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ईरान का तेल निर्यात प्रतिदिन बारह लाख बैरल पहुंचाईरान का तेल निर्यात प्रतिदिन बारह लाख बैरल पहुंच गया है जो पिछले साल सात लाख बैरल प्रतिदिन था।

ईरान के उप पेट्रोलियम मंत्री मंसूर मोअज़्ज़मी ने शुक्रवार को बताया कि ईरान का तेल निर्यात सात लाख बैरल प्रतिदिन था जब राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अगस्त 2013 में सत्ता संभाली थी।

उन्होंने बताया कि कच्चे तेल और गैस कन्डनसेट की मात्रा दुगुनी हो गयी है। मंसूर मोअज़्ज़मी ने कहा कि इस समय ईरान हर दिन चौदह लाख बैरल कच्चे तेल और गैस कन्डेनसेट का निर्यात कर रहा है।

उन्होंने बताया कि ईरान ने पिछले ईरानी वर्ष कैलेंडर में बजट में जितनी आय का अनुमान था उससे दस अरब डालर अधिक आय अर्जित की।

ईरान के उप पेट्रोलियम मंत्री ने यह भी बताया कि वर्तमान वर्ष में ईरान के मौजूदा प्रतिदिन गैस उत्पादन में आठ से दस करोड़ घन मीटर की वृद्धि होगी।

ईराक़ी प्रधानमंत्री के सलाहकार कुछ देश चुनाव के परिणामों को प्रभावित करने लिये लाखों डॉलर ख़र्च कर रहे हैं।

ईराक़ी प्रधानमंत्री के एक सीनियर सलाहकार नें कहा है कि कुछ देश चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने के लिये लाखों डॉलर ख़र्च कर रहे हैं।

तसनीम न्यूज़ के साथ बातचीत करते हुए अली मूसवी नें ईराक़ में होने वाले संसदीय चुनावों को महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस चुनाव के महत्व का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि कुछ देश चुनाव परिणामों पर अपना प्रभाव डालने के लिये लाखों डॉलर ख़र्च कर रहे हैं।

उनका कहना था कि कुछ देश आतंकवादियों का समर्थन करके ईराक़ में होने वाले चुनाव में रोड़ा अटकाने की कोशिश कर रहे हैं जबकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि ईराक़ में संसदीय चुनाव किसी देरी के बिना अपने निर्धारित समय पर होंगे।

ईराक़ में 30 अप्रेल को संसदीय चुनाव होने वाले हैं और यह उम्मीद की जा रही है कि किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा।

ईराक़ी प्रधानमंत्री नूरी अल मालिकी के ईरान के क़रीबी दौरे की रिपोर्ट रद्द करते हुए उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री हुसैन ज़बारी भविष्य में ईरान का दौरा करेंगे।

परमाणु उपलब्धियों से ईरान का पीछे हटना असंभव,इस्लामी गणतंत्र ईरान की संसद के अध्ययन व अनुसंधान केन्द्र के प्रमुख काज़िम जलाली ने कहा है कि परमाणु क्षेत्र में प्राप्त होने वाली उपलब्धियों से ईरान का पीछे हटना असंभव है।

काज़िम जलाली ने मंगलवार को तेहरान में आस्ट्रेलिया के राजदूत पाल फ़ूली से मुलाक़ात में कहा कि परमाणु मामले का एसा समाधान होना चाहिए जिसमें दोनों पक्षों की जीत हो। उन्होंने कहा कि ईरानी राष्ट्र अपनी परमाणु उपलब्धियों से कदापि पीछे नहीं हटेगा। काज़िम जलाली ने छह विश्व शक्तियों के साथ जारी ईरान की परमाणु वार्ता का हवाला देते हुए कहा कि पश्चिम को यह बात समझनी होगी कि ईरान के इस रुख़ को स्वीकार करके ही परमाणु मामले का समाधान किया जा सकता है। काज़िम जलाली ने कहा कि सामरिक लक्ष्यों के लिए परमाणु तकनीक का प्रयोग ईरान की नीति नहीं है और इस बारे में इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता स्पष्ट फ़तवा भी दे चुके हैं।

इस मुलाक़ात में आस्ट्रेलिया के राजदूत ने कहा कि उकना देश ईरान से विस्तृत संबंधों का इच्छुक है तथा उनकी सरकार परमाणु विषय में ईरान और छह विश्व शक्तियों के बीच होने वाले समझौते का स्वागत करती है।

पत्रकारों पर आतंकवादी आक्रमण की ईरान ने की निंदाआतंकवादियों के हाथों अलमनार टीवी चैनल के तीन कर्मचारियों के मारे जाने की घटना की ईरान ने कड़ाई से निंदा की है।

मंगलवार को विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मर्ज़िया अफ़्ख़म ने सीरिया के मालूला शहर में तकफ़ीरी आतंकवादियों के हाथों अलमनार टीवी चैनल के तीन कर्मचारियों की शहादत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस अपराध ने एक बार फिर चरमपंथ के किसी भी सीमा में न होने के गंभीर ख़तरे को ज़ाहिर कर दिया है।

उन्होंने ईरानी राष्ट्रपति की विश्व को चरमपंथ व हिंसा से मुक्त करने पर आधारित योजना की ओर इशारा करते हुए बल दिया कि मीडिया कर्मचारी की हत्या के मद्देनज़र चरमपंथ और आतंकवाद को रोकने के लिए सभी देशों व संबंधित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच सहयोग ज़रूरी लगता है।

ज्ञात रहे सोमवार को सीरिया के मालूला शहर के निकट अलमनार टीवी चैनल की रिपोर्टिंग टीम पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था जिसमें अलमनार टीवी चैनल के संवाददाता हमज़ा हाज हसन, कैमरामैन मोहम्मद मुन्तिश और तकनीकी कर्मचारी हलीम अलवा शहीद हो गए।

ईरान और आज़रबाइजान में रक्षा सहयोगरक्षामंत्री ने कहा कि ईरान, आज़रबाइजान की प्रतिरक्षा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए तैयार है।

ब्रिगेडियर जनरल हुसैन देहक़ान ने सोमवार को आज़रबाइजान गणराज्य के रक्षामंत्री ज़ाकिर हसनोफ़ से तेहरान में होने वाली मुलाक़ात में संस्कृति, सभ्यता और धर्म के क्षेत्रों में दोनों देशों की अत्यधिक समानताओं की ओर संकेत करते हुए कहा कि ईरान व आज़रबाइजान के राष्ट्रों के बीच प्राचीन समय से मित्रता व बंधुत्व रहा है और महत्वपूर्ण क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मामलों में दोनों की नीतियों में समानता बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने क्षेत्र में अशांति व अस्थिरता का कारण बनने वाले आतंकवाद व चरमपंथ की ओर संकेत करते हुए कहा कि क्षेत्रीय सरकारों को आतंकवाद के समूल सफ़ाए के लिए गंभीर नीति अपनानी चाहिए।

इस भेंट में आज़रबाइजान के रक्षामंत्री ने भी अपनी तेहरान यात्रा पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि ईरान, क्षेत्र का एक बड़ा व आज़रबाइजान का मित्र देश है और उसके साथ सहयोग में विस्तार बाकू सरकार की विदेश नीति की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों के समर्थन की घोषणा करते हुए आशा जताई कि परमाणु मामले में विश्व समुदाय और ईरान के बीच शीघ्र ही एक समग्र समझौता हो जाएगा।

लंदन में गुप्त एंटी बीडीएस बैठकइस्राईली शासन के उत्पादों के बहिष्कार की अंतर्राष्ट्रीय मांग को निष्प्रभावी बनाने के लिए लंदन में एक गुप्त बैठक हुयी जिसमें 25 देशों ने भाग लिया।

यूपीआई की रिपोर्ट के अनुसार यह बैठक इस हफ़्ते लंदन में आयोजित हुयी और तीन दिनों तक चली जिसमें ब्रितानी संसद के विदेश व कामनवेल्थ मामलों के पूर्व अधिकारी अलिस्टियर बर्ट और ज़ायोनी गुप्तचर मंत्री युवाल स्टेनिट्ज़ उपस्थित थे।

इस रिपोर्ट के अनुसार इस बैठक में कई योरोपीय देशों सहित अमरीका, आस्ट्रेलिया और कनाडा ने भाग लिया।

यह गुप्त बैठक तेल अविव की उन कोशिशों का हिस्सा है जिसके तहत वह इस्राईल के ख़िलाफ़ बहिष्कार, प्रतिबंध और पूंजिनिवेश को रोकने के अभियान को निष्प्रभावी बनाना चाहता है।

बीडीएस नाम से प्रसिद्ध अभियान, तेल अविव को अतिग्रहित फ़िलिस्तीन में अवैध बस्तियों के निर्माण को रोकने पर मजबूर करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कोशिशों का हिस्सा है।

दिल्ली में मस्जिदे अक़्सा सम्मेलन का आयोजनदिल्ली में मस्जिदे अक़्सा सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमें भाषणकर्ताओं ने मुसलमानों के पहले क़िब्ले की रिहाई के लिए मुस्लिम समुदाय की एकता को ज़रूरी बताया।

केन्द्रीय जमइयते उलेमा द्वारा दिल्ली में इंडिया कल्चरल सेन्टर में आयोजित इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए धर्मगुरुओं और बुद्धिजीवियों ने मुसलमानों के पहले क़िब्ले बैतुल मुक़द्दस की आज़ादी के संघर्ष को मुस्लिम समुदाय का पहला दायित्व बताया और फ़िलिस्तीन पर ज़ायोनियों के अवैध अतिक्रमण की निंदा की और ज़ायोनियों के षड्यंत्रों को नाकाम बनाने के लिए संयुक्त प्रयास करने की अपील की।

इस सम्मेलन में दिल्ली में फ़िलिस्तीन के चार्ज डी अफ़ेयर्ज़ शैख़ सालेह भी उपस्थित थे। उन्होंने फ़िलिस्तीनी कॉज़ के लिए भारतीय नागरिकों ख़ास तौर पर मुसलमानों का आभार प्रकट किया और कहा कि इज़्राईल मस्जिदे अक़्सा को ध्वस्त कर पूरे क्षेत्र पर नियंत्रण करना चाहता है।

इस सम्मेलन में नौ सूत्रीय एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें ग़ज़्ज़ा की घेराबंदी समाप्त करने का प्रयास करने, इज़्राईल से व्यापारिक एवं कूटनैतिक संबंध समाप्त करने, मस्जिदे अक़्सा और फ़िलिस्तीन के प्रति अधिक जागरुकता पैदा करने और भारत सरकार से फ़िलिस्तीन और फ़िलिस्तीनियों के प्रति गांधियाई नीति पर बरक़रार रहने की मांग की गयी है।

अमरीका के ख़िलाफ़ आधिकारिक तंत्र का सहारा लिया गया हैः अफ़्ख़मईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ में देश के नए नियुक्त दूत हामिद अबुतालेबी को वीज़ा देने से इंकार करने पर अमरीका के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी।

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मर्ज़िये अफ़ख़म ने रविवार की रात बताया कि इस मामले के संबंध में आधिकारिक तंत्र का सहारा लिया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि अबुतालेबी को वीज़ा देने से वाशिंग्टन का इंकार अंतर्राष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन है और यह संयुक्त राष्ट्र संघ और अमरीकी सरकार के बीच हुए समझौते के ख़िलाफ़ है।

वाशिंग्टन ने तेहरान में 1979 में अमरीकी दूतावास पर क़ब्ज़े की घटना के दौरान अबुतालेबी की भूमिका के आरोप में उन्हें वीज़ा देने से इंकार किया है। अबुतालेबी ने अमरीकी दूतावास पर क़ब्ज़े की घटना में सीधे तौर पर किसी प्रकार की भूमिका से इंकार करते हुए कहा है कि जिस समय बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत जारी थी उस समय उन्होंने एक अनुवादक के रूप में काम किया था।

ज्ञात रहे 4 नवंबर 1979 को ईरानी विश्वविद्यालय के छात्रों के एक गुट ने तेहरान में अमरीकी दूतावास पर धावा बोल दिया था जिसके संबंध में उनका मानना था कि वह जासूसी का अड्डा बन गया था। बाद में मिले दस्तावेज़ों से छात्रों के दावों की पुष्टि हुयी।

अफ़ग़ानिस्तान में राष्ट्रपति पद छह उम्मीदवारों की चुनावी परिणाम पर आपत्तिइस तस्वीर में अफ़ग़ानिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त अहमद यूसुफ़ नूरिस्तानी काबुल में 13 अप्रैल को प्रेस कांफ़्रेंस को संबोधित करते हुए।

अफ़ग़ानिस्तान में राष्ट्रपति पद के छह उम्मीदवारों ने आरंभिक नतीजे को मानने से इंकार कर दिया है जिसमें पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह को बढ़त हासिल है।

रविवार को अफ़ग़ानिस्तान के चुनाव आयोग ने घोषणा की कि दस प्रतिशत गिने गए मतों के आधार पर डाक्टर अब्दुल्लाह इक्तालीस दश्मलव नौ प्रतिशत के साथ सबसे आगे हैं और उनके बाद दूसरे स्थान पर अशरफ़ ग़नी है जिन्हें सैंतीस दशमलव छह प्रतिशत मत मिले हैं और ज़लमई रूसल नौ दश्मलव आठ प्रतिशत मतों के साथ तीसरे स्थान पर हैं।

अफ़ग़ानिस्तान के चुनाव आयोग ने कहा है कि आने वाले दिनों में मतगणना से सबसे आगे रहने वाला प्रत्याशी बदल सकता है।

इस घोषणा के बाद छह उम्मीदवारों ने नतीजे को मानने से इंकार कर दिया और मतदान में धांधली के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की

يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا اذْكُرُوا اللَّـهَ ذِكْرًا كَثِيرًا

ऐ ईमान लानेवालो! अल्लाह को अधिक याद करो[33:41]