Super User

Super User

इस्राईल का जवाब देने की पूरी क्षमता रखते हैं, असदसीरिया में आतंकवादी संगठनों के विरुद्ध सेना की कार्यवाही जारी है जबकि दूसरी ओर इस्राईल द्वारा गत शुक्रवार और रविवार को किए गए वायु आक्रमणों के जवाब में सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद ने कहा है कि उनका देश इस्राईली हमले का जवाब देने की पूरी क्षमता रखता है।

इस्राईली वायु आक्रमण के बाद अपने पहले बयान में राष्ट्रपति असद ने मंगलवार को कहा कि इस्राईली आक्रमण से सिद्ध हो गया कि अतिग्रहणकारी इस्राईल, क्षेत्रीय देश और पश्चिमी शक्तियां ही सीरिया में जारी वर्तमान संकट की ज़िम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि सीरिया की जनता और लोकप्रिय सेना इस्राईली आतंकवाद का सामने करने की शक्ति रखती है।

दूसरी ओर रूस के राष्ट्रपति विलादमीर पुतीन ने इस्राईल के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू से टेलीफ़ोनी वार्ता में कहा है कि यदि इस्राईल ने सीरिया पर फिर आक्रमण किया तो उसे रूस की जवाबी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि रूस सामरिक मार्गों से सीरियाई के राष्ट्रपति की सरकार गिराए जाने की कदापि अनुमति नहीं देगा।

उधर अमरीका के विदेश मंत्री जान कैरी रूस की यात्रा पर मास्को में हैं जहां रूसी राष्ट्रपति विलादमीर पुतीन औज्ञ विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ से उनकी मुलाक़ात हुई और दोनों देशों ने कहा कि सीरिया संकट के राजनैतिक समाधान के लिए प्रयासों को तेज़ किया जाएगा। मुलाक़ात के बाद दोनों विदेश मंत्रियों ने पत्रकार सम्मेलन में कहा कि वार्ता में इस बात पर सहमति बनी है कि सीरिया के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा जिसमें जिनेवा बैठक में हुए समझौते के आधार पर सीरिया संकट का समाधान खोजने का प्रयास किया जाएगा।

इसी बीच इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेश मंत्री अली अकबर सालेही जार्डन की यात्रा पूरी करके सीरिया की राजधानी दमिश्क़ पहुंचे जहां उन्होंने राष्ट्रपति बश्शार असद से मुलाक़ात की। उन्होंने ईरान का पक्ष एक बार फिर दोहराया कि सीरिया संकट का समधान केवल राजनैतिक मार्गों से निकल सकता है। मुलाक़ात में सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद ने कहा कि भविष्य सीरियाई जनता का है।

उधर सूचना है कि आतंकवादी संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र संघ के चार शांतिकर्मियों को पकड़ लिया है। एक आतंकवादी संगठन ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि हमने इन शांतिकर्मियों की सुरक्षा के लिए उन्हें पकड़ लिया है। यह दूसरी बार है कि विदेशों द्वारा समर्थित आतंकवादी संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र संघ के शांतिकर्मियों को पकड़ा है।

सीरिया संकट के शांतिपूर्ण समाधान पर ईरान और भारत का बलसीरिया में जारी संकट पर इस्लामी गणतंत्र ईरान और भारत ने गहरा खेद जताते हुए इसके शांतिपूर्ण समाधान पर बल दिया है।

सोमवार को ईरान – भारत संयुक्त आर्थिक आयोग की 17वीं बैठक के समापन पर जारी किए गए बयान में दोनों देशों ने सीरिया के सभी पक्षों से हिंसा त्यागने एवं सभी मामलों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने का आहवान किया।

दोनों देशों ने सीरियाई जनता की इच्छाओं का सम्मान करने पर भी बल दिया।

ईरान-भारत संयुक्त आर्थिक आयोग की 17वीं बैठक शनिवार को ईरान की राजधानी तेहरान में शुरू हुई थी जिसमें दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने भाग लिया।

नजीब दूसरी बार मलेशिया के प्रधान मंत्री बनेसोमवार को दूसरी बार नजीब रज़ाक़ ने मलेशिया के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। एक दिन पहले सत्तारूढ़ गठबंधन ने आम चुनाव में जीत हासिल की थी। जबकि विपक्ष ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है।

59 वर्षीय नजीब ने मलेशिया की राजधानी कुआलालाम्पुर में स्थित राजमहल में नरेश अब्दुल हलीम मुअज्ज़म शाह के समक्ष प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने देश की जनता से सत्तारूढ़ बरीसन गठबंधन की जीत को स्वीकार करने की अपील की। राष्ट्रीय टेलीविजन पर नजीब ने कहा, हमें विश्व को दिखाना है कि हमारा लोकतंत्र परिपक्व है। बरीसन राष्ट्रीय गठबंधन को संसद की 222 सीटों में से 133 पर जीत हासिल हुई है, जो पिछली बार की तुलना में दो कम है। बरीसन गठबंधन पिछले 56 वर्षो से मलेशिया की सत्ता पर पकड़ बनाए हुए है।

पूर्व उपप्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के नेतृत्व वाले तीन दलों के विपक्षी गठबंधन को 89 सीटों पर सफलता मिली है। 65 वर्षीय इब्राहिम ने सोमवार को कहा कि वह चुनाव परिणाम स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि इसमें धांधली हुई है।

सीरिया पर इस्राईली आक्रमण अमरीका की स्वीकृति से,ईरान के रक्षा मंत्री जनरल अहमद वहीदी ने कहा है कि इस्राईल ने अमरीका की स्वीकृति पाने के बाद सीरिया पर ताज़ा आक्रमण किया है।

जनरल वहीदी ने रविवार को कहा कि ज़ायोनी शासन के इस आक्रमण से सीरिया मं लड़ रहे आतंकवादी संगठनों उनके समर्थक देशों तथा इस्राईल के बीच मिलीभगत का पर्दाफ़ाश हो गया है।

शनिवार को अमरीकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा ने कहा था कि इस्राईल को सीरिया पर वायु आक्रमण करने का अधिकार है।

ईरान के रक्षा मंत्री ने कहा कि इस्राईल की इन उत्तेजक कार्यवाहियों से इस जाली ज़ायोनी शासन की आयु और भी घटती जाएगी। उन्होंने कहा कि इस्राईल के इस आक्रमण से यह भी पता चलता है कि मध्यपूर्व में जारी परिवर्तनों से वह बौखलाया हुआ है।

दमिश्क़ के निकट इस्राईल का विमान ध्वस्त, दो पाइलेट गिरफ़्तारसीरिया की राजधानी दमिश्क़ के निकट इस्राईल का एक युद्धक विमान नष्ट हो गया है। सीरिया की सेना का कहना है कि उसने दो विमान चालकों को गिरफ़्तार किया है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सीरिया की सेना ने राजधानी के निकट जमराया क्षेत्र पर इस्राईल के एक विमान को उस समय मार गिराया जब वह वहां पर आक्रमण कर रहा था। विमान के दो चालकों को गिरफ़्तार कर लिया गया है। इस समाचार पर इस्राईल की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया समाने नहीं आई है। ज्ञात रहे कि ज़ायोनी शासन के युद्धक विमानों ने रविवार को प्रातः सीरिया की राजधानी दमिश्क़ के जमराया क्षेत्र पर आक्रमण किया था जिसके दौरान सीरिया की सेना ने उसका एक युद्धक विमान मार गिराया तथा दो पाएलटों को गिरफ़्तार कर लिया।

रविवार, 05 मई 2013 06:26

हजरत निजामुद्दीन

हजरत निजामुद्दीन

हजरत निज़ामुद्दीन चिश्ती घराने के चौथे संत थे। इस सूफी संत ने वैराग्य और सहनशीलता की मिसाल पेश की, कहा जाता है कि 1303 में इनके कहने पर मुगल सेना ने हमला रोक दिया था, इस प्रकार ये सभी धर्मों के लोगों में लोकप्रिय बन गए। हजरत साहब ने 92 वर्ष की आयु में प्राण त्यागे और उसी वर्ष उनके मकबरे का निर्माण आरंभ हो गया, किंतु इसका नवीनीकरण 1562 तक होता रहा। दक्षिणी दिल्ली में स्थित हजरत निज़ामुद्दीन औलिया का मकबरा सूफी काल की एक पवित्र दरगाह है।

जीवनी

हज़रत ख्वाज़ा निज़ामुद्दीन औलिया का जन्म १२३८ में उत्तरप्रदेश के बदायूँ जिले में हुआ था। ये पाँच वर्ष की उम्र में अपने पिता, अहमद बदायनी, की मॄत्यु के बाद अपनी माता[1], बीबी ज़ुलेखा के साथ दिल्ली में आए। इनकी जीवनी का उल्लेख आइन-इ-अकबरी, एक १६वीं शताब्दी के लिखित प्रमाण में अंकित है, जो कि मुगल सम्राट अकबर के एक नवरत्न मंत्री ने लिखा था.

१२६९ में जब निज़ामुद्दीन २० वर्ष के थे, वह अजोधर(जिसे आजकल पाकपट्ट्न शरीफ,जो कि पाकिस्तान में स्थित है) पहुँचे और सूफी संत फरीद्दुद्दीन गंज-इ-शक्कर के शिष्य बन गये, जिन्हें सामान्यतः बाबा फरीद के नाम से जाना जाता था। निज़ामुद्दीन ने अजोधन को अपना निवास स्थान तो नहीं बनाया पर वहाँ पर अपनी आध्यात्मिक पढाई जारी रखी, साथ ही साथ उन्होंने दिल्ली में सूफी अभ्यास जारी रखा। वह हर वर्ष रमज़ान के महीने में बाबा फरीद के साथ अजोधन में अपना समय बिताते थे। इनके अजोधन के तीसरे दौरे में बाबा फरीद ने इन्हें अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया, वहाँ से वापसी के साथ ही उन्हें बाबा फरीद के देहान्त की खबर मिली।

निज़ामुद्दीन, दिल्ली के पास, घयासपुर में बसने से पहले दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रहे। घयासपुर, दिल्ली के पास, शहर के शोर शराबे और भीड-भड्डके से दूर स्थित था। उन्होंने यहाँ अपना एक “खंकाह” बनाया, जहाँ पर विभिन्न समुदाय के लोगों को खाना खिलाया जाता था, “खंकाह” एक ऐसी जगह बन गयी थी जहाँ सभी तरह के लोग चाहे अमीर हों या गरीब , की भीड जमा रहती थी।

इनके बहुत से शिष्यों को आध्यात्मिक ऊँचाई की प्राप्त हुई, जिनमें ’ शेख नसीरुद्दीन मोहम्मद चिराग-ए-दिल्ली”, “अमीर खुसरो” [2],जो कि विख्यात विद्या ख्याल/संगीतकार, और दिल्ली सलतनत के शाही कवि के नाम से प्रसिद्ध थे।

इनकी मृत्यु ३ अप्रेल १३२५ को हुई। इनकी दरगाह, निज़ामुद्दीन दरगाह दिल्ली में स्थित है।,

हजरत निजामुद्दीन

वंशावली

1. हज़रत मोहम्म्द

2. हज़रत अली

3. हज़रत सईदना इमाम हुसैन इब्न अली

4. हज़रत सईदना इमाम अली इब्न हुसैन ज़ैन-उल-आबेदीन

5. हज़रत सईदना इमाम मोहम्म्द अल-बकीर

6. हज़रत सईदना इमाम ज़ाफ़र अल-सदीक

7. हज़रत सईदना इमाम मूसा अल-काज़िम

8. हज़रत सईदना इमाम अली अल-रिदा (असल में,अली मूसी रज़ा)

9. हज़रत सईदना इमाम मोहम्म्द अल-ताकी

10. हज़रत सईदना इमाम अली अल-नाकी

11. हज़रत जाफ़र बोकारी

12. हज़रत अली अज़गर बोकारी

13. हज़रत अबी अब्दुल्लाह बोकारी

14. हज़रत अहमद बोकारी

15. हज़रत अली बोकारी

16. हज़रत हुसैन बोकारी

17. हज़रत अब्दुल्लाह बोकारी

18. हज़रत अली उर्फ़ दानियल

19. हज़रत अहमद बदायनी

20. हज़रत सईद शाह ख्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया

 

उर्स

हजरत निजामुद्दीन

इनका उर्स (परिवाण दिवस) दरगाह पर मनाया जाता है। यह रबी-उल-आखिर की सत्रहवीं तारीख को (हिजरी अनुसार) वार्षिक मनाया जाता है। साथ ही हज़रत अमीर खुसरो का उर्स शव्वाल की अट्ठारहवीं तिथि को होता है।

दरगाह

दरगाह में संगमरमर पत्थर से बना एक छोटा वर्गाकार कक्ष है, इसके संगमरमरी गुंबद पर काले रंग की लकीरें हैं। मकबरा चारों ओर से मदर ऑफ पर्ल केनॉपी और मेहराबों से घिरा है, जो झिलमिलाती चादरों से ढकी रहती हैं। यह इस्लामिक वास्तुकला का एक विशुद्ध उदाहरण है। दरगाह में प्रवेश करते समय सिर और कंधे ढके रखना अनिवार्य है। धार्मिक गात और संगीत इबादत की सूफी परंपरा का अटूट हिस्सा हैं। दरगाह में जाने के लिए सायंकाल 5 से 7 बजे के बीच का समय सर्वश्रेष्ठ है, विशेषकर वीरवार को, मुस्लिम अवकाशों और त्यौहार के दिनों में यहां भीड़ रहती है। इन अवसरों पर कव्वाल अपने गायन से श्रद्धालुओं को धार्मिक उन्माद से भर देते हैं। यह दरगाह निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन के नजदीक मथुरा रोड से थोड़ी दूरी पर स्थित है। यहां दुकानों पर फूल, लोहबान, टोपियां आदि मिल जाती हैं।

अमीर खुसरो

हजरत निजामुद्दीन

अमीर खुसरो, हज़रत निजामुद्दीन के सबसे प्रसिद्ध शिष्य थे, जिनका प्रथम उर्दू शायर में सम्मान किया जाता है। खुसरो का लाल पत्थर से बना मकबरा उनके गुरु के मकबरे के सामने ही स्थित है। इसलिए हजरत निज़ामुद्दीन और अमीर खुसरो की बरसी पर दरगाह में दो सर्वाधिक महत्वपूर्ण उर्स (मेले) आयोजित किए जाते हैं।

हुज्र इब्ने ओदई के रौज़े को ध्वस्त करने की कार्यवाही निंदनीयः ईरानइस्लामी गणतंत्र ईरान ने पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम के साथी “हुज्र इब्ने ओदई” के रौज़े को ध्वस्त करने की कार्यवाही की कड़े शब्दों में निंदा की है। विदेश मंत्रालय में अरब और अफ़्रीकी मामलों के प्रभारी हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने पैग़म्बरे इस्लाम (स) के साथी “हुज्र इब्ने ओदई” के रौज़े को ध्वस्त करने वालों को ज़ायोनी एजेन्ट बताया। उन्होंने कहा कि यह निंदनीय घटना, अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में पवित्र स्थलों को नष्ट करने की कार्यवाही जैसी ही है। ज्ञात रहे कि गुरूवार को आतंकवादियों ने सीरिया की राजधानी दमिश्क़ के निकट पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैह व आलेही व सल्लम के साथी “हुज्र इब्ने ओदई” के रौज़े को ध्वस्त कर दिया था। “हुज्र इब्ने ओदई” के रौज़े की गणना सीरिया के पवित्रतम स्थलों में होती है।

सीरिया में इस्लामी और पवित्र स्थलों के अनादर अस्वीकारीयइस्लामी गणतंत्र ईरान और मिस्र के विदेशमंत्रियों ने टेलीवार्ता में सीरिया सहित क्षेत्रीय विषयों पर चर्चा की।

मिस्र के विदेशमंत्री मुहम्मद कामिल अम्र ने शनिवार की रात, ईरानी विदेशमंत्री अली अकबर सालेही से टेलीफोनी वार्ता में अपने देश के राष्ट्रपति द्वारा प्रस्तावित चार पक्षीय समिति के सक्रिय होने में काहिरा की रूचि प्रकट करते हुए इस संदर्भ में सहयोग में विस्तार की मांग की।

विदेशमंत्री अली अकबर सालेही ने भी इस टेलीफोनी वार्ता में सीरिया में हिंसा रोकने, विदेशी हस्तक्षेपों और शस्त्रों की आपूर्ति पर रोक लगाने हेतु सभी पक्षों की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए सीरिया में इस्लामी और पवित्र स्थलों के अनादर को अस्वीकारीय बताया और कहा कि इस प्रकार की कार्यवाहियां आरंभिक मानवीय सिद्धान् का भी खुला उल्लंघन है।

ईरान व भारत की समृद्ध संस्कृति की वर्तमान मानव समाज को आवश्यकता है।इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति ने इस बात का वर्णन करते हुए कि ईरान व भारत के मध्य इतिहासिक व सांस्कृतिक समानताएं अत्याधिक हैं कहा कि दोनों देशों की समृद्ध संस्कृति की वर्तमान मानव समाज को आवश्यकता है और विश्व की वर्तमान परिस्थितियों में हमारा कर्तव्य है कि हम अपने संबंधों में विस्तार का दृढ़ संकल्प किये रहें।

राष्ट्रपति महमूद अहमदी नेजाद ने शनिवार की रात तेहरान में भारतीय विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद से भेंट में ईरान व भारत के संबंधों को पुराना तथा मैत्रीपूर्ण बताते हुए कहा कि ईरान व भारत ने सदैव ही न्याय व मित्रता के आधार पर मानवीय संस्कृति की रचना का प्रयास किया है। राष्ट्रपति ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां राष्ट्रों के हित में बड़ी तेज़ी से बदल रही हैं कहा कि वर्तमान विश्व व्यवस्था राजनीतिक, सांस्कृतिक व आर्थिक दृष्टि से बंद गली में पहुंच गयी है और विश्व में शक्ति के समीकरण मूल रूप स न्याय, मित्रता व शांति के हित में बदल जाएंगे। उन्होंने कहा कि मानवता को एसे विश्व की आवश्यकता है जहां देशों और राष्ट्रों के संबंध, न्याय व मित्रता पर बनें और उन्हें विकास व प्रगति का उचित अवसर मिले। ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि साम्राज्यवादी जितना दबाव बढ़ाएगें हम उतना ही मज़बूत होंगे और जब इन दबावों से निकल जाएंगे तो हम एक योग्य, न्यायप्रेमी अंतरराष्ट्रीय शक्ति होंगे और दोनों देशों के सामने एसा ही भविष्य है। राष्ट्रपति महमूद अहमदी नेजाद ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान, भारत के विकास से प्रसन्न है क्योंकि वह भारत के विकास को अपना विकास समझता है। इस भेंट में भारत के विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ने भी ईरान पड़ने वाले विभिन्न दबावों की ओर संकेत करते हुए कहा कि हमें ईरानी राष्ट्र पर पड़ने वाले इन दबावों के उद्देश्यों का पता है और हमें विश्वास है कि इन समस्याओं का ईरानी राष्ट्र के संकल्प पर कोम प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारतीय विदेशमंत्री ने ईरान के साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग विस्तार की इच्छा प्रकट की।

भारतीय विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ईरान व भारत के संयुक्त आर्थिक सहयोग आयोग की १७वीं बैठक में भाग लेने के लिए शुक्रवार की रात तेहरान पहुंचे हैं।

 

महिला व पुरुष अधिकारों के संबंध में इस्लाम के विचार सबसे तर्कसंगतइस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि महिला व पुरुष के व्यक्तिगत व सामाजिक अधिकारों के संबंध में इस्लाम व क़ुरआन के विचार सबसे तर्कसंगत, सबसे ठोस और सबसे व्यवहारिक विचार हैं।

आयतुल्लाहिल उज़मा इमाम ख़ामेनेई ने बुधवार को हज़रत फ़ातेमा अलैहस्सलाम तथा इमाम ख़ुमैनी के जन्म दिवस के अवसर पर पैग़म्बरे इस्लाम व उनके परिजनों के गुणगान में शेर लिखने वाले कवियों व वक्ताओं के एक समूह से भेंट में महिलाओं के सम्मान की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि आध्यात्मिकता की प्राप्ति और व्यक्तिगत एवं सामाजिक अधिकारों की दृष्टि से ईश्वर के निकट महिला व पुरुष में कोई अंतर नहीं है और महिलाओं के साथ व्यवहार उनकी प्रतिष्ठा के अनुसार सम्मानपूर्ण होना चाहिए। उन्होंने महिलाओं के संबंध में पश्चिम की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि पश्चिमी सभ्यता ने महिला के संबंध में जो व्यवहार अपनाया है वह एक बड़ा और अक्षम्य पाप है जिसकी किसी भी रूप में क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती।