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सिक्योरिटी कॉउंसिल का प्रस्ताव प्रशंसनीय
इस्लामी रिपब्लिक ईरान के विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा है कि दुनिया के देशों की ओर से संयुक्त प्रयास करके आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुक़ाबला किया जा सकता है। श्रीमती मरज़िया अफ़ख़म ने आतंकवाद के विरूद्ध अभियान से संबन्धित सिक्योरिटी कॉउंसिल के प्रस्ताव को इस अभिशाप के विरूद्ध प्रभावी क़दम बताया। उन्होंने सिक्योरिटी कॉउंसिल के इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि आतंकवाद के विरूद्ध अभियान में समस्त देशों को दोहरे मानदंड से बचते हुए कार्यवाही करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस बारे में दोहरे मापदंडों के कारण ही विश्व के देश आतंकवाद का शिकार हुए हैं। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवाद के विषय पर विश्व समुदाय और संचार माध्यमों का ध्यान तथा सिक्योरिटी कॉउंसिल का क़दम एसा प्रभावशाली हथियार है जिससे इस अभिशाप का मुक़ाबला करने में बहुत सहायता मिलेगी।
तेहरान दौरे में द्विपक्षीय मुद्दो पर बातचीत होगी
तुर्की के प्रधानमंत्री ने कहा है कि अपने तेहरान दौरे के दौरान मैं ईरानी अधिकारियों से महत्वपूर्ण इलाक़ाई परिवर्तनों और अन्तर्राष्ट्रीय विषयों पर विचार-विमर्श करूंगा। रजब तैयब ओर्दोग़ान ने अपनी तेहरान यात्रा से पूर्व तुर्की की सत्तासीन पार्टी न्याय और विकास के सदस्यों को संसद में संबोधित करते हुए यह बात कही। तुर्की के प्रधानमंत्री ने कहा कि तेहरान की दो दिवसीय यात्रा के दौरान मैं ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई, राष्ट्रपति हसन रूहानी और दूसरे अधिकारियों से मुलाक़ात करूंगा। इसी बीच तुर्की की सत्तासीन पार्टी न्याय और विकास की साइट पर लिखा गया है कि प्रधानमंत्री ओर्दोग़ान ईरान के उप राष्ट्रपति के निमंत्रण पर तेहरान की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं।
ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी से कूफ़ी अन्नान की मुलाक़ात।
संयुक्त राष्ट्र से पूर्व सिक्रेट्री जनरल कूफ़ी अन्नान और उनके साथ आए प्रतिनिधिमण्डल नें आज तेहरान में राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाक़ात की। राष्ट्रपति हसन रूहानी नें इस अवसर पर कहा कि क्षेत्र में अस्थिरता और संकट के बुनियादी कारण सांस्कृतिक मूल्यों का आभाव, ग़रीबी, लोकतंत्र का अभाव, विदेशी फ़ौजों की उपस्थिति और विदेशी ताक़तों का समर्थन है। डाक्टर हसन रूहानी नें इस मुलाक़ात में साम्प्रदायिकता और आतंकवाद को क्षेत्र के लिये सबसे बड़े ख़तरों के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद, हिंसा और चरमपंथ का सामना करने के लिये संयुक्त राष्ट्र में ईरान की तरफ़ से दिये गए सुझावों की रौशनी में करना चाहिये। राष्ट्रपति रूहानी नें सीरिया के संकट की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि सीरिया के बारे में सबसे महत्वपूर्ण काम आतंकवादियों की फ़ौजी और राजनीतिक मदद रोकना है जो कुछ देशों की तरफ़ से की जा रही है जबकि सीरिया की जनता को मानवीय मदद पहुँचाना भी बहुत ज़रूरी है।
ईरान और दक्षिण कोरिया के मध्य संबंधों के विस्तार पर बल
संसद सभापति डाक्टर अली लारीजानी ने ईरान और दक्षिणी कोरिया के संबंधों में विस्तार पर बल दिया है।
रविवार को तेहरान में उन्होंने अपने दक्षिणी कोरियाई समकक्ष से भेंट में यह बात कही। इस अवसर पर दक्षिण कोरिया के संसद सभापति ने कहा कि दक्षिण कोरिया और ईरान के संबंधों का इतिहास, पचास वर्ष पुराना है किन्तु हम दोनों देशों के बीच संबंधों के नये इतिहास के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि ईरान, मध्य पूर्व में एक महत्वपूर्ण देश है और हमारी तकनीकी दक्षता और ईरान के समृद्ध संसाधनों से दोनों देशों को आर्थिक लाभ पहुंचेगा। कांग चांग ही ने कहा कि नेशनल एसेंबली के स्पीकर के रूप में यह मेरा ईरान का पहला दौरा है और मैं ईरानी इतिहास और संस्कृति को निकट से देखना चाहता हूँ कि जिसके बारे में सुनता रहा हूँ। बैठक के दौरान ईरान के संसद सभापति अली लारीजानी ने भी ईरान और दक्षिण कोरिया के बीच संयुक्त व्यापारिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों के विस्तार पर बल दिया। ज्ञात रहे कि दक्षिण कोरिया के संसद सभापति के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को तीन दिवसीय यात्रा पर तेहरान पहुंचा है। पिछले मार्च से ईरान का दौरा करने वाला यह दक्षिण कोरिया का पांचवां संसदीय प्रतिनिधिमंडल है।
ईरान और ग्रुप 5+1 के बीच बातचीत का अगला चरण न्यूयार्क में।
इस्लामी रिपब्लिक ईरान और ग्रुप 5+1 के बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर जेनेवा समझौते की रौशनी में बातचीत का अगला चरण न्यूयार्क में आयोजित होगा। ईरानी विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ नें ड्यूस सम्मेलन के संदर्भ में यूरोपीय यूनियन की विदेशी नीति और ग्रुप 5+1 की प्रमुख कैथ्रीन एश्टोन के साथ मुलाक़ात के बाद कहा है कि ईरान और ग्रुप 5+1 के बीच जेनेवा समझौते की रौशनी में बातचीत न्यूयार्क में जारी रहेंगे और सभी पक्ष इस बात के लिये ज़िम्मेदार हैं कि वह दोपक्षीय विश्वास को बनाए रखने के लिये जेनेवा समझौते को लागू करेंगे।
ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों को लिये है और ईरान परमाणु तकनीक के क्षेत्र में अपनी कोशिशों को जारी रखेगा और ईरान के परमाणु हथियार बनाने का ना कोई इरादा था और न भविष्य में होगा।
وَسَخَّرَ لَكُمُ اللَّيْلَ وَالْنَّهَارَ وَالشَّمْسَ وَالْقَمَرَ وَالْنُّجُومُ مُسَخَّرَاتٌ بِأَمْرِهِ إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآيَاتٍ لِّقَوْمٍ يَعْقِلُونَ
और उसने तुम्हारे लिए रात और दिन को और सूर्य और चन्द्रमा को कार्यरत कर रखा है। और तारे भी उसी की आज्ञा से कार्यरत है - निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ है जो बुद्धि से काम लेते है-[16:12]
चरमपंथी तकफ़ीरी संगठन इस्लामी जगत की बड़ी समस्या
तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम आयतुल्लाह मोहम्मद इमामी काशानी ने चरमपंथी तकफ़ीरी संगठनों को इस्लामी जगत की सबसे बड़ी समस्या बताया है।
आयतुल्लाह मोहम्मद इमामी काशानी ने तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के ख़ुतबों में इस्लाम में शीया और सुन्नी समुदायों की समानताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इस्लाम के शत्रु सीरिया और इराक़ में चरमपंथी तकफ़ीरी संगठनों का समर्थन करके मुसलमानों के बीच विवाद की आग भड़का रहे हैं। आयतुल्लाह मोहम्मद इमामी काशानी ने कहा कि तकफ़ीरी संगठनों ने विश्व में इस्लाम की साख को भारी क्षति पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के बीच फूट और मतभेद उत्पन्न करने वाली बातों से दूर रहने की आवश्यकता है। आयतुल्लाह मोहम्मद इमामी काशानी ने मध्यपूर्व के क्षेत्र में इस्लामी गणतंत्र ईरान की प्रभावी भूमिका का उल्लेख किया और जेनेवा-2 सम्मेलन के लिए ईरान को निमंत्रण देकर वापस ले लिए जाने पर खेद जताते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने यह क़दम उठाकर सिद्ध कर दिया है कि सीरिया और इराक़ में निर्दोष मुसलमानों के बहते ख़ून की उपेक्षा कर रहा है ताकि साम्राज्यवादी देशों के लक्ष्य पूरे होते रहें। आयतुल्लाह मोहम्मद इमामी काशानी ने परमाणु मामले में ईरान की सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ईरान की सरकार की नीतियां औज्ञ विशेष रूप से परमाणु मामले में ईरान के विदेश मंत्रालय का रुख़ बहुत ठोस है जिसका इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता और ईरान की जनता समर्थन करती है।
ईरान ने क़ाहेरा विस्फोटों की आलोचना की
ईरानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने क़ाहेरा में होने वाले विस्फोटों की आलोचना की है।
मर्ज़िया अफ़ख़म ने कहा है कि शुक्रवार को क़ाहेरा में होने वाले विस्फोट, मिस्र की एकजुटता को क्षति पहुंचाने और इसी प्रकार इस देश की सुरक्षा व स्थिरता को कमज़ोर करने के उद्देश्य से किए गए हैं। उन्होंने मिस्र में जनता के बीच अंतर्कलह उत्पन्न होने को रोकने के लिए राष्ट्रीय एकता व एकजुटता की आवश्यकता पर बल दिया है। ज्ञात रहे कि मिस्र की राजधानी क़ाहेरा में शुक्रवार को हुए तीन विस्फोटों में पाँच लोग हताहत और लगभग सत्तर घायल हो गए हैं। ये विस्फोट पुलिसकर्मियों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर किए गए थे। पहला विस्फोट क़ाहेरा में पुलिस मुख्यालय के बाहर कार बम के रूप में हुआ जिसमें चार लोग मारे गए और पचास से अधिक घायल हुए। इसके कुछ ही देर बाद दो अन्य विस्फोट हुए जिनमें एक व्यक्ति मारा गया और पंद्रह अन्य घायल हुए। यहे विस्फोट वर्ष 2011 की क्रांति की तीसरी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर हुए हैं।
अमरीका में पारदर्शी मुक़द्दमे की कोई आशा नहीं, स्नोडेन
अमरीकी इंटेलीजेन्स संस्था एनएसए के पूर्व कांट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन ने कहा है कि इस बात की कोई संभावना नहीं है कि अमरीका में उन पर पारदर्शी मुक़द्दमा चलाया जाए और उनका अमरीका वापस जाने का कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने बताया कि जिस सौ साल पुराने क़ानून के अंतर्गत उनके विरुद्ध आरोप पत्र दाख़िल किया गया है उसमें जनहित के आधार पर आरोपी के पास अपने बचाव का कोई रास्ता नहीं है। इंटरनेट पर सवाल जवाब के एक सेशन में उन्होंने कहा कि एसा नहीं हो सकता कि मैं वापस जाऊं और किसी ज्यूरी के सामने अपना पक्ष रख सकूं। एडवर्ड स्नोडेन ने कहा कि निष्पक्ष मुक़द्दमे की संभावना का न होना उनके लिए विशेष रूप से परेशानी की बात है।
30 वर्षीय एडवर्ड स्नोडेन को रूस में अंतरिम शरण दी गई है। एडवर्ड स्नोडेन ने अमरीका की नेशनल इंटेलीजेन्स एजेंसी की गतिविधियों का भांडाफोड़ किया था जिसमें बताया गया था कि एजेंसी बड़े पैमाने पर अमरीका और विश्व के विभिन्न देशों में फ़ोन और इंटरनैट के माध्यम से कई देशों के नेताओं और आम लोगों लोगों की ग़ैर क़ानूनी निगरानी करती है। इस मामले के सामने आने के बाद कई देशों से अमरीका के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।
निमंत्रण वापस लेने का महासचिव का क़दम खेदजनक
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा है कि ईरान कभी भी जेनेवा-2 सम्मेलन में भाग लेने का इच्छुक नहीं था।
मर्ज़िया अफ़ख़म ने मंगलवार को एक पत्रकार सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव की ओर से ईरान को जेनेवा-2 सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण दिए जाने के बाद कुछ देशों की ओर से डालने जाने वाले दबाव के कारण निमंत्रण वापस लेने को खेदजनक बताया। उन्होंने कहा कि अपेक्षा यह थी कि संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव, सीरिया संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए आयोजित होने वाले जेनेवा-2 सम्मेलन में ईरान को भाग लेने का निमंत्रण दे कर उसे वापस लेने के वास्तविक कारणों का उल्लेख करते। अफ़ख़म ने इस प्रश्न के उत्तर में कि क्या ईरान की उपस्थिति के बिना जेनेवा-2 सम्मेलन सफल हो पाएगा? कहा कि ईरान ने सदैव ही सीरिया संकट के समाधान के लिए राजनैतिक मार्ग अपनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है और वह उन देशों में से है जो राजनैतिक मार्ग अपनाए जाने में अग्रणी रहे हैं। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने ईरान व गुट पांच धन एक की ओर से सुंक्त कार्यवाही कार्यक्रम या ज्वाइंट एक्शन प्लान के क्रियान्वयन के बारे में कहा कि सोमवार को दोनों पक्षों ने इस कार्यक्रम को लागू कर दिया है और अब अगले क़दम उठाने के लिए वार्ता की अगली तारीख़ की समीक्षा की जाएगी।