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अफ़ग़ानिस्तान में सेना से चुनाव में हस्तक्षेप न करने की अपील
अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने सेना ने कहा है कि वह राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप न करे।
अफ़ग़ान राष्ट्रपति ने अफ़ग़ान सेना के कमान्डरों से कहा है कि वह देश राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे चरण में जो शनिवार को होने वाला है, पूर्ण रूप से निष्पक्षता का प्रदर्शन करें।
हामिद करज़ई ने एक विडियो कांफ़्रेंस द्वारा अफ़ग़ान सेना के सभी कमान्डरों से कहा है कि आशा यही है कि राष्ट्रपति चुनाव के पहले चरण की ही भांति दूसरे चरण में भी अपने पूरे प्रयास और सुरक्षा की प्रभावी कार्यवाही द्वारा मतदाताओं की भारी उपस्थिति को सुनिश्चित बनाएंगे।
हामिद करज़ई ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान का विकास, ख़ुशहाली और बेहतर भविष्य, इस चुनाव पर निर्भर है। इससे पूर्व भी हामिद करज़ई ने एक आदेश जारी करके सभी पुलिस अधिकारियों और सेना के कमान्डरों से कहा था कि वह राष्ट्रपति चुनाव में निष्पक्ष रहें। अफ़ग़ानिस्तन में राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे चरण के दृष्टिगत पूरे देश में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गये हैं।
आतंकियों को खुली छुट्टी नहीं दी जा सकती, नवाज़
पाकिस्तान में महत्वपूर्ण स्थानों पर आतंकी हमलों के बाद प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की अध्यक्षता में देश की सुरक्षा पर महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें आतंकवादी हमलों की समीक्षा की गई।
प्रधानमंत्री भवन से जारी होने वाले बयान के अनुसार बैठक में क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति की भी समीक्षा की गई जबकि कराची, फ़ाटा और बलोचिस्तान के सुरक्षा मामलों पर भी विचार विमर्श हुआ। इस बैठक में सेना प्रमुख राहील शरीफ़ और चेयरमैन ज्वाइंट चीफ़्स आफ़ स्टाफ़ जनरल राशिद महमूद शामिल हुए। इसके अलावा गृह मंत्री चौधरी निसार तथा दूसरे वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
सूत्रों का कहना है कि बैठक में यह फ़ैसला किया गया कि आतंकवादियों के विरुद्ध पूर्व आक्रमण तेज़ किए जाएंगे तथा जनता और सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाएगा जबकि कराची में आतंकवादियों की खोज के लिए भरपूर कार्यवाही की जाएगी।
आतंकवाद की रोकथाम के लिए इंटेलीजेन्स व्यवस्था को और भी सक्रिय करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने कहा कि सरकार निर्दोष लोगों की जान और माल तथा सरकारी संपत्ति की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी, आतंकियों को खुली छुट्टी नहीं दी जा सकती।
अमरीका में दो बंदूकधारियों ने 5 लोगों को मौत की घाट उतारा।
अमेरिका के लास वेगास शहर में हमले के दौरान दो बंदूकधारियों ने दो पुलिस अधिकारियों और एक नागरिक को मार दिया। हमला करने वालों ने इसके बाद ख़ुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। अधिकारियों को गोली मारने से पहले एक हमलावर ने यह नारा लगाया था कि यह क्रांति की शुरुआत है। लास वेगास रिव्यू-जर्नल ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया कि हमलावरों में एक पुरुष और एक महिला शामिल थे। दोनों पुलिस अधिकारी एक रेस्त्रां में दोपहर का खाना खा रहे थे जब उनपर हमला किया गया। एक पुलिस अधिकारी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दूसरे ने बाद में सर्जरी के दौरान दम तोड़ दिया।
इसके बाद हमलावर पास के एक वॉलमार्ट स्टोर गए और उन्होंने वहां पर गोलीबारी शुरू कर दी जिससे एक नागरिक मारा गया। एक प्रत्यक्ष दर्शी का कहना है कि हमलावर चिल्ला रहा था कि सब यहां से बाहर चले जाओ। हमला के पश्चात दोनों हमलावर वॉलमार्ट स्टोर के पीछे चले गए और उन्होंने आत्महत्या कर ली।
ईरान-तुर्की के आर्थिक संबंध, क्षेत्रीय अर्थ व्यवस्था का इंजन
राष्ट्रपति ने ईरान व तुर्की के आर्थिक संबंधों में विस्तार को, क्षेत्र की अर्थ व्यवस्था के इंजन की संज्ञा दी है।
डाक्टर हसन रूहानी ने सोमवार की रात अन्कारा में तुर्की के राष्ट्रपति अब्दुल्लाह गुल की ओर से दिए गए रात्रिभोज में दोनों देशों की अपारा आर्थिक संभावनाओं की ओर संकेत करते हुए कहा कि ईरान व तुर्की की आर्थिक समरसता, द्विपक्षीय संबंधों से आगे बढ़ कर क्षेत्रीय देशों की अर्थ व्यवस्था के लिए इंजन सिद्ध हो सकती है। उन्होंने कहा कि ईरान में इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद से दोनों देशों के राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध में निरंतर विस्तार आया है।
राष्ट्रपति रूहानी ने इसी प्रकार क्षेत्र के कुछ देशों में जारी आतंकवाद व चरमपंथ की ओर संकेत करते हुए कहा कि खेद की बात है कि कुछ बाहरी शक्तियों के हस्तक्षेप के कारण चरमपंथ की समस्या अधिक जटिल हो गई है और इसकी रोकथाम के लिए ईरान व तुर्की का आपसी सहयोग आवश्यक प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि ईरान व तुर्की के संबंधों में मज़बूती न केवल क्षेत्र और विश्व स्तर पर दोनों देशों की स्थिति को सुदृढ़ बनाएगी बल्कि इससे पूरे क्षेत्र की राजनैतिक, आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति मज़बूत और शांति व सुरक्षा प्रबल होगी।
ज़ायोनी आक़ाओं के लिये इतिहास को बदला जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार अमरीका के एक राजनीतिक विश्लेशक नें अपने एक आर्टिकल में पश्चिमी लीडर्स पर ज़ायोनी आक़ाओं को ख़ुश रखने के लिये ऐतिहासिक वास्तविकताओं को बदलने का आरोप लगाते हुए लिखा है कि ज़ायोनिज़्म के ग़ुलाम होने के नाते पश्चिमी लीडर इतिहास को बदलने का सिलसिला जारी रखेंगे और ऐसे में एक साफ़ इतिहास को बढ़ावा देंगे जिससे इतिहास के सबसे ख़ूनी युद्धों को जीतने वाले देशों का फ़ायदा होगा।
उपरोक्त विश्लेषक नें व्यंग करते हुए कहा कि जोज़फ़ स्टालेन का दूसरे विश्व युद्ध में एक मात्र रोल यह था कि उसनें लाखों लोगों का नरसंहार और बड़े पैमाने पर तबाही व बर्बादी करवाई थी जिसकी मिसाल न उससे पहले मिलती है और नाहि उसके बाद।
अमरीकी विश्लेषक नें कहा कि दुनिया के सारे स्टेफ़न हार्पर को ऐसा कहना ज़रूरी है वरना उनके ज़ायोनी आक़ा नाराज़ हो जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि अंतत: दूसरे विश्व युद्ध की वास्तविकताओं से पर्दा उठ जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कैनेडा का प्रधानमंत्री स्टेफ़न हार्पर इस्राईल का बहुत बड़ा समर्थक है। अप्रैल में उसकी सरकार नें फ़िलिस्तीनियों पर इस्राईली ज़ुल्म व अत्याचारों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने को अपराध बताया है।
कराची हवाई अड्डे पर आतंकवादी हमला, 23 हताहत
पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची के जिनाह अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के पुराने टर्मिनल पर आतंकवादियों ने आक्रमण कर दिया जिसमें 23 लोग हताहत हुए हैं। मारे जाने वालों में, हवाई अड्डे के कुछ कर्मचारी, सुरक्षा कर्मी तथा दस आतंकवादी हैं। इस हमले में पंद्रह लोग घायल भी हुए हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार रविवार को आधी रात से पहले आतंकवादियों ने स्वचलित हथियारों और ग्रेनेड से कराची के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हमला कर दिया और सुरक्षाकर्मियों के साथ उनकी झड़प छह घंटे तक चली।
अज्ञात आक्रमणकारियों द्वारा फायरिंग और धमाकों के बाद हवाई अड्डे में आग लग गयी। थोड़े थोड़े अंतराल पर तीन भीषण धमाके हुए जिससे आसमान पर धुओं के घने बादल बन गए।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता असीम बाजवा ने बताया कि पूरे हवाई अड्डे को ख़ाली करा लिया गया है और सभी आतंकवादी मारे जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के क़ब्ज़े से हथियार बरामद किए गए जिसमें आर पी जी भी शामिल है।
पाकिस्तान इंटरनेश्नल एयरलाइन और एयर ब्लू का एक एक तथा विदेशी कारगो कंपनी का एक हवाई जहाज़ ध्वस्त हो गया।
पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन अधिकारियों के अनुसार टर्मिनल पर सभी गतिविधियां रोक दी गयी हैं और उड़ानों को दूसरे शहरों के हवाई अड्डों के लिए रवाना कर दिया गया है।
कुछ लोग इस आतंकवादी आक्रमण को मुंबई की शैली में किया जाने वाला आक्रमण भी बता रहे हैं।
सीसी को स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए
योरोपीय संघ की विदेश नीति प्रभारी ने मिस्र के राष्ट्रपति से इस देश में स्वतंत्रता का सम्मान करने को कहा है। उन्होंने कहा कि योरोपीय संघ को मिस्र में विभिन्न संगठनों के सदस्यों और आम नागरिकों की गिरफ़्तारी पर चिंता है। कैथ्रीय एश्टन ने कहा है कि मिस्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विषय को लेकर हम चिंतित हैं।
कैथ्रीय एश्टन ने अपने एक संदेश में अब्दुल फ़त्ताह अस्सीसी को मिस्र का राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई देते हुए आशा व्यक्त की है कि वे इस देश के सम्मुख मुंह बाए खड़ी समस्याओं का समाधान करने में सफल रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि मिस्र के चुनाव आयोग ने मंगलवार को घोषणा की थी कि देश में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में अब्दुल फ़त्ताह अस्सीसी ने 96 प्रतिशत मत प्राप्त किये हैं जबकि मिस्र के कई राजनैतिक दलों ने राषट्रपति चुनाव का बहिष्कार कर दिया था।
इस्लामी क्रांति, स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी की दूरदर्शिता का परिणाम
आयतुल्लाह केरमानी ने कहा है कि ईरान की इस्लामी क्रांति, स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी की दूरदर्शिता का परिणाम है।
जुमे की नमाज़ के अपने भाषण में आयतुल्लाह मुहम्मद अली मोवह्हेदी किरमानी ने इमाम ख़ुमैनी की दूरदर्शिता पर बल देते हुए कहा कि उन्होंने ईरानी जनता का उचित मार्गदर्शन करते हुए अमरीका समर्थित शाह सरकार का तख़्ता पलट दिया। उन्होंने साथ ही इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई के दूरदर्शितापूर्ण नेतृत्व की ओर संकेत करते हुए कहा कि यह एक महान उपलब्धि है कि स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी के पश्चात इमाम के आन्दोलन का नेतृत्व वरिष्ठ नेता ने संभाला। अपने संबोधन के एक भाग में आयतुल्लाह केरमानी ने कहा कि गुट पांच धन एक की वार्ता में इस्लामी सम्मान और ईरानी जनता के अधिकारों को सुरक्षित रखा जाए। उन्होंने गुट पांच धन एक की वार्ता के बारे में कहा कि इस संदर्भ में वरिष्ठ नेता का कहना है कि वार्ता में पश्चिम से अधिक आशा नहीं रखनी चाहिए और देश की आर्थिक समस्याओं के समाधाना में देश की भीतरी क्षमताओं से लाभ उठाया जाए। आयतुल्लाह केरमानी ने इराक़ के सामर्रा नगर पर दाइश नामक आतंकवादी गुट के आक्रमण के बारे में कहा कि शत्रु हर समय इराक़ को क्षति पहुंचाने के लिए प्रयासरत है एसे में इराक़ी राष्ट्र को बहुत होशियार रहने की आवश्यकता है।
उन्होंने सीरिया के चुनाव की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस देश की जनता ने चुनावों में बढ़चढ कर भाग लेकर यह दर्शा दिया कि वह हर प्रकार के षडयंत्रों और आक्रमणों के मुक़ाबले में डटी हुई है। आयतुल्लाह केरमानी ने कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों ने अमरीका और उसके घटकों को निराश कर दिया। उन्होंने कहा कि अब अमरीका को पता चल गया है कि सीरिया की जनता को धोखा देकर इस देश पर वर्चस्व स्थापित नहीं किया जा सकता।
आतंकवादियों का समर्थन, अमरीका की आदत बन गई है।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई ने इमाम ख़ुमैनी रह. की 25वीं बरसी के अवसर पर अपनी स्पीच में कहा कि इस्लामी सिस्टम और लोकतंत्र, इमाम ख़ुमैनी की विचारधारा के दो स्तंभ थे। उन्होंने कहा कि इमाम ख़ुमैनी की विचारधारा में ताक़त व बल द्वारा हासिल की जाने वाली सत्ता को कोई स्थान नहीं है बल्कि उसमें जनता के मतों से हासिल होने वाली सत्ता, स्वीकार योग्य है। सुप्रीम लीडर ने कहा कि इस्लामी जागरूकता, राष्ट्रों में साम्राज्यवाद विरोधी भावना, ईरान की दिन प्रतिदिन होने वाली प्रगति और विकास आदि इस्लामी इंक़ेलाब का ही नतीजा है। आयतुल्लाह ख़ामेनई ने कहा कि हज़रत इमाम ख़ुमैनी फ़िलिस्तीन का खुलकर समर्थन करते थे। उन्होंने कहा कि साम्राज्य ख़ास कर अमरीका की चालें और षडयंत्र विफल हो रहे हैं। सुप्रीम लीडर ने कहा कि आतंकवादियों का समर्थन अब अमरीका की एक शैली बन गई है। उन्होंने कहा कि एमकेओ जैसे आतंकवादी संगठन का, जिसने ईरान के बहुत से विद्वानों, बुद्धिजीवियों, राजनेताओं और गणमान्य लोगों की हत्याएं कीं, अमरीका समर्थन करता है।
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने तकफ़ीरी और सलफ़ी आतंकवादी गुटों की विनाशकारी कार्यवाहियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि सबको यह जान लेना चाहिए कि मुख्य दुश्मन वह देश हैं जिन्होंने इस तरह के आतंकवादी गुटों को पैदा किया है।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि जो भी इस्लामी रिपब्लिक ईरान पर हमले करने की सोचेगा उसे निश्चित रूप से ईरानी राष्ट्र के मुंहतोड़ जवाब का सामना करना पड़ेगा।
दक्षिण फ़िल्मों की प्रख्यात अभिनेत्री ने इस्लाम स्वीकार किया
भारत के तमिलनाडु राज्य की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री मोनिका सिलान्थी ने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया है।
26 साल की इस अभिनेत्री ने अपना नाम एम. जी. रहीमा रखा है। भारतीय समाचार पत्र टाइम्ज़ आफ़ इंडिया ने लिखा कि संगीतकार ए. आर. रहमान और युवान शंकर के बाद मोनिका भी इस्लाम स्वीकार करने वाले कारवां में शामिल हो गयीं। तमिल फ़िल्म अज़्हागी और सिलान्थी से ख्याति पाने वाली मोनिका उर्फ़ रेखा मरूथीराज ने सत्तर से ज़्यादा हिन्दी, मलयालम, तेलगु और कन्नड़ फ़िल्मों में हिरोइन और बाल कलाकार का रोल निभाया। मोनिका के मां-बाप ईसाई हैं।
मोनिका का कहना है कि इस्लाम स्वीकार करने के बाद अब वह फ़िल्मी जगत से दूर हो जाएंगी और भविष्य में कभी भी अभिनय नहीं करेंगी। उन्होंने फ़िल्म अवसारा पुलिस-100 से बतौर बाल कलाकार अभिनय शुरू किया था। उन्होंने प्रेस कांफ़्रेंस करते हुए कहा कि पैसे या प्रेम ने नहीं बल्कि इस्लामी सिद्धांतों ने मुझे इस्लाम स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 से इस्लाम के बारे में पढ़ना शुरू किया और मैं दूसरे लोगों की तरह यह समझती थी कि इस्लाम चरमपंथ का समर्थक है लेकिन इस्लाम तो शांति का धर्म है।
इस्लाम क़ुबूल करने वाली इस अभिनेत्री ने कहा कि मैं अपनी शादी के संबंध में भी मीडिया को शीघ्र ही सूचित करुंगी। यह शादी मेरे मां-बाप की मर्ज़ी से होगी। उन्होंने अपने पिता का प्रोत्साहित करने पर आभार व्यक्त किया।