता है।

अमरीका और ब्रिटेन फिलिस्तीन में शैतानी खेल, खेल रहे हैं।ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई का कहना है कि फ़िलिस्तीनियों पर इस्राईल के बर्बर हमलों का अमरीका और ब्रिटेन समर्थन कर रहे हैं।

शनिवार को वरिष्ठ नेता ने कहा कि दोनों देशों को तेल-अवीव शासन द्वारा किए जा रहे जनसंहार की परवाह नहीं बल्कि वे आधिकारिक रूप से इन हमलों का समर्थन कर रहे हैं।

ग़ौरतलब है कि ग़ज्ज़ा पट्टी पर पिछले पांच दिनों से जारी इस्राईल के व्यापक हमलों में 150 से भी ज़्यादा फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए हैं जिनमें बच्चों और महिलाओं की एक बड़ी संख्या है।

वरिष्ठ नेता का कहना था कि विश्व की दबंग शक्तियां अपने हितों को साधने के लिए शैतानी खेल, खेल रही हैं।

उधर विश्व समुदाय की ओर से युद्ध विराम की अपीलों को अनदेखा करते हुए, ज़ायोनी शासन ने ग़ज्ज़ा पट्टी पर अपने हमले और तेज़ कर दिए हैं।

तेहरान ने जायोनी शासन के आक्रमणों की भर्त्सना कीतेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के अस्थाई इमाम ने फिलिस्तीन की अत्याग्रस्त जनता के विरुद्ध इस्राईल के आक्रमणों की भर्त्सना है।

आयतुल्लाह अहमद जन्नती ने नमाज़े जुमा के भाषण में अमेरिका, ब्रिटेन और इस्राईल को क्षेत्र में त्रिकोणीय गठबंधन बताया और कहा कि इराक और फिलिस्तीनी जनता की चिंताजनक स्थिति में भी विश्व समुदाय ने चुप्पी साध रखी है। नमाज़े जुमा के अस्थाई इमाम ने इराक के तकफीरी आतंकवादियों के अपराधों की भर्त्सना करते हुए कहा कि यह आतंकवादी इस्लाम के नाम पर, पश्चिम के समर्थन से और अंतर्राष्ट्रीय चुप्पी के कारण इराक के आम नागरिकों की हत्या से साम्राज्यवादी हितों की पूर्ति कर रहे हैं।

आयतुल्लाह जन्नती ने इराक के वरिष्ठतम शीया धर्मगुरू आयतुल्लाह सीस्तानी की अपील की ओर संकेत करते हुए कहा कि लोग इराकी सेना और सुरक्षा बलों के साथ मिलकर आतंकवादियों को ध्यानयोग्य क्षति पहुंचा सके हैं। नमाज़े जुमा के अस्थाई इमाम ने इसी प्रकार निर्दोष फिलिस्तीनी जनता के विरुद्ध जायोनी शासन के अपराधों की भर्त्सना करते हुए कहा कि फिलिस्तीनी जायोनी शासन और अमेरिकी षडयंत्रों के समक्ष डटे हुए हैं और प्रतिरोध जारी रखकर वे फिलिस्तीनी भूमियों में शत्रुओं के षडयंत्रों को व्यवहारिक नहीं होने देंगे।

उन्होंने क्षेत्र के कुछ देश की आलोचना करते हुए कहा कि इन देशों के कठपुतली शासक अमेरिका के समर्थन के कारण जायोनी शासन की अतिक्रमणकारी नीतियों की आलोचना करने की क्षमता नहीं रखते।

ग़ज़्ज़ा इस्राईली हमलों में शहीदों की संख्या 120 हो गईग़ज़्ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के पाश्विक हमलों में शहीद होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या 120 हो गई है।

इस्राईल के युद्धक विमानों ने उत्तरी ग़ज़्ज़ा पट्टी के जबालिया क्षेत्र पर हमला किया जिसमें कम से कम पांच फ़िलिस्तीन शहीद हो गए। इस प्रकार विश्व समुदाय के आपराधिक मौन की छाया में मंगलवार से जारी ज़ायोनी शासन के आक्रमणों में 120 फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। फ़िलिस्तीन के अस्पताल सूत्रों ने शनिवार की सुबह बताया कि ग़ज़्ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के हमलों में साढ़े सात सौ से अधिक फ़िलिस्तीनी घायल भी हुए हैं। ज़ायोनी शासन के युद्धक विमानों ने इसी प्रकार ख़ान यूनुस और नुसैरात कैम्पों पर हमले करके तीन मस्जिदों को तबाह कर दिया है। इस हमले में कई फ़िलिस्तीनी घायल भी हुए हैं।

दूसरी ओर अलमनार टीवी चैनल ने रिपोर्ट दी है कि ज़ायोनी शासन के युद्धक विमानों ने उत्तरी ग़ज़्ज़ा पट्टी में अपंग लोगों के एक केंद्र पर हमला किया जिसके कारण तीन फ़िलिस्तीनी शहीद और कई अन्य घायल हो गए।

इस बीच ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बिनयामेन नेतिनयाहू ने बल देकर कहा है कि ग़ज़्ज़ा पट्टी पर हमले जारी रहेंगे। उन्होंने शुक्रवार को तेल अवीव में एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि विश्व समुदाय के दबाव के बावजूद इस्राईल, ग़ज़्ज़ा पट्टी पर आक्रमण जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के वायु हमले तब तक नहीं रुकेंगे जब तक, इस्राईली क्षेत्रों में शांति स्थापित नहीं हो जाती। ज़ायोनी प्रधानमंत्री नेतिनयाहू ने कहा कि तेल अवीव अपने नागरिकों की रक्षा के लिए कोई भी काम कर सकता है और इस्राईली सेना, ग़ज़्ज़ा पर ज़मीनी हमले सहित सभी विकल्पों के लिए तैयार है।

गुरुवार, 10 जुलाई 2014 05:56

आइए फ़ारसी सीखें 5

आज हम फ़ारसी भाषा में प्रयोग होने वाले कुछ महत्त्वपूर्ण वाक्य सीखेंगे और थोड़े से अभ्यास के बाद आप सरलता से उन्हें प्रयोग करने लगेंगे। आज भी मुहम्मद और रामीन हमारे साथ हैं। आपको अवश्य याद होगा कि मुहम्मद को एक नये कमरे की आवश्यकता है और इस संबंध में उसने रामीन से बात की। रामीन ने बताया कि उसके कमरे में एक बेड ख़ाली है और वह वहां आ सकता है। आज वे दोनों छात्रावास की दूसरी इमारत के वार्डन श्री दावरीसे भेंट करके मुहम्मद का कमरा बदलवाने के संबंध में बात करना चाहते हैं, यदि वे सहमत हुए तो मुहम्मद रामीन के कमरे में आ सकता है। तो आईये देखते हैं कि मुहम्मद और रामीन एक कमरे में रह सकेंगे या नहीं ? सबसे पहले कुछ ऐसे शब्दों पर ध्यान दिजिए जिन्हें आप आज के कार्यक्रम में सीखेंगे।

 

روز بخير - آقاي داوري - اتاق - اتاقمان - تخت - خالي - تخت خالي - مي دانم - ساختمان - دو - ساختمان دو - يک - ساختمان يک - دوست داريد - است - اگر - ممکن است - اتاق من ... است - بفرمائيد - اين - فرم - دانشجو - دانشجوها - خيلي متشکرم - خيلي ممنون

 

शुभ समय- श्री दावरी- कमरा- हमारा कमरा- पलंग या बेड- ख़ाली- ख़ाली बेड़ - मुझे पता है- इमरात-दो- इमारत नंबर दो- एक -इमारत नबंर एक- तुम्हें पसंद है- है- यदि- संभव है- मेरा कमरा-... आइये- यह- फ़ार्म- छात्र- अनेक छात्र- बहुत आभारी हूं- बहुत धन्यवाद।

आशा है कि आपने इन शब्दों को ध्यान से पढ़ा होगा और याद कर लिया होगा। आइये अब छात्रावास की दूसरी इमारत के वार्डन के साथ मुहम्मद और रामीन की वार्ता सुनते हैं

रामीनः अस्सलामो अलैकुम श्रीमान

رامين : سلام آقا

 

दावरीः व अलैकुमुस्सलाम,शुभ दिन

آقاي داوري : سلام . روز بخير

 

 

रामीनः श्रीमान दावरी हमारे कमरे में एक बेड ख़ाली है।

 

رامين : آقاي داوري ما در اتاقمان يک تخت خالي داريم

 

 

दावरीः हां, मैं जानता हूं।

آقاي داوري : بله مي دانم

 

 

रामीनः यह श्री मुहम्मद हैं, फ़ारसी साहित्य के छात्र हैं।

 

رامين : اين آقا محمد است . اودانشجوي ادبيات فارسي است .

 

 

मुहम्मदः अस्सलामो अलैकुम श्री दावरी

محمد : سلام آقاي داوري

दावरीः व अलैकुमुस्सलाम, आप दूसरी इमारत में हैं।

 

آقاي داوري : سلام . شما در ساختمان 2 هستيد ؟

 

मुहम्मदः नहीं, मेरा कमरा पहली इमारत में है।

 

محمد : نه . اتاق من در ساختمان يک است

 

 

दावरीः और आप दूसरी इमारत को पसंद करते हैं?

 

آقاي داوري : و شما ساختمان 2 را دوست داريد ؟

 

मुहम्मदः जी हां, यदि संभव हो

محمد: بله . اگر ممکن است

 

इस बार वार्ता बिना अनुवाद के पढ़िए

 

رامين : سلام آقا آقاي داوري : سلام . روز بخير رامين : آقاي داوري ما در اتاقمان يک تخت خالي داريم آقاي داوري : بله مي دانم رامين : اين آقا محمد است . او دانشجوي ادبيات فارسي است محمد : سلام آقاي داوري آقاي داوري : سلام . شما در ساختمان دو هستيد ؟ محمد : نه . اتاق من در ساختمان يک است آقاي داوري : و شما ساختمان 2 را دوست داريد ؟ محمد : بله

. اگر ممکن است .

 

श्री दावरी उत्तर नहीं देते है। वे अपनी मेज़ से उठते हैं और कमरे के किनारे मौजूद एक अल्मारी की ओर जाते हैं। वे कुछ काग़ज़ देख रहे हैं। मुहम्मद और रामीन एक दूसरे को देखते हैं। श्री दावरी एक काग़ज़ लेकर अपनी मेज़ पर लौटते हैं। वह काग़ज़ दूसरी इमारत में रहने वाले छात्रों का विशेष फ़ार्म है। उसमें छात्रों को अपना ब्योरा लिखना है। वे काग़ज़ मुहम्मद को देते हैं और कहते है।

 

श्री दावरीः यह लीजिए, दूसरी इमारत के छात्रों का विशेष फ़ार्म।

 

آقاي داوري : بفرماييد ، فرم دانشجوهاي ساختمان 2

 

मुहम्मदः मैं आपका बहुत आभारी हूं

 

محمد : خيلي متشکرم آقا

 

रामीनः श्रीमान, बहुत धन्यवाद

 

رامين : خيلي ممنون

यह बात एक फिर बिना अनुवाद के पढ़ते हैं

मुहम्मद फ़ार्म भरकर श्री दावरी को देता है। मुहम्मद और रामीन बहुत प्रसन्न हैं। वे दोनों आज से एक कमरे में रहेंगे। दूसरी इमारत का कमरा नंबर बारह।