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मुसलमानों की एकता उनकी सफलता की गैरेंटी
तेहरान की नमाज़े जुमा के इमाम ने कहा है कि मुसलमानों की एकता शत्रुओं और साम्राज्यवादी शक्तियों के मुक़ाबले में उनकी सफलता की गैरेंटी है। आज तेहरान की केंद्रीय नमाज़े जुमा आयतुल्लाह इमामी काशानी की इमामत में अदा की गयी। उन्होंने अपने भाषण में पैग़म्बरे इस्लाम सलल्लाहो अलैह व आलेही व सल्लम और उनके पौत्र हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्लाम के शुभ जन्म दिवस और एकता सप्ताह के उपलक्ष्य में विश्व के सभी मुसलमानों को बधाई देते हुए कहा कि यह सप्ताह मुसलमानों के मध्य एकता के सुदृढ़ होने का कारण बना है और मुसलमान अपनी एकता को सुदृढ़ करके शत्रुओं के षड्यंत्रों के मुक़ाबले में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। आयतुल्लाह इमामी काशानी ने इस्लामी क्रांति की सफलता की वर्षगांठ की ओर संकेत करते हुए कहा कि इस्लामी क्रांति, ईरानी राष्ट्र की श्रेष्ठता और समस्त क्षेत्रों विशेषकर तकनीक के क्षेत्र में उसकी प्रगति का कारण बनी है। उन्होंने कहा कि अरब देशों में साम्राज्यवादी सरकारों की पिट्ठु सरकारों के विरुद्ध जनक्रांति का स्रोत भी ईरान की इस्लामी क्रांति ही है। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद ईरान मुसलमानों के सबसे बड़े समर्थक के रूप में उभरा और आज अरब देशों के विपरीत ज़ायोनी शासन और वर्चस्ववादी व्यवस्था के समक्ष डटा हुआ है। आयतुल्लाह इमामी काशानी ने दस फ़रवरी को इस्लामी क्रांति की वर्षगांठ के अवसर पर जनता से प्रदर्शनों में भाग लेने की अपील करते हुए बल दिया कि दस फ़रवरी को ईरानी राष्ट्र अपने भव्य प्रदर्शनों से साम्राज्यवादी शक्तियों को यह स्पष्ट संदेश देगा कि वह डटा हुआ है और प्रतिबंध उसे साम्राज्यवादी शक्तियों का मुक़ाबला करने से नहीं रोक सकते। उन्होंने ईरान के विरुद्ध पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों और आर्थिक मुद्दों की ओर संकेत करते हुए कहा कि आर्थिक मुद्दों का समाधान राष्ट्र के हाथों में है और जनता अपनी एकता और सरकार के साथ सहयोग करके आर्थिक मुद्दों का समाधान कर सकती है और शत्रुओं को पराजित कर सकती है। उन्होंने आगामी राष्ट्रपति चुनाव की ओर संकेत करते हुए कहा कि ईरानी राष्ट्र चुनाव में भरपूर उपस्थित होकर शत्रुओं के षड्यंत्रों और प्रोपेगैंडों को विफल बना देगा।
मिस्र ने मनाई क्रान्ति की वर्षागांठ
मिस्र में जनता ने आज 25 जनवरी को क्रान्ति की वर्षगांठ मनाई।
मिस्री जनता की क्रान्ति से हुस्नी मुबारक की तानाशाही सरकार का अंत हो गया था। क्रान्ति लाने में मिस्री जनता एकजुट दिखाई दी थी किंतु इस समय सरकार के समर्थक और विरोधी दो धड़े तैयार हो गए हैं और जनता भी दो भागों में विभाजित है।
मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी ने अपने भाषण में कहा कि क्रान्ति ने देश को एसे युग में पहुंचा दिया है जिसमें अत्याचार की कोई गुंजाइश नहीं रह गई है उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में क्रान्ति के लक्ष्यों को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
देश की रक्षा के लिए पाकिस्तान सेना पूरी तरह तैयार है
प्राप्त सूचना के अनुसार, पाकिस्तानी सेना युद्ध अभ्यास कर रही है। पाक सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने इस युद्ध अभ्यास की ओर संकेत करते हुए कहा है कि सैन्य बल देश की संप्रभुता और अखंडता बनाए रखने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। पाकिस्तानी वायुसेना सैफ़्रन बैंडिट अभ्यास कर रही है और इसमें सेना उड्डयन और सेना वायु रक्षा विभाग शामिल है। ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल ख़ालिद शमीम वायने ने कहा कि सैन्य बल हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। पाक सेना के एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक माहौल और क्षेत्रीय ख़तरे की स्थिति न केवल अद्वितीय है बल्कि ज्यादा चुनौतीपूर्ण भी है क्योंकि हमारे सामने आंतरिक और बाहरी दोनों खतरे हैं। ग़ौरतलब है कि नियंत्रण रेखा पर हालिया कुछ घटनाओं के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था।
ईरान के परमाणु ऊर्जा मामले का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाए
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी आईएईए के महानिदेशक युकिया अमानो ने पश्चिम से आग्रह किया है कि वह तेहरान के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का शांतिपूर्ण समाधान निकाले।
गुरुवार को स्वीट्ज़रलैंड में विश्व आर्थिक फ़ोरम की बैठक के अवसर पर ज़ायोनी शासन के राष्ट्रपित शिमोन पेरेज़ के साथ मुलाक़ात में अमानो ने कहा कि वियना स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के विभाग ने ईरान के साथ वार्ता में तेज़ी एवं वृद्धि कर दी है।
17 और 18 जनवरी को ईरान और आईएईए के बीच तेहरान में दो दिवसीय बातचीत हुई थी। आईएईए ने घोषणा की है कि अगले चरण की बातचीत 13 फ़रवरी को ईरान की राजधानी तेहरान में आयोजित होगी।
शुक्रवार को आईएईए की ओर से जारी किए गए बयान में अमानो ने स्पष्ट किया कि एजेंसी बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है तथा ईरान के साथ शेष मुद्दों को कूटनयिक माध्यमों से हल करने की ज़रूरत है।
अफ़ग़ानिस्तानः क़ैदियों को यातना के मामले की जांच
अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने देश की जेलों में क़ैदियों को व्यवस्थित ठंग से यातनाएं दिए जाने संबंधी संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है।
राष्ट्रपति हामिद करज़ई के कार्यालय से जारी होने वाले बयान के अनुसार यह टीम देश की जेलों की स्थिति की सघन समीक्षा करेगी।
गत 20 जनवरी को संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया कि अफ़ग़ानिस्तान में क़ैदियों को यातनाएं दी जा रही हैं।
अफ़ग़ान अधिकारियों का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट तथ्यों पर नहीं बल्कि पूर्व क़ैदियों के दावों पर आधारित है।
मिस्र और ईरान ने संबंधों को विस्तृत करने पर बल दिया
सूडान में इस्लामी अंतरसंसदीय संघ के आठवें सम्मेलन के अवसर पर मिस्र के संसद सभापति अहमद फ़हमी ने ईरान के संसद सभापति डाक्टर अली लारीजानी से भेंट में ईरान और मिस्र के द्विपक्षीय संबंधों को विस्तृत किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस बात का उल्लेख करते हुए कि मिस्र की जनता ईरान के साथ सुदृढ़ संबंधों की इच्छुक है, कहा कि उनका देश ईरान की भांति सही सिद्धांतों के आधार पर आगे बढ़ रहा है और यह विषय दोनों देशों के संबंधों को प्रगाढ़ बनाने का माध्यम बन सकता है। मिस्री संसद सभापति ने परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण प्रयोग के ईरान के अधिकार पर बल देते हुए कहा कि पश्चिमी देश, ईरान और इस्राईल के बारे में दोहरा मापदंड रखते हैं। उन्होंने इसी प्रकार क्षेत्र में होने वाली क्रांतियों की ओर संकेत करते हुए कहा कि ईरान की इस्लामी क्रांति की इन सब क्रांतियों का स्रोत है। इस भेंटवार्ता में ईरान के संसद सभापति ने मिस्र को क्षेत्र का एक महत्त्वपूर्ण देश बताया और आशा व्यक्त की है कि इस देश में होने वाले राजनैतिक सुधार मिस्री जनता के लिए विभूतियों और अनुकंपाओं का स्रोत बनेंगे।
ईरान-पाक गैस पाइप लाईन पर प्रगति हुई है
पाकिस्तान की विदेशमंत्री हिना रब्बानी खर ने कहा है कि ईरान-पाक गैस पाइप लाईन योजना की वार्ता में बहुत अधिक प्रगति हुई है।
उन्होंने सेनेट में प्रश्न काल के दौरान कहा कि पाकिस्तान को अपने भाग की 781 किलोमीटर पाइप लाईन बिछाने के लिए एक अरब पचास करोड़ डालर की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि देश को वर्तमान समय मं ऊर्जा की गंभीर समस्याओं का सामना है। पाक विदेशमंत्री ने कहा कि वित्तीय समस्याओं को दूर करने के लिए ईरान से वार्ता में प्रगति हुई है। ज्ञात रहे कि इस योजना के पूरा होने से प्रतिदिन दो करोड़ साठ लाख घनमीटर गैस ईरान से पाकिस्तान सप्लाई की जाएगी। इस योजना में ईरान ने अपने भाग का काम पहले ही पूरा कर लिया है।
ईरान अंतरिक्ष में राकेट भेजने को तैयार
रक्षामंत्री ब्रिगेडियर जनरल अहमद वहीदी ने कहा है कि प्रभात दशक में पहले अंतरिक्ष केन्द्र का उद्घाटन होगा और पहला राकेट अंतरिक्ष में भेजा जाएगा जिसमें जीव मौजूद होंगे। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्रभात दशक के दौरान अंतरिक्ष केन्द्र का उद्घाटन किया जाएगा जिसका नाम वेद्यशाला हज़रत इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम रखा गया है। उन्होंने कहा कि जीवित जानवरों को लेकर जाने वाला राकेट अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और राकेट प्रक्षेपण केन्द्र का भी उद्घाटन किया जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह परियोजना रक्षामंत्रालय के कार्यक्रमों में शामिल है जिसका निर्धारित समय पर क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रभात दशक में नये युद्धक विमानों की भी प्रदर्शनी की जाएगी जिसका निर्माण ईरानी विशेषज्ञों ने किया है।
मातुरिदिया सम्प्रदाय
मातुरिदिया सम्प्रदाय (फिर्क़ा) माविराउन्नहर की सर ज़मीन पर वजूद में आया। जब माविराउन्नहर को मुसलमानों ने जीत लिया
मातुरिदिया सम्प्रदाय का संस्थापक अबु मंसूर मातुरिदिया है जिसका जन्म 238 हिजरी और देहान्त 333 हिजरी में हुआ। अबु मंसूर बहुत प्रतिभा और तेज़ बुद्धि वाला आदमी था वह बहस और मुनाज़रा में भी बहुत माहिर (विशेषज्ञ) था। अबु मंसूर ने अपने सम्प्रदाय को संस्थापित करने में बड़े शिक्षकों और अध्यापकों से मदद ली थी उनमें मुहम्मद इब्ने मक़ातिल राज़ी, अबु नस्र अयाज़ी, अबुबक्र अहमद इब्ने इसहाक़ जुरजानी और नसीर इब्ने यहया बलखी क़ाबिले ज़िक्र हैं।
अबु मंसूर ने बड़े शिक्षकों और अध्यापकों से मदद लेने के अलावा बहुत से शिष्यों की तरबियत (प्रशिक्षण) भी की है उनमें अबुल क़ासिम हकीम समरक़ंदी, अली रस्तग़फेनी, अबु मुहम्मद अब्दुल करीम बर्दी और अहमद अयाज़ी क़ाबिले ज़िक्र हैं।
अबु मंसूर ने तावीलाते क़ुरआन के बारे में एक तावीली तफसीर लिखी है और इल्मे कलाम में किताबुत-तौहीद लिखी है जिसमें विभिन्न सम्प्रदायों (फिरक़ो) के कलामी नज़रियों (दृष्टि कोण) को बयान किया है। उनकी दो और किताबें हैं जिसके नाम शर्हे फिक़्हुल अकबर और रिसालए फिल अक़ीदा है। उनकी फिक्ही किताबों में माख़ज़ुश-शरिया वल-जदल क़ाबिले ज़िक्र हैं।
मातुरिदिया सम्प्रदाय की मशहूर शख्सियतें :
(1) अबु यस्र बज़दवी
(2) अबु लुमऐन निस्फी
(3) नजमुद्दीन निस्फी
(4) नूरूद्दीन साबूनी
मातुरिदिया सम्प्रदाय के कलामी तरीक़े के बारे में तीन क़ौल हैं :
(1) मातुरिदिया का तरीक़ा अशअरी की तरह है।
(2) उनका तरीक़ा मोतज़ला से नज़दीक है।
(3) अशअरी और मोतज़ला के बीच का रास्ता है।
मातुरिदिया के नज़दीक अक़्ल और समअ, धर्म और शरियत के समझने के दो महत्वपूर्ण चीज़ें हैं। और उनका अक़ीदा है कि खुदा की पहचान नक़्ल से पहले अक़्ल से सिद्ध होती है और हर इंसान के लिए ज़रूरी है कि वह खुदा को अक़्ल के ज़रिए पहचाने। इसी बिना पर हुस्नो क़ुब्हे अक़्ली पर भी यक़ीन रखते हैं। मातुरिदिया के दूसरे नज़रियात खुलासे के तौर पर यह हैं :
मातुरिदिया और अबु मंसूर का अक़ीदा है कि नुसूस को उनके हक़ीक़ी (वास्तविक) अर्थ (मअना) पर ले जाने से तजस्सुम और तशबीह लाज़िम आती है। क़ुरआन और हदीस में मजाज़ का उपयोग हुआ है इस लिए तावील और तफवीज़ ऐसे उसूल हैं जिन पर मातुरिदिया के उसूले अक़ाइद निर्भर हैं।
मातुरिदिया की नज़र में तौहीद की कई क़िस्में हैं :
(1) तौहीद दर सिफात यानि खुदा की किसी सिफत में उसका कोई नज़ीर और सानी नहीं है।
(2) तौहीद दर ज़ात यानि खुदा की ज़ात में कसरत (अधिकता) नहीं है।
(3) तौहीद दर अफआल यानि खुदा अपने काम को अंजाम देने में ग़ैर से तासीर (प्रभाव) क़ुबूल नहीं करता है।
(4) तौहीद रुबूबी यानि इंसान के लिए खुदा की पहचान फितरी पहचान से मुकम्मल नही होती और उसे सिर्फ अक़्ल से ही मुकम्मल किया जा सकता है।
तकल्लुमे खुदा (खुदा का बोलना) :
खुदा का तकल्लुम पर मातुरिदिया जो दलील लाते हैं वह अक़्ली दलील है जो यह है :
कलाम, सिफाते मदह और कमाल में से है और खुदा ज़िन्दा (हई) और क़दीम (प्राचीन) है और इसके क़दीम (प्राचीन) होने की शर्त मे से है कि वह तमाम कमालात को रखता हो इस लिए इसका मुतकल्लिम होना ज़रूरी है वरना नक़्स पाया जाएगा।
नबुव्वत :
नबुव्वत का सिद्ध होना और पब्लिक का इसे क़ुबूल करना नबी की तरफ से मोअजज़ा पेश किए जाने पर और उसकी तरफ से चैलेन्ज करने पर मुन्हसिर है। मातुरिदिया के नज़दीक औलिया की करामात भी यही हुक्म रखती हैं।
क़ाबिले ज़िक्र है कि अहले सुन्नत के कलानी फिर्क़ो में मातुरिदिया, कलामे शिया से सबसे ज़्यादा नज़दीक है और इस वक़्त मज़हबे अशअरी के बाद अहले सुन्नत का दूसरा कलामी स्कूल है और अहले सुन्नत का एक बड़ा गुरूप विशेषकर हनफी मज़हब के मानने वाले मातुरिदिया के कलाम की पैरवी (अनुसरण) करते हैं।
हवाले :
(1) अल-मातुरिदिया दरासतुन व तक़वीमा, डाक्टर अहमद इब्ने एवज़ुल्लाहिल हरीरी
(2) आराऐ इब्ने मंसूर अल-मातुरिदिया अल-कलामिया, अल-क़ासिम इब्ने हसन
(3) तावीलाते अहलुल सुन्नह ले अबी मंसूर अल-मातुरिदिया
(4) रिसालतुन फिल खिलाफे बैने अशाएरा वल-मातुरिदिया मुहम्मद इब्ने मुहम्मद इब्ने शर्फुल खलीली
भाजपा और आरएसएस आतंकवादी शिविर चला रहे हैं
भारत की कांग्रेस पार्टी के चिंतन शिविर में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भाजपा और आरएसएस पर देश में भगवा आतंक फैलाने के लिए प्रशिक्षण शिविर चलाने का आरोप लगाया है। शिविर के अंतिम दिन सुशील कुमार शिंदे ने अपने भाषण में कहा कि 'जांच रिपोर्टों में पाया गया है कि भाजपा और संघ परिवार देश में आतंक फैलाने के लिए ट्रेनिंग कैंप चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि समझौता एक्सप्रेस, मक्कां मस्जिद और मालेगांव में बम विस्फोट इसके उदाहरण हैं। शिंदे ने कहा कि हमें इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना होगा और सतर्क रहना होगा। भारतीय जनता पार्टी ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी प्रवक्तां मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश के गृहमंत्री का बयान अत्यंत ही शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि शिंदे के बयान के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए। संघ प्रवक्ता राम माधव ने कहा कि शिंदे ने यह बयान अपने नेताओं को खुश करने के लिए दिया है। वहीं, सुशील कुमार शिंदे ने अपने बयान की सफाई में कहा कि उन्होंने आज जो कहा वह नया नहीं है और मीडिया रिपोर्टों में यह बात कई बार कही जा चुकी है।