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सीरिया की सरकार और जनता का समर्थन जारी रखेगा।

हिज़बुल्लाह लेबनान नें ऐलान किया है कि उसके ख़िलाफ़ होने वाले हमले,

सीरिया की सरकार के समर्थन में हिज़बुल्लाह के इरादे को कमज़ोर नहीं कर

सकते हैं। हिज़बुल्लाह नें कहा है कि लेबनान का इस्लामी प्रतिरोध आतंकवादी

हमलों से डरने वाला नहीं है और सीरिया की सरकार के लिये अपना समर्थन जारी

रखेगा। हिज़बुल्लाह लेबनान नें यह प्रतिक्रिया अलक़ायदा से सम्बंधित दाएश

नाम के आतंकवादी संगठन की तरफ़ से दक्षिणी बैरूत में होने वाले धमाके की

ज़िम्मेदारी स्वीकार किये जाने के बाद दी है। इस आतंकवादी हमले में दसियों

लोगों की मौत हो गई थी और बहुत से लोग घायल हो गए थे।

सब्रा व शतीला के जल्लाद की मौतअतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन के पूर्व प्रधानमंत्री और सब्रा और शतीला के जल्लाद के नाम से विख्यात एरियल शैरोन की मौत हो गई। प्रेस टीवी की रिपोर्ट के अनुसार इस्राइली टेलीविज़न ने घोषणा की है कि पूर्व प्रधानमंत्री एरियल शैरोन की 8 वर्ष तक कोमा में रहने के बाद शनिवार को मौत हो गई। अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री और सब्रा और शतीला का जल्लाद 2006 से ब्रेन हैम्रेज के कारण कोमा में था। 85 वर्षीय शैरोन विश्व जनमत विशेष रूप से फिलिस्तीनियों और अधिकतर अरब देशों में लेबनान में फिलिस्तीनी शिविरों सब्रा और शतीला पर बर्बर हमले और फिलिस्तीनियों के नरसंहार के कारण जल्लाद के नाम से प्रसिद्ध था। ज्ञात रहे कि अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन की सेना ने ज़ायोनी शासन के तत्कालीन युद्धमंत्री एरियल शैरोन के आदेश पर 16,17,18 सितंबर 1982 को लेबनान की राजधानी बेरूत में सब्रा और शतीला शिविरों में 3 हज़ार से लेकर पांच हज़ार तक फ़िलिस्तीनियों का बड़े ही बर्बरता से जनसंहार कर दिया था। मारे जाने वालों में अधिकतर महिलाएं, बच्चे और वृद्ध लोग शामिल थे।

परमाणु वार्ता टीम को होशियार रहना चाहिए

आयतुल्लाह मोवह्हेदी किरमानी ने ईरान की परमाणु वार्ता टीम को होशियार रहने की सिफ़ारिश की है। तेहरान की नमाज़े जुमा के भाषण में आयतुल्लाह मुहम्मद अली मोवह्हेदी किरमानी ने कहा कि ईरान की परमाणु वार्ता टीम को चाहिए कि वार्ता के दौरान वह राष्ट्रीय हितों पर किसी भी प्रकार की आंच न आने दे। उन्होंने जनेवा में जारी परमाणु वार्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि ईरान की परमाणु वार्ता टीम को चाहिए कि वह इस्लामी क्रांति के स्वाभिमान और मान-सम्मान को सर्वोपरि रखे। आयतुल्लाह किरमानी ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि ईरानी जनता परमाणु वार्ता में पूर्ण पारदर्शिता की इच्छुक है कहा कि देश की परमाणु वार्ता टीम को सामने वाले पक्ष की विस्तारवादी सोच के मुक़ाबले में पूर्ण रूप से होशियार रहने की आवश्यकता है। उन्होंने सीरिया से संबन्धित जनेवा में होने वाले सम्मेलन में अमरीका की ओर से ईरान की उपस्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान जैस प्रभावशाली देश के लिए यह उचित नहीं है कि वह इस सम्मेलन में आधिकारिक रूप से उपस्थित न होकर अनौपचारिक रूप में उपस्थित हो। आयतुल्लाह मोवह्हेदी किरमानी ने इस्लामी देशों विशेषकर सीरिया और इराक़ में वहाबी आतंकवादियों की हिंसक गतिविधियों का उल्लेख करते हुए मुस्लिम धर्मगुरूओं से मांग की है कि वे इन आतंकवादियों की वासतविकता से विश्ववासियों को अवगत करवाएं।

जेनेवा-2 समझौता, पहले से कोई शर्त मंज़ूर नहीं

इस्लामी रिपबल्कि ईरान के विदेशमंत्री नें कहा है कि ईरान सीरिया के संकट

के हवाले से जेनेवा-2 बैठक में भाग लेने के लिये किसी तरह की पूर्व शर्त

स्वीकार नहीं करेगा। रिपोर्ट के अनुसार विदेशमंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़

नें आज तेहरान में सीरिया के उप विदेशमंत्री फ़ैसल मेक़दाद के साथ मुलाक़ात

में सीरिया के बारे में जेनेवा-2 समझौते में ईरान के ठोस व स्पष्ट रूख़ की

तरफ़ इशारा करते हुए ज़ोर देकर कहा कि सही से निमंत्रण दिये जाने की

स्थिति में ईरान सीरिया के संकट के हल में मदद के लिये जेनेवा-2 बैठक में

भाग ले सकता है। उन्होंने कहा कि सीरिया के संकट के हल में ईरान महत्वपूर्ण

रोल अदा कर सकता है और ईरान अपने उसूलों पर चलते हुए सीरिया के संकट को

समाप्त करने के लिये हर सम्भव प्रयास करेगा।

ज़ायोनी फ़ौजियों का अत्याचार जारी

ग़रीबों का हक़ खाने वाली ज़ायोनी सरकार के फ़ौजियों नें अपनी अत्याचारी

पॉलिसी को जारी रखते हुए दक्षिणी जार्डन में अल ख़लील क्षेत्र में

फ़िलिस्तीनियों पर हमला किया। फ़िलिस्तीनी मीडिया सेल के अनुसार ज़ायोनी

सरकार के फ़ौजियों नें दक्षिणी जार्डन के अलख़लील शहर के सफ़ा व बैते अम्र

क्षेत्रों में फ़िलिस्तीनियों के घरों पर धावा बोल दिया और फ़ायरिंग व आँसू

गैस के गोले दाग़े। इस दौरान कई फ़िलिस्तीनी मुसलमान बेहोश हो गए। दूसरी

तरफ़ अल ख़लील शहर के दक्षिण में ज़ायोनी लोगों नें इस्माईले अदरा नामी

फ़िलिस्तीनी को घेर कर उस पर हमला कर दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। याद रहे कि अत्याचारी ज़ायोनी सरकार के फ़ौजी फ़िलिस्तीनियों पर हमला करके उन्हें गिरफ़्तार कर लेते हैं और उन्हें नुक़सान पहुँचाते हैं।

अमरीका और ब्रिटेन नें ईरान से दुश्मनी की बात स्वीकारी

मेह्र न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री जैक स्ट्रा नें बीबीसी से बातचीत में अमरीका और ब्रिटेन की ईरान से दुश्मनी की बात स्वीकारी है। ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री का कहना था कि अमरीका और ब्रिटेन, ईरान के एक समान दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि ईरान के साथ अमरीका और ब्रिटेन के बीच ख़राब रिश्तों का इतिहास बहुत पुराना है। स्पष्ट रहे कि ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री आज कल ब्रिटेन की पार्लियामेंट के सदस्य हैं और उन्होंने पिछले कुछ दिनों में एक संसदीय प्रतिनिधि मण्डल के साथ ईरान का दौरा किया और दौरे की समाप्ति के बाद वापस लौटकर ईरान के स्वागत व व्यवहार की तारीफ़ की।

मुंबई-देहरादून एक्सप्रेस ट्रेन में लगी आग, 9 मरेट्रेन की बोगी में आग लगने की यह तस्वीर (फ़ाइल फ़ोटो)

मुंबई-देहरादून एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने से 9 व्यक्ति मारे गए।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना महाराष्ट्र के थाने ज़िले के दहानू क़स्बे के निकट बुधवार तड़के घटी जब इस चलती हुयी ट्रेन में आग लग गयी।

मरने वालों में 1 महिला, 4 पुरुष हैं जबकि रिपोर्ट मिलने के समय बाक़ी मृतकों की पहचान नहीं हो पायी थी।

समझा जाता है कि बुधवार तड़के लगभग 2.30 पर आग एक डिब्बे में लगी और फिर दो दूसरे डिब्बों में फैल गयी।

पश्चिमी रेलवे के प्रवक्ता के अनुसार लेवेल क्रॉसिंग के चौकीदार ने आग देखी और उसने गार्ड को सूचित किया। गार्ड ने ड्राइवर को सूचित किया और ट्रेन रुक गयी। इस प्रकार चौकीदार ने क़ाबिले तारीफ़ काम करके बड़ी तबाही को होने से रोक लिया।

आरंभिक सूचना के अनुसार गंतव्य की ओर तेज़ी से बढ़ रही ट्रेन की बोगी क्रमांक एस-3 में आग लगी और तेज़ी से बग़ल के दोनों डिब्बों में पहुंच गयी।

यूनियन रेलवे मंत्री मल्लिकार्जुन खारगे ने इस घटना पर शोक जताते हुए मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

घटना की जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

दस साल की बहन को बना दिया आत्मघाती हमलावरअफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने दस साल की अफ़ग़न बच्ची को आत्मघाती हमले पर विवश किए जाने के मामले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह काम मानवीय व इस्लामी सिद्धांतों का हनना है।

राष्ट्रपति करज़ई ने मंगलवार को दस साल की बच्ची की गिरफ़तारी के बाद जो अपने शरीर पर विस्फोटक जैकेट बांध कर आत्मघाती हमला करने जा रही थी, कहा कि बच्चे अफ़ग़ानिस्तान के भविष्य के निर्माणकर्ता हैं उनकी शिक्षा का प्रबंध किया जाना चाहिए, उन्हें आत्मघाती हमलों के लिए प्रयोग करना अमानवीय है। हामिद करज़ई ने तालेबान से मांग की कि इस प्रकार की अमानवीय हरकतें बंद करें।

ज्ञात रहे कि अफ़ग़ानिस्तान के गृह मंत्रालय ने हिलमंद प्रांत के ख़ानशीन क्षेत्र में दस साल की बच्ची की गिरफ़तारी की सूचना दी जो अपने शरीर पर विस्फोटक जैकेट बांधे सैनिकों के कारवां की प्रतीक्षा कर रही थी। इसपोजमी नामक इस बच्ची ने गिरफ़तारी के बाद बताया कि उसके भाई ने जो तालेबान का कमांडर है यह हमला करने के लिए उसे तैयार किया था।

कश्मीर समस्या के समाधान के निकट पहुंच चुके थे भारत-पाकभारत और पाकिस्तान दो बार कश्मीर समस्या के समाधान के निकट पहुंच चुके हैं।

भारत तथा ब्रिटेन के दो समाचार पत्रों में छपने वाली रिपोर्ट के अनुसार अतीत में दो बार दोनों देश कश्मीर समस्या के समाधान के बिल्कुल निकट पहुंच गए थे। भारत के समाचार पत्र इंडिया डुटे और ब्रिटिश समाचार पत्र दि मेल के अनुसार चेनाब फ़ार्मूले में चेनाब को सीमा के रूप में स्वीकार किया जाना था। इस प्रकार श्रीनगर भारत को और चेनाब का कुछ पश्चिमी भाग पाकिस्तान को मिलता। इसी पर्कार पाकिस्तान का कुछ भाग भारत को दिया जाता। चार पैरामीटर्ज़ में सीमाओं पर नर्मी, ग़ैर सैनिक क्षेत्र, व्यापार और लोगों के संबंधों का संयुक्त कार्यक्रम तथा दोनों ओर के कश्मीरियों की सम्मिलिति थी। रिपोर्ट में यह रहस्योदघाटन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के विशेष दूत और पूर्व विदेश सचिव शहरयार ख़ान के एक साक्षात्कार के हवाले से किया गया है। पाकिस्तानी दूत ने बताया कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के काल में भारत और पाकिस्तान कश्मीर समस्या पर एक समझौते के निकट पहुंच गए थे किंतु यह फ़र्मूला वास्तविकता का रूप नहीं ले सका। उन्होंने कहा कि मैं भविष्य में इस संकट के समाधान के बारे में आशावान हूं।

सीरिया संकट का समाधान केवल वार्ताः ईरानविदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा है कि जनेवा-टू सम्मेलन में भाग लेने के लिए कोई एसा प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जाएगा जो ईरान के मान-सम्मान के अनुरूप हो। मरज़िया अफ़ख़म ने सोमवार को तेहरान में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि ईरान आरंभ से यही कहता आ रहा है कि सीरिया संकट का एकमात्र समाधान वार्ता ही है। उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान ने सीरिया संकट के समाधान हेतु अपनी तत्परता की घोषणा कर दी है किंतु जनेवा-टू सम्मेलन में भाग लेने के लिए वह एसे किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा जो ईरान के मान-सम्मान से मेल न खाता हो। इससे पहले अमरीकी विदेशमंत्री जान कैरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि सीरिया संकट के समाधान के उद्देश्य से ईरान, अनाधिकारिक रूप से जनेवा-टू सम्मेलने में भाग ले सकता है।