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हमास ने जायोनी शासन के साथ समझौते को रद्द कर दियाफिलिस्तीन के इस्लामी संगठन हमास ने जायोनी शासन के साथ समझौते को रद्द कर दिया है।

हमास संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी बशीर अलमिस्री ने जायोनी शासन के साथ युद्ध विरोम हेतु संभावित समझौते को रद्द कर दिया और कहा कि जायोनी शासन ने यह युद्ध आरंभ किया है वही इसे समाप्त करे। उन्होंने बल देकर कहा कि प्रतिरोध पूरी क्षमता के साथ फिलिस्तीनी राष्ट्र की रक्षा के लिए तैयार है और वह जायोनी शासन की धमकियों को कोई महत्व नहीं देता है।

जायोनी शासन की सेना ने फिलिस्तीन के प्रतिरोधक गुटों को आज तक सते बजे तक रोकेट हमलों को बंद करने के लिए अवसर दिया है और कहा है कि अगर यह विषय व्यवहारिक नहीं हुआ तो सैनिक कार्यवाही आरंभ की जायेगी।

समग्र परमाणु समझौते पर त्रिपक्षीय वार्ता

ईरान व अमरीका के उप विदेश मंत्रियों और यूरोपीय संघ के विदेशी मामलों की प्रभारी की सहयोगी ने वियाना-6 परमाणु वार्ता के चौथे दिन समग्र परमाणु समणौते के मसौदे के बारे में विचार-विमर्श किया।

ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास इराक़ची और यूरोपीय संघ के विदेशी मामलों की प्रभारी की सहयोगी हेलगा श्मिद के बीच होने वाली शनिवार शाम की वार्ता में अमरीका के उप विदेश मंत्री विलियम बर्न्ज़ भी शामिल हो गए। शनिवार सुबह से आरंभ होने वाली यह वार्ता शाम तक जारी रही। समग्र परमाणु समझौते के मसौदे के संकलन के लिए विचार-विमर्श का क्रम शुक्रवार से आरंभ हुआ है और अब तक इस संबंध में सोलह घंटे की वार्ता हो चुकी है।

इससे पूर्व यूरोपीय संघ के विदेशी मामलों की प्रभारी कैथ्रिन एश्टन के प्रवक्ता माइकल मैन ने कहा था कि परमाणु वार्ता का छठा व अंतिम चरण अत्यंत कठिन व जटिल है किंतु सभी पक्ष सहमति तक पहुंचने का दृढ़ संकल्प रखते हैं। परमाणु वार्ता का छठा चरण बुधवार दो जुलाई से आरंभ हुआ है जो 20 जुलाई तक जारी रहेगा।

अफ़ग़ानिस्तान में नेटो के 400 तेल टैंकर तबाहअफ़ग़ान पुलिस का कहना है कि राजधानी काबुल के पास अमरीकी सैनिकों के लिए ईंधन और तेल जा रहे चार सौ तेल टैंकरों को आग लगाकर तबाह कर दिया गया।

अफ़ग़ान पुलिस के प्रवक्ता हशमतुल्लाह स्तानकज़ई ने शनिवार को बताया कि काबुल के उत्तरी पश्चिमी नगर पागाम में एक टर्मिनल के पास यह घटना घटी। उनका कहना था कि इनमें से अधिकतर तेल और ईंधन के टैंकरों को अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सैनिकों के नेतृत्व में घटक सेनाओं के लिए तेल सप्लाई हेतु प्रयोग किया जाता था।

तालेबान ने इस आक्रमण की ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हुए कहा है कि उसके लड़ाकों ने लगभग छह सौ ट्रकों व तेल टैंकरों को आग लगाई है। अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान के आतंकवादी अफ़ग़ानिस्तान में तैनात अमरीकी और नैटो सैनों के लिए ईंधन ले जाने वाले टैंकरों पर हमले करते रहते हैं।

इसी प्रकार अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी आतंकवादियों ने वर्ष 2001 में पाकिस्तान के रास्ते अफ़ग़ानिस्तान में विदेशी सेनाओं के लिए ईंधन और सैन्य उपकरणों की सप्लाई करने वाले ट्रकों और तेल टैंकर पर कई हमले किए हैं। 19 जून को भी पूर्वी नंगरहार प्रांत तूरख़म क्षेत्र में नैटो के 37 ट्रकों को आग लगा दी गयी थी।

पाकिस्तान से वार्ता जारी रहेगीः भारत

भारत ने पाकिस्तान के साथ वार्ता जारी रखने के संकेत दिए हैं।

भारत की विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज ने पाकिस्तान के साथ वार्ता जारी रखे जाने की ओर संकेत करते हुए नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच सभी क्षेत्रों में संबंध विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया है। सूत्रों के अनुसार भारतीय विदेश मंत्री ने कहा है कि उनके देश की सरकार, क्षेत्र में शांति और सकारात्मक परिवर्तन के लिए पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ वार्ता प्रक्रिया जारी रखेगी।

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि उनके देश की नई सरकार, विकास, प्रगति और राष्ट्रीय हितों के आधार पर क्षेत्रीय देशों के संबंध में रुख़ बदलने का इरादा रखती है। ज्ञात रहे कि सुष्मा स्वराज ने हाल ही में बांग्लादेश का दौरा किया था जिसे काफ़ी सफल बताया जा रहा है।

इस्लाम विरोधी ताक़तें, इस्लाम के नाम पर इस्लाम को नुक़सान पहुंचा रही है।

इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर ने कहा है कि इस्लाम के दुश्मन, दीन के नाम पर इस्लाम को नुक़सान पहुंचा रहे हैं।

आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने रमज़ान महीने के पहले दिन रविवार को तेहरान की इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में क़ुरआने मजीद की एक सभा में अपने सम्बोधन में कहा कि क़ुरआन, मुसलमानों में चेतना और जागरूकता पैदा कर रहा है जिससे इस्लाम के दुश्मन भयभीत हैं और वह इस्लाम के नाम पर इस्लाम को नुक़सान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने, इमाम ख़ुमैनी द्वारा शुद्ध मुहम्मदी इस्लाम और अमरीकी इस्लाम जैसे दो शब्दों के प्रयोग की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगरचे अमरीकी इस्लाम, विदित रूप से इस्लाम ही है लेकिन यह, ज़ायोनिज़्म और साम्राज्य पैदा करता है, साम्राज्यवादियों के आदेशों का पालन करता है और पूरी तरह से अमरीका की सेवा करता है।

सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने इराक़ सहित विभिन्न इस्लामी समाजों में उपद्रव करवाने में दुश्मनों की ख़ुफ़िया एजेंसियों की भूमिका के बारे में स्पष्ट प्रमाण होने की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर इस्लामी समाज, क़ुरआने मजीद की शिक्षाओं से अवगत हो और उन्हें व्यवहारिक बनाए तो इस प्रकार के षड्यंत्रों को विफल बनाया जा सकता है।

शत्रु, इस्लाम के नाम पर इस्लाम को क्षति पहुंचा रहा है

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि इस्लाम के शत्रु, धर्म के नाम पर इस्लाम को क्षति पहुंचा रहे हैं।

आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने रमज़ान के पवित्र महीने के पहले दिन रविवार को तेहरान की इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में क़ुरआने मजीद की एक गोष्ठी में अपने संबोधन में कहा कि क़ुरआन, मुसलमानों में चेतना और जागरूकता पैदा कर रहा है जिससे इस्लाम के शत्रु भयभीत हैं और वे इस्लाम के नाम पर इस्लाम को नुक़सान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने, इमाम ख़ुमैनी द्वारा शुद्ध मुहम्मदी इस्लाम और अमरीकी इस्लाम जैसे दो शब्दों के प्रयोग की ओर संकेत करते हुए कहा कि यद्यपि अमरीकी इस्लाम, विदित रूप से इस्लाम ही है किंतु यह, ज़ायोनिज़्म और साम्राज्य पैदा करता है, साम्राज्यवादियों के आदेशों का पालन करता है और पूरी तरह से अमरीका की सेवा करता है।

वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने इराक़ सहित विभिन्न इस्लामी समाजों में उपद्रव करवाने में शत्रुओं की गुप्तचर एजेंसियों की भूमिका के बारे में स्पष्ट प्रमाण होने की ओर संकेत करते हुए कहा कि यदि इस्लामी समाज, क़ुरआने मजीद की शिक्षाओं से अवगत हो और उन्हें व्यवहारिक बनाए तो इस प्रकार के षड्यंत्रों को विफल बनाया जा सकता है।

यूरोपीय संघ के देशों ने अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में इस्राईली कॉलोनियों की बढ़ती संख्या को लेकर इस्राईल को चेतवानी देते हुए कहा है कि अगर उसने अवैध यहूदी बस्तियों का निर्माण जारी रखा तो इस्राईल में पंजीकृत कंपनियों के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

फ्रांस, इटली और स्पेन पहले ही इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं।

यूरोपीय संघ के छः देश पहले ही अवैध कॉलोनियों के निर्माण के विस्तार को लेकर ज़ायोनी शासन को चेतावनी दे चुके हैं।

इस्राईल में यूरोपीय संघ के राजदूत लार्स फ़ाबोर्ग एंडरसन का कहना है कि यूरोपीय संघ के सदस्य देश इस्राईल द्वारा इस मामले को गंभीरता से नहीं लेने के कारण अपना धैर्य खो रहे हैं।

याद रहे कि यूरोपीय संघ की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं, जर्मनी, फ़्रांस, इटली, स्पेन और ब्रिटेन सहित नीदरलैंड ने अपने व्यापारियों से पूर्वी यरोशलम, गोलान हाईट्स और पश्चिमी किनारे में निवेश नहीं करने के लिए कहा है। s.m

हिंदुस्तान द्वारा ईरान को 55 करोड़ डॉलर का भुगतान।

हिंदुस्तान ने तेहरान और ग्रुप 5+1 के बीच हुए अंतरिम परमाणु समझौते के तहत ईरान को 55 करोड़ डॉलर का भुगतान कर दिया है।

ईरान और ग्रुप 5+1 के बीच हुए अंतरिम परमाणु समझौते के तहत दुनिया भर के देशों में 4 अरब से ज़्यादा ईरान की बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा।

हिंदुस्तान की पांच बड़ी तेल कंपनियों, MRPL, एस्सार ऑयल, इंडियन ऑलय कॉर्प, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प और HPCL मित्तल एनर्जी लिमिटेड की ओर से किया गया है।

उल्लेखनीय है कि हिंदुस्तान ईरान से ऊर्जा आयात करने वाले प्रमुख देशों में से एक है।

याद रहे कि ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य देशों, रूस, चीन, अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस समेत जर्मनी के बीच 24 नवम्बर 2013 को अंतरिम परमाणु समझौता हुआ था।

पाकिस्तान शांतिपूर्ण ढंग से कश्मीर समस्या का समाधान चाहता हैपाकिस्तानी प्रधानमंत्री के वरिष्ठ सलाहकार ने शांतिपूर्ण ढंग से कश्मीर समस्या के समाधान पर बल दिया है।

प्राप्त समाचारों के अनुसार सरताज अज़ीज़ ने इस्लामाबाद में इस बात पर बल देते हुए कि पाकिस्तान भारत के साथ कश्मीर समस्या के समाधान के लिए तैयार है,कहा कि दोनों देशों के विदेशमंत्रियों के सलाहकार वार्ता द्वारा कश्मीर समस्या के समाधान के लिए भेंटवार्ता करेंगे।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के वरिष्ठ सलाहकार ने कहा कि नवाज़ शरीफ ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेकर दोनों देशों के भविष्य के बारे में नया अध्याय खोल दिया है। सरताज अजीज ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद से मुकाबला और क्षेत्र में हिंसा को रोकने की अपनी नीति पर अमल करता रहेगा।

न्यूयार्क में इस्राईल के विरोध में प्रदर्शन।

रिपोर्ट के अनुसार फ़िलिस्तीन के ख़िलाफ़ जारी इस्राईली अत्याचारी क्रैकडाउन के ख़िलाफ़ अमरीका के न्यूयार्क शहर में हज़ारों लोगों नें इस्राईली मिशन के सामने विरोध प्रदर्शन किये हैं।

प्रदर्शनकारियों ने जो फ़िलिस्तीन को आज़ाद करो के नारे लगा रहे थे, तीन इस्राईलियों को किडनैप किये जाने के सिलसिले में फ़िलिस्तीनियो पर जारी इस्राईली क्रैकडाउन पर कड़े रुख़ का इज़हार किया।

रैली में भाग लेने वाले सन फ़्रांस्सैस्को यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर रबाब इब्राहीम नें कहा कि इस्राईल नें पिछले दो हफ़्तों के दौरान 500 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनियों को गिरफ़्तार किया है जिनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जिन्हें इस्राईली जेल से पहले रिहा किया गया था। इस्राईल के इस तरह के क़दम से स्पष्ट होता है कि ज़ायोनी सरकार हमेशा अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय की मांगो को अनदेखा करती रही है।

उन्होंने फ़िलिस्तीनी घरों पर इस्राईल छापों और फ़िलिस्तीनियों को नरसंहार की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि ज़ायोनी फ़ौजियों के हाथों पिछले सप्ताह 5 फ़िलिस्तीनियों को शहीद किया गया और हम इस्राईल के इस अत्याचारी क़दम, फ़िलिस्तीन पर क़ब्ज़े और उसकी पॉलिसी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।